विदेश जाने वालों की हुई मौज, इस देश ने वर्क वीजा को बढ़ाकर किया 90 हजार!
Germany Work Visa For Indians: जर्मनी में आने वाले समय में भारतीयों के लिए काम करना बहुत आसान हो जाएगा। इसकी वजह से जर्मनी ने वीजा की संख्या को बढ़ा दिया है। अब अधिक भारतीय जर्मनी में काम करने के लिए जा सकेंगे।
The Chopal, Work in Germany: जर्मनी ने भारत के स्किल प्रोफेशनल्स को अधिक वीजा देने का निर्णय लिया है। जर्मनी वर्ष में सिर्फ 20 हजार वीजा जारी करता है, जो अब 90 हजार हो गया है। जर्मन सरकार का यह निर्णय दोनों देशों के बीच आर्थिक और व्यावसायिक संबंधों को मजबूत करने में मदद करेगा। इस बारे में शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 18वें एशिया पैसिफिक कॉन्फ्रेंस ऑफ जर्मन बिजनेस को संबोधित करते हुए बताया।
PM मोदी ने कहा, "हमने आने वाले 25 सालों में विकसित भारत का रोडमैप तैयार किया है।" मैं खुश हूँ कि जर्मन कैबिनेट ने इस महत्वपूर्ण समय में 'फोकस ऑन इंडिया' दस्तावेज जारी किया है। जर्मनी ने 20 हजार स्किल भारतीय प्रोफेशनल्स के वीजा को 90 हजार करने का निर्णय लिया है। इससे जर्मनी का विकास नया मोड़ लेगा।जर्मनी के इस निर्णय से भारतीयों को यूरोप में अधिक अवसर मिलेंगे।
जर्मनी के नए वीजा नियमों से पता चलता है कि वह भारत से स्किल वर्कफोर्स को अपने देश में बुलाने के लिए इच्छुक है, जिससे भारतीयों को जर्मनी में नौकरी का भरपूर मौका मिलता है। जर्मनी में हर साल 20,000 से 90,000 वीजा दिए जाने से आईटी, इंजीनियरिंग और हेल्थकेयर जैसे कई क्षेत्रों में काम करने वाले भारतीय प्रोफेशनल को अधिक मौके मिलेंगे। ये निर्णय भारत और जर्मनी के बीच आर्थिक और टेक्नोलॉजिकल सहयोग को और भी मजबूत करने की कोशिशों का एक हिस्सा है।
लंबे समय से भारतीय स्किल वर्कर्स को टेक्नोलॉजी, मेडिसिन और इंजीनियरिंग क्षेत्रों में विशेषज्ञता के लिए जाना जाता है। जर्मन हाईटेक उद्योग के लिए ये क्षेत्र महत्वपूर्ण हैं। जर्मनी को अब उच्च स्तरीय योग्यता वाले कर्मचारियों को अपनी कंपनियों में लाने का अवसर मिलेगा, जिससे उसकी अर्थव्यवस्था बढ़ेगी और स्किल वर्कर्स की कमी को पूरा करेगी।
जर्मन आबादी की वृद्धि के कारण देश में कई क्षेत्रों में कर्मचारियों की कमी है। अब जर्मनी को भारत से आने वाले स्किल वर्कर्स के लिए वीजा की संख्या बढ़ाने का मौका मिल गया है, जिससे उसकी इंडस्ट्री तेजी से बढ़ सकेगी। भारत से प्रोफेशनल्स के जर्मनी आने से टेक, इंजीनियरिंग और हेल्थकेयर क्षेत्रों को सबसे अधिक फायदा होगा, क्योंकि ये क्षेत्र देश को विश्व अर्थव्यवस्था में शीर्ष स्थान पर ला सकते हैं।