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Indore western Ring Road: इंदौर के इस रिंग रोड से जितनी दूरी तय करेंगे उतना लगेगा टोल

Indore Western Ring Road : फरीदाबाद नगर निगम सीमा क्षेत्र में अलॉट की गई दुकानों के मालिकों को खुशखबरी है। मोनोहर लाल खट्टर सरकार ने दुकानों में फर्स्ट फ्लोर और बेसमेंट बनाने की अनुमति दी है। नगर निगम सीमा क्षेत्र में 1000 से अधिक दुकानें उपलब्ध हैं।
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Indore western Ring Road: इंदौर के इस रिंग रोड से जितनी दूरी तय करेंगे उतना लगेगा टोल

The Chopal (Indore News) : इंदौर में बढ़ते यातायात एक बड़ी समस्या है। अब इसे दूर करने के लिए एक नया रिंग रोड बनाने का काम शुरू हो गया है। वाहनों को शहर में प्रवेश नहीं दिया जाएगा। पश्चिमी रिंग रोड के निर्माण के कारण भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) नए उद्देश्यों को अपनाने में लगी हुई है।

खास बात यह है कि चालकों को 64 किमी लंबे रिंग रोड पर जितनी दूरी चलेंगे, उतना ही शुल्क देना होगा। इसके लिए पूरे रास्ते में आठ से दस स्थान जोड़े जाएंगे। यहां सेंसर नियंत्रित बूथ बनाए जाएंगे। रिंग रोड पर वाहन आते ही कैमरा स्कैन करेगा। शुल्क फास्टैग से कट जाएगा। अधिकारियों ने कहा कि यह सड़क पहली होगी जिसमें टोल प्लाजा नहीं होगा। बूथ से भुगतान किया जाएगा।

NHAI पश्चिमी रिंग रोड को दो भागों में बनाने वाला है। 34 किलोमीटर रामपुर से हातोद और 30 किलोमीटर हातोद से क्षिप्रा के बीच एक राजमार्ग बनाया जाएगा। पूरी सड़क को बनाने के लिए 538 हेक्टेयर जमीन की आवश्यकता होगी। सड़क इंदौर जिले के पांच तहसीलों के ४७ गांवों से गुजरेगी। 200 से अधिक किसानों की जमीन रिंग रोड में शामिल होने जा रही है। राजस्व विभाग जमीन खरीदने का काम कर रहा है। NHAI ने जनवरी में टेंडर निकालने के साथ ही मार्ग से संबंधित शिकायतों को बुलाया है। अधिकारियों का कहना है कि मार्च में टेंडर खुलेंगे। अगले दो या तीन महीनों में निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा।

किसानों का विरोध

64 किमी रिंग रोड बनाने में किसानों की जमीन सबसे अधिक खर्च होगी। यही कारण है कि किसान विरोधी हैं। किसान जमीन के बदले तीन से चार गुना अधिक मुआवजे की मांग कर रहे हैं। कुछ किसानों ने जमीन देने से स्पष्ट रूप से इनकार कर दिया है। वे न्यायालय जा सकते हैं।

मार्च में टेंडर खोले जाएंगे। सड़क दो हिस्सों में बनाई जाएगी। सड़क पर जितनी दूरी वाहन तय करेंगे, उतना ही शुल्क वसूला जाएगा। इसके लिए सेंसर वाले बूथ रखे जाएंगे। इन दिनों दावे-आपत्तियों को सुलझाने पर जोर दिया जा रहा है।
-सुमेश बांझल, प्रोजेक्ट डायरेक्टर, एनएचएआइ

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