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हरियाणा के इन 10 जिलों में बनेगी औद्योगिक टाउनशिप, प्रॉपर्टी और जमीन के रेट होंगे तेज

Haryana New Township : सीएम नायब सैनी सरकार हरियाणा के 10 जिलों में नए इंडस्ट्रियल टाउनशिप बसाएगी। इसमें प्रदेश के 10 जिलों में 10 इंटीग्रेटेड औद्योगिक टाउनशिप बनाई जाएगी। इन टाउनशिप का निर्माण होने बाद राज्य में जमीन की कीमत में भारी उछाल आएगा। यह टाउनशिप खासतौर पर रणनीतिक स्थानों पर बनाई जाएंगी ताकि इंडस्ट्रीज को सीधे एक्सप्रेसवे और हाईवे से कनेक्ट किया जा सके। 

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हरियाणा के इन 10 जिलों में बनेगी औद्योगिक टाउनशिप, प्रॉपर्टी और जमीन के रेट होंगे तेज

Haryana News : हरियाणा में औद्योगिक विकास की रफ्तार अब नई दिशा पकड़ चुकी है। पिछले कुछ सालों में जिस तेजी से राज्य में एक्सप्रेसवे एयरपोर्ट और लॉजिस्टिक्स हब बने हैं उसने इसे देश के सबसे आकर्षक निवेश स्थलों में शामिल कर दिया है। अब हरियाणा सरकार ने एक और बड़ा कदम उठाते हुए राज्य के 10 जिलों में इंटीग्रेटेड इंडस्ट्रियल टाउनशिप विकसित करने का फैसला किया है। यह टाउनशिप खासतौर पर रणनीतिक स्थानों पर बनाई जाएंगी ताकि इंडस्ट्रीज को सीधे एक्सप्रेसवे और हाईवे से कनेक्ट किया जा सके।

इस कदम से न सिर्फ राज्य में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे बल्कि एमएसएमई (MSME) मेक इन इंडिया (Make in India) और लोकल टू ग्लोबल इनिशिएटिव्स को भी बूस्ट मिलेगा। अब चलिए जानते हैं कि ये टाउनशिप कहां बनेंगी किस सेक्टर को किस लोकेशन पर बढ़ावा मिलेगा और सरकार की ग्राउंड लेवल प्लानिंग क्या है।

किन जिलों में बनेंगी टाउनशिप

हरियाणा सरकार ने जिन 10 जिलों को इस योजना में शामिल किया है वे सभी भौगोलिक और इकोनॉमिक दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं। इन जिलों का चयन मौजूदा आधारभूत ढांचे एक्सप्रेसवे कनेक्टिविटी एयरपोर्ट की नजदीकी और लेबर फोर्स की उपलब्धता के आधार पर किया गया है। जिन जिलों को टारगेट किया गया है वे हैं। ये सभी स्थान पहले से ही औद्योगिक गतिविधियों के लिए उपयुक्त माने जाते हैं। यहां न केवल कच्चा माल और श्रमिक बल आसानी से उपलब्ध है बल्कि निवेशकों के लिए ज़मीन और लॉजिस्टिक नेटवर्क भी सहज उपलब्ध हैं।

निवेशकों को मिलेगा डायरेक्ट बेनिफिट

हरियाणा सरकार का फोकस इस बार केवल टाउनशिप डेवलप करने तक सीमित नहीं है बल्कि इन्हें स्मार्ट कनेक्टिविटी और सेक्टर-स्पेसिफिक क्लस्टर के तौर पर विकसित किया जाएगा। इसके लिए प्रमुख हाइवे और एक्सप्रेसवे को चुना गया है ताकि लॉजिस्टिक्स कॉस्ट कम हो और व्यापार सुगमता (Ease of Doing Business) बढ़े।

दिल्ली-कटरा एक्सप्रेसवे

इस एक्सप्रेसवे के किनारे बनने वाले औद्योगिक क्लस्टर में ऑटोमोबाइल टेक्सटाइल और फूड प्रोसेसिंग जैसे भारी सेक्टरों को प्रमोट किया जाएगा। इसका फायदा गुरुग्राम कैथल और जींद जैसे जिलों को मिलेगा।

नारनौल-अंबाला हाईवे

इस रूट को छोटे और मध्यम उद्योगों (SMEs) के लिए आइडियल माना गया है। यहां लोकल मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स पैकेजिंग वर्कशॉप्स और ट्रांसपोर्ट-आधारित सेवाओं को प्राथमिकता मिलेगी।

डबवाली-पानीपत हाईवे

इस रूट पर फार्मा इलेक्ट्रॉनिक्स और पेट्रोकेमिकल सेक्टर को बढ़ावा देने की तैयारी है। सिरसा हिसार और भिवानी जिले इससे डायरेक्टली जुड़ेंगे।

गुरुग्राम और फरीदाबाद होंगे इंडस्ट्रियल पॉवरहाउस

गुरुग्राम और फरीदाबाद को इस पूरी रणनीति में स्पेशल फोकस दिया गया है क्योंकि यहां पहले से ही बड़ी इंडस्ट्रीज टेक कंपनियां और ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स मौजूद हैं। गुरुग्राम को ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरिंग इलेक्ट्रिक व्हीकल्स और टेक्नोलॉजी सेक्टर में ग्लोबल लेवल पर डेवलप किया जाएगा। यहां स्मार्ट सिटी मॉडल पर आधारित इंटीग्रेटेड क्लस्टर तैयार होंगे।

फरीदाबाद में हेवी मशीनरी इंडस्ट्रियल इंजीनियरिंग और मेटल फेब्रिकेशन सेक्टर को प्रमुखता दी जाएगी। साथ ही यहां से जेवर एयरपोर्ट की कनेक्टिविटी इन्वेस्टर्स के लिए बोनस साबित होगी। इन दोनों शहरों की ताकत यह है कि ये न सिर्फ दिल्ली-NCR के आसपास हैं बल्कि पूरे उत्तर भारत को जोड़ने वाले बिजनेस कॉरिडोर का हिस्सा हैं।

लॉजिस्टिक्स हब से मिलेगी ताकत

इस पूरी योजना का एक बड़ा उद्देश्य यह भी है कि औद्योगिक टाउनशिप को उन क्षेत्रों में बनाया जाए जहां एयरपोर्ट रेल मेट्रो और वेयरहाउसिंग फैसिलिटी पहले से मौजूद हो या बन रही हो। हिसार एयरपोर्ट के पास बनने वाला टाउनशिप इसका बेस्ट एग्जाम्पल है। यहां एविएशन और एयरोस्पेस सेक्टर के लिए डेडिकेटेड ज़ोन बनेगा। वहीं अंबाला और नारनौल को रेलवे और नेशनल हाईवे नेटवर्क से कनेक्ट करके ट्रांसपोर्टेशन को फास्ट ट्रैक पर लाया जाएगा।

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