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जयपुर मेट्रो देशभर में मॉडल मेट्रो की तरह होगी विकसित, फेज-2 के लिए बन रही DPR

Jaipur Metro Phase-2 : जयपुरवासियों को सुगम आवागमन की सुविधा उपलब्ध मिले, इसके लिए सरकार जुटी है। इसके तहत शहर में ही मेट्रो ट्रेन का संचालन किया जा रहा है। मेट्रो का फेज एक ही संचालित है, अब फेज-2 की तैयारी शुरू कर दी है। नई सरकार बनने के बाद से ही फेज-2 को लेकर चर्चाएं तेज हैं और तैयारी में भी सरकार जुटी है।

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जयपुर मेट्रो देशभर में मॉडल मेट्रो की तरह होगी विकसित, फेज-2 के लिए बन रही DPR

Rajasthan News : राजस्थान में सब कुछ सरकार की योजना के मुताबिक रहा तो जयपुर शहरवासियों को एयरपोर्ट से भी मेट्रो की सौगात मिल सकती है। इसके लिए राज्य सरकार ने अपने स्तर पर पूरी तैयारी कर ली है। अब बाकायदा फिजीबिलिटी तलाशी जा रही है, उच्च अधिकारी भी इस संबंध संभावित लागत भी निकाल रहे हैं।

दरअसल राजस्थान में केवल जयपुर शहर में ही मेट्रो ट्रेन का संचालन किया जा रहा है। मेट्रो का फेज एक ही संचालित है, अब फेज-2 की तैयारी शुरू कर दी है। नई सरकार बनने के बाद से ही फेज-2 को लेकर चर्चाएं तेज हैं और तैयारी में भी सरकार जुटी है।

मेट्रो फेज-2 की डीपीआर अपडेशन पर चर्चा

जयपुर मेट्रो के फेज-2 की डीपीआर अपडेशन, अन्य संभावित मार्गों पर मेट्रो संचालन की संभावना तलाशने, चयनित रास्तों की डीपीआर तैयार करने आदि के संबंध में सोमवार को शासन सचिवालय में नगरीय विकास एवं आवासन विभाग के प्रमुख शासन सचिव वैभव गालरिया ने समीक्षा बैठक ली ।

इसलिए जोड़ा जाएगा एयरपोर्ट से मेट्रो ट्रेन रूट से

जयपुर एयरपोर्ट विशेषकर अंतर्राष्ट्रीय टर्मिनल-1 पर हर माह बड़ी संख्या में यात्री आते हैं। इन यात्रियों को मेट्रो की सुविधा मिले तो शहर की कनेक्टिविटी काफी हद तक बढ़ जाएगी। शहर में यातायात का दबाव भी कम होगा। इसलिए जयपुर एयरपोर्ट मेट्रो कनेक्टिविटी पर सरकार का इन दिनों पूरा फोकस है।

मेट्रो विस्तार पर चर्चा, संभावित लागत का लगे अनुमान

जयपुरवासियों को सुगम आवागमन की सुविधा उपलब्ध मिले, इसके लिए सरकार जुटी है। इसे देखते हुए जयपुर मेट्रो को देश भर में मॉडल मेट्रो के रूप में विकसित किया जा रहा है। नगरीय विकास एवं आवासन विभाग के प्रमुख शासन सचिव वैभव गालरिया ने जयपुर मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड के अधिकारियों को निर्देश दिए कि इस प्रोजेक्ट में खर्च व लागत का समुचित आकलन किया जाए ताकि वित्तीय संसाधनों का सदुपयोग हो सके, साथ ही सभी स्टेक होल्डर्स के साथ समन्वय स्थापित कर गुणवत्ता एवं दिए गए समय सीमा के अनुरूप कार्य पूर्ण किए जाए ताकि आमजन के लिए बेहतर परिवहन सुविधा जल्द से जल्द उपलब्ध करवाई जा सके।