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Katas Raj Temple: भोलेनाथ के मंदिरों की हालत खस्ता, करती पाकिस्तान की कंगाली बयान

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भोलेनाथ के मंदिरों की हालत खस्ता,

THE CHOPAL (Katas Raj Temple) - आपको बता दे की पाकिस्तान के पौराणिक कटासराज मंदिर की अब देखरेख भी पाकिस्तान के इस कंगाली के दौर में रुक सी गई है। शिव मंदिर के हालात बदतर होते भी जा रहे हैं। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार  मां पार्वती के वियोग में भगवान शिव के आंसू इस मंदिर पर गिरे थे। बता दे की तबसे यहां एक कुंड बना जहां करोड़ों हिन्दुओं की आस्था भी  जुड़ी है। इस मंदिर में हर साल भारत से लाखों श्रद्धालु जाते हैं। आपको बता दे की अब स्थानीय लोग ने भी पूजास्थलों के प्रति प्रशासन की उदासीनता को लेकरकाफी नाराजगी भी जाहिर कर रहे हैं। 

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बता दे की एक्सक्लूसिव तस्वीरें हैं जो बयान करती पवित्र कटासराज मंदिर जो हिंदुओं की आस्था से जुड़े इस पवित्र मंदिर के प्रति पाकिस्तानी प्रशासन का अनदेखा रवैयासामने आया रहा है। बता दे की यहां हर साल जाने वाले यात्रियों के अनुसार इस पवित्र मंदिर को मात्र पर्यटन स्थल ही तहत विकसित करके पाकिस्तान की जनता के सामने पेश भी किया जा रहा है। 

भोलेनाथ के आंसू  -

आपको बता दे की जहां तक इस मंदिर में रोजाना पूजा होने की बात हैं तो जब भी भारत से भक्त इस मंदिर पर जाते हैं तभी यहां पर पूजा होती है। भगवान भोलेनाथ के आंसू की मान्यता वाले इस मंदिर जब इस खस्ता हालत में है तो यह साफ अंदाजा लगाया जा सकता है इससे जुड़े भक्तों के ऊपर अब क्या बीत रही होगी। 

कटासराज मंदिर -

कटासराज मंदिर के आसपास के लोगों के अनुसार आजादी से पहले कटासराज मंदिर परिसर में 193 छोटे-बड़े मंदिर हुआ करते थे, लेकिन आजादी के बाद सिर्फ एक यह मंदिर ही रह गया, मुख्य कटासराज मंदिर से 2 KM पहले इस मंदिर परिसर को कटासराज धाम भी कहते हैं। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार मां पार्वती के वियोग में भगवान शिव के आंसू दो जगह गिरे थे इक तो राजस्थान के पुष्कर धाम और एक पाकिस्तान के कटासराज धाम और तभी से यह दोनों जगह पर हिंदू धर्म की बड़ी आस्था का केंद्र भी बन गईं। इस पवित्र स्थल का महाभारत काल में भी वर्णन किया गया है। यहां पर पांडव आकर रुके भी थे और शास्त्रार्थ के बाद इस पवित्र कुंड का पानी भी  पिया था। तब से यहां पर VKT-वक्त पर साल में महत्वपूर्ण हिंदू मान्यताओं के मुताबिक पर्व और कार्यक्रमों का आयोजन होने लगा.

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मंदिर की हालत बदतर -

श्रद्धालुओं के अनुसार आजादी के बाद से जब से इस मंदिर की हालत बदतर होती चली गई। लगभग  40 साल पहले किसी तरीके से जब  भारत से कुछ श्रद्धालुओं इस मंदिर के दर्शन करने की इजाजत मिली तो इस मंदिर के बदहाली की और अधिक हकीकत भी सामने आने लगी। बता दे की पाकिस्तान में आए दिन मंदिरों और गुरुद्वारों पर हमले की खबर सामने भी आती रहती है और अब उसके कंगाली के इस दौर में करोड़ों लोगों की आस्था से जुड़े इस मंदिर की हालत रखरखाव की कमी के चलते बद से बदतर होती भी जा रही है। 

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