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UP के तीन जिलों में नए एक्सप्रेसवे के लिए हुआ जमीन अधिग्रहण, बिहार के 313 गांवों से निकलेगा

Gorakhpur-Siliguri Expressway : उत्तर-प्रदेश, बिहार और बंगाल को सीधे कनेक्टिविटी देने के लिए 519 किलोमीटर लंबे 6 लेन ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे के निर्माण के लिए तैयारियां तेज कर दी गई हैं। इसके निर्माण को मंजूरी मिल गई है। इसका 73 प्रतिशत हिस्सा बिहार के 8 जिलों में निर्मित किया जाएगा। इसको 120 किमी. प्रति घंटे की रफ्तार से वाहन दौड़ाने के लिहाज से डिजाइन किया जाएगा। 

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UP के तीन जिलों में नए एक्सप्रेसवे के लिए हुआ जमीन अधिग्रहण, बिहार के 313 गांवों से निकलेगा

Gorakhpur-Siliguri Expressway Route Map : भारतमाला परियोजना (Bharatmala Project) के अस्तित्व में आने से देशभर में एक्सप्रेसवे का मकड़जाल बिछाया जा रहा है। इनमें से उत्तर प्रदेश के पास सबसे ज्यादा हाईटेक एक्सप्रेसवे हैं, जो आसपास के राज्यों को सीधे कनेक्ट करते हैं। इसी क्रम में बिहार और बंगाल तक कनेक्टिविटी आसान बनाने के लिए 519 किलोमीटर लंबे एक्सप्रेसवे को बनाने को मंजूरी दे दी गई है। इस नए सड़क मार्ग के विकसित होने से यातायात के साथ संबंधित जिलों के अंदर शहरों, कस्बों और गावों का आर्थिक विकास होगा।

गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे रूट मैप

बात गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे की हो रही है जो यूपी के गोरखपुर से शुरू होकर वाया बिहार पश्चिम बंगाल की सीमा को टच करेगा। इधर, गोरखपुर, पूर्णिया और बक्सर से भागलपुर और पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी को सीधे तौर पर कनेक्ट करेगा। इसके निर्माण से तीन राज्यों के लोगों को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी साथ ही कम समय में सुगम यात्रा होगी।

बिहार में चार एक्सप्रेस-वे का निर्माण कार्य जल्द शुरू होने वाला है। इसमें गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेस-वे (519 किमी) रक्सौल-हल्दिया एक्सप्रेस-वे (Raxaul-Haldia Expressway 650 किमी) पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे ( Purvanchal Expressway बक्सर से पटना होते हुए भागलपुर तक 345 किमी) और पटना-पूर्णिया एक्सप्रेस-वे ( Patna-Purnia Express 215 किमी) को विकसित कर सफर आसान बनाया जाएगा।

गोरखपुर सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे के जिले

गोरखपुर सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे 417 किलोमीटर की दूरी बिहार के दरभंगा, चंपारण, सीतामढ़ी, मधुबनी, किशनगंज, सुपौल, फारबिसगंज को सीधे कनेक्ट करेगा। यह राज्य के 39 प्रखंडो के 313 गांवों से होकर गुजरेगा। इस प्रोजेक्ट के तहत गंडक और कोसी नदी के पुल के रिएलायनमेंट की योजना है। बिहार में इस हाईटेक मार्ग के निर्माण के लिए 27,552 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। एक्सेस कंट्रोल ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे पर 120 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से वाहन दौड़ाये जा सकते हैं।

गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे के गांव

उत्तर प्रदेश के गोरखपुर, कुशीनगर और देवरिया जिले के कुल 111 गांवों की जमीन का अधिग्रहण किया गया है, जिसमें चौरी-चौरा तहसील के 14 गांव, कुशीनगर की हाटा तहसील के 19 गांव, तमकुहीराज तहसील के 42 गांव और कसया तहसील के 13 गांव रेखांकित किए गए हैं। देवरिया जिले की सदर तहसील के 23 गांव के किसानों की जमीन अधिग्रहित की गई है। यह एक्सप्रेसवे उधर, बरेली-गोरखपुर एक्सप्रेसवे से जुड़ा एक पैरलर सड़क मार्ग होगा।

गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे की लंबाई

गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे यूपी में 84.3 किमी., बिहार में 417 किमी. और पश्चिम बंगाल में 18 किमी की लंबाई तय करेगा। मौजूदा समय में गोरखपुर-सिलीगुड़ी को जोड़ने वाली कोई सीधा सड़क मार्ग नहीं है। लिहाजा, अभी सफर तय करने में 15 घंटे का टाइम लगता है। लेकिन, इस सड़क मार्ग के निर्माण से 15 घंटे का सफर महज 6 घंटे में तय किया जा सकेगा। इस परियोजना को विकसति करने के लिए कुल 37,645 करोड़ निर्धारित किए गए हैं।

गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे किनारे रोजगार

गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे के निर्माण तीनों राज्यों के रूट में पड़ने वाले शहरो, कस्बों और गांव के आसपास रोजगार की संभावनाएं बढ़ेगी। एक्सप्रेसवे के किनारे औद्योगिक इकाईयां, होटल, रेस्टोरेंट, ढाबे, मंडियां, ईधन, पेट्रोल पंप और बाजार इत्यादि विकसित कर स्थानीय लोगों को रोजगार मुहैया कराया जाएगा। स्थानीय लोग अपने छोटे धंधे को बढ़ाकर अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत कर सकेंगे।