UP में मई से शुरू हो जाएगा 80 गावों की जमीनों का अधिग्रहण, बसेगा नया मॉडर्न शहर
UP News: उत्तर प्रदेश में बढ़ती आबादी को ध्यान में रखते हुए योगी सरकार की तरफ से एक नया शहर बनाने की कवायद अब और ज्यादा तेज हो गई है। पिछले 1 साल से इस शहर को बसाने की चर्चा जोरो शोरों से चल रही है। लेकिन अब इस प्रोजेक्ट को लेकर जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया जल्द ही करवाई जाएगी। जमीन एटीकरण के बदले मुआवजा रेट तय करने की प्रक्रिया अभी अंतिम चरण में चल रही है।

Uttar Pradesh News : उत्तर प्रदेश में शहरीकरण और आबादी के दबाव को संतुलित करने की दिशा में एक अहम कदम को दर्शाती है। योगी सरकार द्वारा एक नए शहर को बसाने की योजना, राज्य की भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखकर बनाई जा रही है। नोएडा ने अब 50 वें साल में कदम रख दिया है। उत्तर प्रदेश में नया नोएडा को बसाने की तैयारी अब शुरू हो गई है। इसके लिए मई से जमीन अधिग्रहण का कार्य शुरू होगा। अधिकारियों का कहना है कि मुआवजा दर निर्धारित करने की प्रक्रिया अंतिम चरण में है। जमीन मिलने के बाद ले आउट प्लान बनाया जाएगा।
80 गांवों की जमीन अधिग्रहित
नोएडा के 50वें वर्ष में प्रवेश करना एक ऐतिहासिक पड़ाव है, और इसी मौके पर "नया नोएडा" बसाने की योजना एक बड़े शहरी विस्तार का संकेत देती है। नया नोएडा बनाने की जिम्मेदारी सिर्फ नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों पर है। अधिकारियों का कहना है कि मुआवजा दर निर्धारित करने की प्रक्रिया अंतिम चरण में है। जमीन मिलने के बाद ले आउट प्लान बनाया जाएगा। NNO बुलंदशहर और दादरी के 80 गांवों पर बनाया जाएगा। पिछले अक्टूबर में शासन ने नवीनतम नोएडा का मास्टर प्लान-2041 मंजूर किया था। वर्तमान में नए नोएडा को दादरी-नोएडा-गाजियाबाद इन्वेस्टमेंट रीजन (डीएनजीआईआर) कहा जाता है। नया नोएडा 2009.11 वर्ग किलोमीटर, या 200,911.29 हेक्टेयर क्षेत्र में बनाया जाएगा। इसके लिए 80 गांवों की सूचीबद्ध जमीन अधिग्रहित की जाएगी। इस मास्टरयोजना को चार चरणों में पूरा किया जाएगा। दिल्ली की एसपीए स्कूल ऑफ प्लानिंग एंड आर्किटेक्ट ने यह मास्टर प्लान बनाया है। ये शहर पश्चिमी उत्तर प्रदेश में विकास करेगा।
अधिकारियों ने बताया कि न्यू नोएडा का मास्टर प्लान-2041 को प्राधिकरण की 210 वीं बोर्ड में प्रस्तुत किया गया था। सितंबर 2023 में मास्टर प्लान पर आपत्तियां मांगी गईं, जो 12 जनवरी 2024 को शासन को मंजूरी के लिए भेजा गया। इसे चार चरणों में पूरा करना होगा। 3165 हेक्टेयर जमीन वर्ष 2023 से 27 तक विकसित की जाएगी। 2027 से 2032 तक 3798 एकड़ जमीन को इसी तरह विकसित किया जाएगा। 2032-37 तक 5908 हेक्टेयर और 2037-41 तक 8230 हेक्टेयर जमीन विकसित करने का लक्ष्य है।
जमीन अधिग्रहण की विभिन्न प्रक्रियाएँ निम्नलिखित हैं
नोएडा में अधिकांश हिस्से की जमीन का अधिग्रहण धारा चार और छह के तहत जिला प्रशासन के जरिए किया गया। कुछ स्थानों पर किसानों ने आपसी सहमति से जमीन ली गई हैं। इसके अलावा, गुरुग्राम की तरह डेवलपर को सीधे जमीन खरीदने का अधिकार देने का विचार भी है। उस क्षेत्र का आंतरिक विकास डेवलपर करेगा, जबकि प्रशासन बाहरी विकास करेगा। अधिकारियों का कहना है कि अभी तक कोशिश की जा रही है कि किसानों से जमीन सिर्फ आपसी सहमति से ली जाए।
भूमि अधिग्रहण पर एक हजार करोड़ का बजट
नोएडा प्राधिकरण ने पिछले महीने हुई बोर्ड बैठक में डीएनजीआईआर में आंतरिक विकास और भूमि अधिग्रहण के लिए एक हजार करोड़ रुपये का बजट मंजूर किया था। इस राशि को जमीन अधिग्रहण के समय प्रयोग किया जाएगा।
नोएडा प्राधिकरण का गठन
29 अगस्त 2017 को डीएनजीआईआर नामक विशेष निवेश क्षेत्र शासन द्वारा गठित किया गया था। शुरुआत में यूपीसीडा को इसे बनाना था, लेकिन बाद में कुछ संशोधन किया गया। 29 जनवरी 2021 को, सरकार ने इस क्षेत्र को बसाने की जिम्मेदारी नोएडा प्राधिकरण को दी। बता दें कि शहर को एक साथ बसाने की जगह चार अलग-अलग क्षेत्रों में बसाया जाएगा। मास्टर योजना बनाने वाली एसपीए ने शिकागो और यूरोपीय देशों की तरह क्षेत्र में बांट बनाने की योजना बनाई है।
चरण संख्या | विकसित की जाने वाली भूमि | लक्ष्य वर्ष |
प्रथम चरण | 3,165 हेक्टेयर | 2027 |
द्वितीय चरण | 3,798 हेक्टेयर | 2032 |
तृतीय चरण | 5,908 हेक्टेयर | 2037 |
चौथा चरण | 8,230 हेक्टेयर | 2041 |