राजस्थान के इस इलाके में सातवें आसमान पर पहुंचे जमीन के रेट, ग्रामीण क्षेत्रों में बड़ा इजाफा
Rajasthan News : राजस्थान में भूमि की कीमतों में हाल ही में वृद्धि देखी गई है, जिससे संपत्ति खरीदना महंगा हो गया है। राज्य सरकार ने डीएलसी (जिला स्तरीय समिति) दरों में वृद्धि की है, जो संपत्ति के न्यूनतम मूल्य को निर्धारित करती हैं। डीएलसी दरों में करीब एक वर्ष में दूसरी बार राज्य सरकार ने बढ़ोतरी की है। इस बार, शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में डीएलसी दरों में काफी वृद्धि हुई है। यदि आप यहां जमीन और घर खरीदने की योजना बना रहे हैं तो आपको पहले से अधिक धन खर्च करना होगा।
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Land rates in bandikui : बांदीकुई शहर का भविष्य उज्ज्वल दिखता हुआ नजर रहा है। यदि आप यहां जमीन और घर खरीदने की योजना बना रहे हैं तो आपको पहले से अधिक धन खर्च करना होगा। वर्तमान में दौसा जिले के बांदीकुई क्षेत्र में कॉमर्शियल जमीन और दुकान की कीमतें सबसे अधिक हैं। औद्योगिक हब और क्षेत्र से गुजरने वाले स्टेट हाइवे और एक्सप्रेस हाइवे के चलते जमीनों की आवश्यकता आगे बढ़ सकती है। इसके अलावा, बांदीकुई में बेहतर रेल कनेक्टिविटी है और अब एक्सप्रेस-वे बनने से दिल्ली, मुंबई और जयपुर के बीच की दूरी और समय कम होने से बांदीकुई में जमीन की मांग बढ़ेगी।
डीएलसी दरें भी ग्रामीण क्षेत्रों में बढ़ी हैं
क्षेत्र के विकास को देखते हुए, जमीनों की दरों में आगामी समय में भारी इजाफा होने की उम्मीद है। हाल ही में राज्य सरकार ने डिस्ट्रिक्ट लेवल कमेटी (डीएलसी) की दरें फिर से बढ़ा दी हैं। इस बार, शहरी क्षेत्रों से अधिक ग्रामीण क्षेत्रों में डीएलसी दरें बढ़ी हैं।
रजिस्ट्री करना भी महंगा है
डीएलसी दरों में बांदीकुई नगरपालिका क्षेत्र के चालीस वार्डों में बढ़ोतरी की गई है। इससे दुकान, घर और प्लाट की रजिस्ट्री करना भी महंगा हो गया है। डीएलसी दरें पहले पूर्ववर्ती नगरपालिका के 25 वार्डों के अनुसार निर्धारित थीं। पालिका के चालीस वार्डों में डीएलसी दरें 5% से 10% बढ़ी हैं। सिकंदरा रोड, गुढा रोड, बसवा रोड और अस्पताल रोड के मुख्य मार्गों पर कामर्शियल डीएलसी दरें 77 हजार से 79 हजार रुपये प्रति स्क्वायर मीटर हैं।
बडियाल रोड पर 48 हजार हैं। उप पंजीयक सूत्रों ने बताया कि दुकान, मकान और प्लांट के बार-बार रिसेल होने से शहरी क्षेत्र में डीएलसी दरें बढ़ी हैं।
पैराफेरी क्षेत्र में बसावट
बांदीकुई नगरपालिका का क्षेत्र करीब बीस वर्ष पहले विकसित हुआ था। इसके बाद, वार्डों का क्षेत्र नहीं बढ़ाया गया, बल्कि उनकी संख्या 25 से चालीस की गई। ऐसे में पेराफेरी क्षेत्र में आवासीय कॉलोनियां तेजी से बढ़ रही हैं। यही कारण है कि पेराफेरी क्षेत्र में डीएलसी दरें पांच से दस प्रतिशत बढ़ाई गई हैं। आशापुरा, बाढ़ बगीची, भांडेडा, हरिपुरा, बड़ागांव, बच्ची का बास, भोज्यावाला, टीका वाली ढाणी, नारायणपुरा और बाढ़ बिशनपुरा क्षेत्र में कृषि भूमि में 5 से 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है।
स्टेट हाईवे गांवों में जमीन की कीमतें बढ़ गईं
डीएलसी दरों में करीब एक वर्ष में दूसरी बार राज्य सरकार ने बढ़ोतरी की है। इस बार, शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में डीएलसी दरों में काफी वृद्धि हुई है। उप पंजीयक बांदीकुई में कुल 64 ग्राम हैं। यह नगरपालिका वार्डों को छोड़कर पूरे ग्रामीण क्षेत्र को शामिल करता है।
डीएलसी दरों में स्टेट हाइवे 25 (अलवर-सिकंदरा) पर मुकुरपुरा, श्यालावास खुर्द, कलां, कुटी, बाढ़ बगीची, थला का बास और कंवरपुरा में आंशिक 0 से 5% की बढ़ोतरी की गई है। साथ ही, स्टेट हाइवे 78 पर स्थित दौसा-कठूमर गांव की डीएलसी दरें 10% से 15% बढ़ाई गई हैं। स्टेट हाइवे से पांच सौ मीटर तक, डीएलसी दरें 20 लाख से 11 लाख प्रति हैक्टेयर तक निर्धारित की गईं। अरनिया, हरसौरा, अक्षयपुरी, कीरतपुरा, खूंटला, गादरवाडा ब्राह्मणान, ढिगारिया, ढोलका, नयागांव, बास गुढ़लिया, भांवता, भोजवाडा, मोराडी चक, मीतरवाडी, मानोता, रामपुरा, कोलवा, देलाडी, द्वारापुरा, धनावड़, प्रतापपुरा गादण्डी सहित अन्य गांवों में डीएलसी दरों में भी 0 से 5% की आंशिक बढ़ोतरी हुई हैं।