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UP के 80 गांवों से मई में खरीदी जाएगी जमीन, बनेगा विदेश जैसा नया शहर, तैयारियों में तेजी

Delhi NCR News : NCR की बदलती तस्वीर को अब और रफ्तार मिलने जा रही है। इसी के साथ 80 गावों को मिलाकर नया शहर बसाने की योजना बनाई जा रही है। इस नए शहर को बसाने लिए अगले महीने जमीन अधिग्रहण प्रक्रिया शुरू होगी। जैसे ही भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी होगी, शहर की रूपरेखा यानी लेआउट प्लान पर काम शुरू हो जाएगा।

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UP के 80 गांवों से मई में खरीदी जाएगी जमीन, बनेगा विदेश जैसा नया शहर, तैयारियों में तेजी

New Noida City : NCR की बदलती तस्वीर को अब और भी रफ्तार मिलने जा रही है। 'नोएडा' नाम अब सिर्फ एक शहर नहीं, बल्कि एक ब्रांड बन चुका है- और अब इसी पहचान को और विस्तार देते हुए तैयार हो रहा है 'नया नोएडा'। 'नया नोएडा' को नोएडा प्राधिकरण द्वारा विकसित किया जाएगा, और यह बुलंदशहर और दादरी क्षेत्र के लगभग 80 गांवों की ज़मीन पर बसाया जाएगा। 

परियोजना को लेकर शासन स्तर पर तैयारियां अपने अंतिम चरण में हैं। मुआवजे की दरों को अंतिम रूप दिया जा चुका है और जैसे ही भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी होगी, शहर की रूपरेखा यानी लेआउट प्लान पर काम शुरू हो जाएगा। इस नए शहर का कुल क्षेत्रफल 209.11 वर्ग किलोमीटर होगा, जिसे चरणबद्ध तरीके से विकसित किया जाएगा।

मास्टर प्लान-2041 को मंजूरी 

इस महत्वाकांक्षी परियोजना के लिए अक्टूबर 2024 में मास्टर प्लान-2041 को मंजूरी दी गई थी, जिसे 'दादरी-नोएडा-गाजियाबाद इन्वेस्टमेंट रीजन' (DNGIR) नाम दिया गया है। इस मास्टर प्लान को दिल्ली स्थित स्कूल ऑफ प्लानिंग एंड आर्किटेक्चर (SPA) ने डिजाइन किया है, और इसकी संरचना अंतरराष्ट्रीय शहरों जैसे शिकागो और कई यूरोपीय शहरी मॉडल्स से प्रेरित है।

चार चरणों में होगा पूरा प्लान

नोएडा प्राधिकरण द्वारा तैयार योजना के अनुसार, ‘नया नोएडा’ को चार चरणों में बसाया जाएगा। पहले चरण में 2027 तक 3165 हेक्टेयर भूमि पर विकास कार्य पूरा किया जाएगा। इसके बाद 2027 से 2032 के बीच 3798 हेक्टेयर, 2032 से 2037 तक 5908 हेक्टेयर, और फिर 2037 से 2041 के बीच 8230 हेक्टेयर भूमि विकसित की जाएगी। इस तरह साल 2041 तक ‘नया नोएडा’ पूरी तरह से आकार ले लेगा।

बहुस्तरीय नीति के तहत होगी जमीन अधिग्रहण

भूमि अधिग्रहण के लिए एक बहुस्तरीय नीति अपनाई गई है। ज़्यादातर ज़मीन धारा-4 और धारा-6 के तहत अधिग्रहित की जाएगी, जबकि कुछ हिस्सों में किसानों से आपसी सहमति के आधार पर ज़मीन ली जाएगी। नोएडा प्राधिकरण गुरुग्राम मॉडल को भी लागू करने की संभावनाओं पर विचार कर रहा है, जिसमें डेवलपर्स को डायरेक्ट लाइसेंस दिया जाता है और आंतरिक विकास की जिम्मेदारी उन्हीं पर होती है। वहीं बाहरी विकास की ज़िम्मेदारी प्राधिकरण की होती है।

इस परियोजना की शुरुआत के लिए 1000 करोड़ रुपये का बजट स्वीकृत किया गया है, जिसका उपयोग भूमि अधिग्रहण और प्राथमिक संरचना निर्माण में किया जाएगा। गौर करने वाली बात यह है कि शुरुआत में यह प्रोजेक्ट उत्तर प्रदेश औद्योगिक विकास प्राधिकरण (UPCiDA) के तहत था, लेकिन 2021 में इसे नोएडा प्राधिकरण को सौंप दिया गया।

नोएडा प्राधिकरण के सीईओ लोकेश एम. ने जानकारी दी है कि भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया मई 2025 से शुरू हो जाएगी और इसका लक्ष्य है कि इसे भारत के सबसे व्यवस्थित और स्मार्ट शहरों में शुमार किया जाए। यह शहर न केवल पश्चिमी उत्तर प्रदेश के औद्योगिक विकास को बढ़ावा देगा, बल्कि लाखों लोगों के लिए रोजगार, आवास और बेहतर जीवन की नई उम्मीद भी बनेगा।

'नया नोएडा' एक ऐसा सपना है, जो अब हकीकत का रूप लेने जा रहा है- शहरों की भीड़ में एक सुनियोजित, टिकाऊ और आधुनिक शहर की तरह। आने वाले वर्षों में यह क्षेत्र न सिर्फ दिल्ली-एनसीआर का विस्तार होगा, बल्कि पूरे देश की शहरी विकास नीति के लिए एक रोल मॉडल भी साबित हो सकता है।