MP के 26 गावों के बीच बिछाई जाएगी नई रेल लाइन, सफर की दूरी हो जाएगी बिल्कुल कम
MP New Rail Line : बस कार जीप की बजाय लोग ट्रेन में सफर करना काफी ज्यादा पसंद करते हैं। क्योंकि रेलवे का सफर काफी बजट में पड़ता है। इसी को मध्य नजर रखते हुए भारतीय रेलवे अपनी कनेक्टिविटी में सुधार करने के लिए लगातार प्रयास कर रहा है। इसी कड़ी के बीच मध्य प्रदेश के 26 गांव को एक साथ जोड़ने के लिए नई रेल लाइन बिछाने की योजना बनाई है। इस रेल लाइन का निर्माण हो जाने पर मध्य प्रदेश के हजारों यात्रियों को रेल सेवा का लाभ मिलने लगेगा।
MP News : मध्य प्रदेश में रेलवे बोर्ड ने नई रेल लाइन बिछाने की योजना बनाई है। इसके अंतर्गत भोपाल से लेकर राजगढ़ व्यवरा के बीच 262 किलोमीटर लंबी रेल लाइन बिछाई जाएगी। इसके लिए क़वायद तेज कर दी गई है। इस रेल लाइन के बीच जाने के बाद यात्री मात्र 1.5 घंटे में भोपाल से व्यावर पहुंच जाएंगे। इसके साथ ही प्रदेश के 26 गावों को नई रेल सुविधा का आनंद मिलेगा। जिससे जनता का सफर काफी आसान होगा।
जानकारी के अनुसार नरसिंहगढ़ डिविजन में करीब 26 गांव की जमीन इसमें आ रही है इसे लेकर रेलवे के संबंधित ठेकेदार काम नहीं कर रहे हैं। दरअसल, ब्यावरा डिविजन में कुछ पूरक अवॉर्ड शेष हैं, जो कलेक्टोरेट में पेंडिंग हैं। वहीं, नरसिंहगढ़ के लगभग सभी पूरे पुरस्कारों को बचाया गया है। तुर्कीपुरा और बड़ोदिया तालाब के निवासियों ने मुआवजा लेने से ही इनकार कर दिया है। इसलिए ये मामले लगातार देरी कर रहे हैं और हल नहीं हो पा रहे हैं। ऐसे हालात लगातार लेटलतीफी से उत्पन्न हो रहे हैं। जिले के बाहर कई स्थानों पर काम चल रहा है, लेकिन जमीन की समस्या नहीं हल होने के कारण 2022 में हैंडओवर के दावे करने वाले अधिकारियों ने अब 2025 की डेडलाइन दी है। ध्यान दें कि भोपाल-रामगंजमंडी रेल लाइन का निर्माण PM के फास्ट ट्रैक प्रोजेक्ट में शामिल है, लेकिन इसमें देरी हो रही है।
मुआवजा नहीं लिया
नरसिंहगढ़ ब्लॉक के बड़ोदिया तालाब और कुरावर से लगे तुर्कीपुरा क्षेत्र के लोगों ने वहां पारित हुए पुरस्कार की राशि लेने से इनकार कर दिया है। बड़ोदिया तालाब में लगभग 172 किसानों के पुरस्कार अभी पारित नहीं हुए हैं। ग्रामीणों ने बताया कि 2017 में रेट 12 लाख रुपए प्रति हैक्टेयर था, जो अब नौ लाख रुपए हो गया है। राशि बढ़ने के बजाय घटी। साथ ही, हमें 2017 से जमीन आवंटित करने के बावजूद ब्याज नहीं मिला। यही कारण है कि हमने यहां के लिए स्वीकृत मुआवजा राशि को स्वीकार नहीं किया है। ग्रामीण एसडीएम, तहसीलदार और कलेक्टर को भी इस बारे में शिकायत की गई है।
26 गांवों की जमीन आ रही
जानकारी के अनुसार, इसमें नरसिंहगढ़ डिविजन में लगभग 26 गांवों की जमीन शामिल है। 2017 में 20 गांव शामिल थे, लेकिन 2022 में यह 26 गांवों की जमीन शामिल है। 2017 में जुड़े हुए लोगों को अभी तक का ब्याज दिया गया है, जबकि बाद वाले गांव जुड़े हुए लोगों को कम समय का ब्याज दिया गया है, इसलिए अंतर आ रहा है। रेलवे प्रकरण देखने वाले एसडीएम ऑफिस के कर्मचारियों ने बताया कि यह अंतर बाद में किए गए अधिग्रहण से हुआ है। इसके अलावा, पहले सिंगल लाइन के लिए जमीन अधिग्रहण था, लेकिन अब डबल लाइन के लिए है। इसलिए बहुत से गांवों को जमीन मिलनी बाकी है।