NHAI नोएडा-ग्रेनो के बीच एक्सप्रेसवे नहीं बनाएगा, NCR की तरक्की पर लगी ब्रेक
NHAI नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे के समानांतर नया एक्सप्रेसवे नहीं बनाएगा। अब इसे बिल्ट ऑपरेट ट्रांसफर पर बनाया जा सकता है। 15 करोड़ रुपये खर्च होंगे।
The Chopal : NHAI नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे के सामने एक नया एक्सप्रेसवे नहीं बनाएगा। NHAI ने स्पष्ट रूप से कहा कि वह सिर्फ राष्ट्रीय राजमार्ग बनाते हैं, एक्सप्रेसवे नहीं। अब इसे बिल्ट ऑपरेट ट्रांसफर (BOT) पर बनाया जा सकता है। इस परियोजना को बनाने में लगभग 15 हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे। यह बड़ा सवाल है कि अगर कोई कंपनी बीओटी पर इसका निर्माण करेगी तो वह अपना खर्च कैसे निकालेगी। बीओटी में निर्माण के साथ-साथ संचालन भी कंपनी की ही जिम्मेदारी होती है।
नियामक निकाय के अधिकारियों ने कहा कि इतनी बड़ी कंपनी बनाना मुश्किल है। कोई भी कंपनी अपनी शर्तों पर ही काम करेगी। इसके लिए, वह प्रस्तावित राजमार्ग पर टोल लगाकर खर्च कर सकती है। इसके पास अधिकार नहीं है। इसलिए अब नए उपायों पर विचार किया जा रहा है। प्राधिकरण के सीईओ लोकेश एम ने बताया कि पुश्ता रोड एक्सप्रेसवे के सामने है। सेक्टर-137 से सेक्टर-150 तक सड़क बन सकती है। इस तरह पुश्ता रोड को फिर से बनाया जा सकता है।
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इसके बाद, कालिंदी कुंज से आने वाली गतिविधि को इस पर मोड़ा जा सकता है। साथ ही, पुश्ता रोड का विस्तार करते हुए सेक्टर-137 से सेक्टर-150 तक चार लेन की सड़क बनाने में लगभग 400 करोड़ रुपये की लागत होगी, अधिकारी ने बताया। पूरी पुश्ता रोड की मरम्मत करने में दस से पंद्रह करोड़ रुपये भी खर्च होंगे। प्राधिकरण अपने स्तर पर भी ऐसे कार्य कर सकता है। ये जल्द ही पूरा हो सकता है और एक्सप्रेस वे के सामने एक नया विकल्प बन जाएगा। यहां पुश्ता रोड पर अवैध फार्म हाउसों की कटाई भी रोकी जाएगी।
लेकिन सरकार सिर्फ दोनों विकल्पों पर काम करती है। फिजिबिलिटी रिपोर्ट आने पर इन दोनों में से एक को चुना जाएगा। प्राधिकरण के सीईओ ने कहा कि नोएडा के लोगों को प्रस्तावित एक्सप्रेस वे पर टोल लगाकर खर्चा निकालना फायदेमंद नहीं है। इसलिए, यदि निर्माण बीओटी आधार पर कराया जाता है, तो कंपनी को खर्च कम करने का नया तरीका मिलना चाहिए।
यमुना एक्सप्रेसवे से जुडे़गा
इस एक्सप्रेसवे का लगभग 28 किलोमीटर का हिस्सा नोएडा में होगा। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण चार किमी के अतिरिक्त क्षेत्र को बनाएगा। यमुना एक्सप्रेस वे इससे जुड़ जाएगा। यदि इसे बीओटी के तहत बनाया जाएगा तो वाहन दिल्ली से नोएडा एयरपोर्ट तक सीधे जा सकेंगे। यमुना एक्सप्रेस-वे और दिल्ली एक्सप्रेस-वे को जोड़ा जाएगा। क्योंकि दिल्ली में मुबंई-बड़ोदरा एक्सप्रेस वे को जोड़ने की योजना है वहीं सेक्टर-150 पर इसे यमुना एक्सप्रेस से रोटरी से जोड़ा जाएगा। फिजिबिलिटी रिपोर्ट इन सभी तथ्यों को मिलाकर बनाई जा रही है।
नोएडा एयरपोर्ट जाना आसान हो जाएगा
नोएडा-ग्रेनो एक्सप्रेसवे पर अधिक वाहनों का दबाव है। वाहन कतार लगकर चलते हैं जब समय व्यस्त है। वाहनों का अंतर बहुत छोटा है। जेवर एयरपोर्ट की नवीनीकरण से वाहनों की संख्या और बढ़ जाएगी। इसलिए ये एक्सप्रेस उनके लिए काफी लाभदायक होंगे। लोगों की कनेक्टिविटी सुधरेगी।
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