राजस्थान की हाईटेक और सबसे लंबी रिंग रोड़, 5 हाईवे करती है कनेक्ट, बचता है आधा समय

Rajasthan News : राजस्थान के जोधपुर जिले में राज्य की सबसे लंबी और अत्याधुनिक रिंग रोड पर वाहनों का परिचालन शुरू हो गया है। रिंग रोड का पहला फेज लगभग 75 किलोमीटर (कुल 105 किलोमीटर) बन चुका है। जोधपुर के आसपास बनने वाली इस सड़क पर हर दो किलोमीटर पर SOS फोन इलेक्ट्रॉनिक कम्युनिकेशन बूथ (ECB) लगाए गए हैं। इससे दुर्घटना या सहायता की जरूरत होने पर कंट्रोल रूम को सूचित किया जा सकेगा।
कंट्रोल रूम पर खड़ी एम्बुलेंस सूचना मिलते ही तुरंत पहुंच जाएगी। हर पांच किलोमीटर पर अत्याधुनिक कैमरे लगाए गए हैं। रिंग रोड बनने से एक से दो घंटे की दूरी महज चालीस मिनट में पूरी हो जाएगी। जयपुर की रिंग रोड 75 किमी लंबी है, जबकि जोधपुर की 105 किमी लंबी होगी।
शहर के अंदर मिलेगा, ट्रैफिक से छुटकारा
पहले फेज का 74.619 किलोमीटर रिंग रोड पांच राष्ट्रीय राजमार्गों (जयपुर, नागौर, जैसलमेर, बाड़मेर और पाली) को जोड़ता है। इससे जोधपुर से भारी वाहन बाहर निकल जाएंगे। शहर में ट्रैफिक और जाम कम होंगे। जोधपुर से पाली जाने वाले बड़े ट्रकों को सुबह से शाम तक इंतजार करना पड़ाता था। रात 9 बजे परमिट मिलने के बाद शहर पार कर सकते थे। अब भारी वाहन लिंक रोड से शहर के बाहर से निकल सकते हैं। ऐसे में कम फ्यूल कंजप्शन और अधिक समय बचता है।
रिंग रोड पर लगाई गई है, रेलिंग
पहले चरण में डांगियावास से केरू नागौर खंड तक 74.619 किलोमीटर का काम किया गया है। दूसरे चरण में, नागौर राजमार्ग से डांगियावास तक 30 किलोमीटर की दूरी पर काम चल रहा है। रिंग रोड के ठेकेदार छैला राम मुंडन ने कहा कि दूसरे फेज में काम तेजी से चल रहा है। जोधपुर शहर से सटे डांगियावास में यह कार्य किया जा रहा है। रोड पर रेलिंग लगाई गई है। रिंग रोड पर लगभग चार फीट की रेलिंग से सर्विस रोड का ट्रैफिक रिंग रोड से अलग रहता है।
रिंग रोड पर जंक्शन और सर्किल के अलावा कोई आवारा पशु नहीं घुस सकता। 34 किलोमीटर तक रिंग रोड को अर्बन एरिया रेलिंग से कवर किया गया है। 40 किलोमीटर का क्षेत्र वन क्षेत्र में आता है। ग्रीनफील्ड की कंक्रीट और डामर से नगर क्षेत्र की सड़कें बनाई गई हैं।
इसपर खर्च होंगे, 1161 करोड़ रुपए
इस प्रोजेक्ट के मैनेजर मदन पारीक ने बताया कि प्रोजेक्ट दिसंबर 2018 में शुरू हुआ था और 2020 तक पूरा होना था। 2021 में 32% काम पूरा होने के बाद यह बंद कर दिया गया था। जिस फर्म को पहले कार्य दिया गया था, उन्होंने काम करने से इनकार कर दिया था। इसलिए प्रक्रिया फिर से शुरू की गई। इसमें छह महीने लगे। इसे अभी गावर नामक फर्म ने पूरा किया है।
पहले चरण में रिंग रोड को डांगियावास से केरु नागौर रोड तक 75 किलोमीटर बनाया गया है। इससे पाली, बाड़मेर, जैसलमेर, नागौर और जयपुर राजमार्गों को जोड़ा गया है। अब नागौर रोड से लोरडी पंडितजी, जाजीवाल भाटियान, बांवरला होते हुए डांगियावास तक जुड़ेगा। योजना के मैनेजर मदन पारीक ने कहा कि योजना की लागत लगभग 1161 करोड़ रुपए है। यह आने वाले 25 साल में शहर की आवश्यकताओं को देखते हुए बनाया गया है।
रिंग रोड पर लगे हैं, 16 हाइब्रिड कैमरे
Ring Road पर 16 हाइब्रिड कैमरे लगाए गए हैं। 7 पैन-टिल्ट-जूम (PTR) और 9 वीडीआर कैमरे हैं। जहां पैन का अर्थ है घुमाना, टिल्ट का अर्थ है लेंस को ऊपर-नीचे करना, और ज़ूम का अर्थ है वीडियो के हर हिस्से को ज़ूम इन या आउट करके कैप्चर करना। उन्नत जूम और लेंस तकनीक से कैमरे आसानी से 1524 मीटर की रेंज कैप्चर कर सकते हैं। इस प्रकार, रिंग रोड से गुजरने वाले हर वाहन पर निगरानी रखी जाएगी। उसकी पूरी जानकारी नियंत्रण कक्ष में होगी।
ये कैमरे रिंग रोड पर हर पांच किलोमीटर पर लगाए गए हैं, जो हर दिन चारों ओर दृश्य कैप्चर करेंगे। यहां, ओवर स्पीड या दुर्घटना होने पर खुले सर्किट कैमरे हाईवे एडवांस ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम पर डिजाइन किए जाएंगे।
कंट्रोल रूम से रखी जाएगी, निगरानी
डांगियावास टोल पर एक कंट्रोल रूम बनाया गया है, जिसमें बड़े स्क्रीन लगाए गए हैं। कैमरे कंट्रोल रूम से देखते हैं। रिंग रोड पर लगे फोन से जो भी कॉल आता है, उसे कंट्रोल रूम पर अटेंड कर सहायता भेजी जाती है। इस कंट्रोल रूम को संभालने का काम नेशनल हाईवे अथॉरिटी किसी एजेंसी को देगा।
रिंग रोड पर बने हैं, दो अत्याधुनिक टोल प्लाजा
डांगियावास और माणकलाव रिंग रोड पर दो अत्याधुनिक टोल प्लाजा हैं। यहां मैन सिर्फ टोल के दो लेन पर काम करेगा। बाकी ट्रैक पर फास्टैग व्यवस्था होगी। टोल पर कैशलेस सिस्टम काम करेगा। इलेक्ट्रिक स्पीड मैसेज के साइन बोर्ड टोल प्लाजा पर लगे हैं। साइन बोर्ड पर इस सड़क पर वाहन की स्पीड दिखाई देती है। ओवर स्पीड पर रेड डिस्प्ले दिखाई देगा। ओवरस्पीड वाहनों के चालान ऑटोमैटिक रूप से काटे जाएंगे, जो राष्ट्रीय राजमार्ग अथॉरिटी ट्रैफिक पुलिस से टाईअप करेंगे।
1 किलोवॉट सोलर प्लांट दोनों टोल की बिजली खपत को पूरा करेगा। दोनों टोल पर एक धर्म कांटा लगा है, जिससे ओवरलोड व्हीकल को मेजर किया जा सकता है। यहां हर समय एंबुलेंस उपलब्ध होगी। यहां इमरजेंसी के लिए दो क्रेन भी होंगे।
3 ट्रक और 36 बस ले बाय बनेंगे
Ring Road पर तीन ट्रक ले बाय बनाए जा रहे हैं। जहां ट्रक रोड साइड पार्किंग लेन में खड़े हो सकते हैं इसमें ड्राइवर के रुकने-खाने की सुविधा भी शामिल होगी। इसके अलावा 36 बस ले-बाय भी बनाए गए हैं। रिंग रोड पर स्थित गांवों के लोग बसों में चढ़ने-उतरने की सुविधा ले सकेंगे।