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यूपी में धान बेचने जाने से पहले पढ़ ले 32 पेज का शासनादेश, नहीं तो हो सकती है परेशानी

यूपी सरकार ने नई धान खरीद नीति के अंतर्गत किसान उत्पादक संगठन (FPO) व किसान उत्पादक कंपनी (FPO) को भी धान क्रय करने की अनुमति दी है। यह खरीद मंडी परिषद के द्वारा होगी। 

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Before going to sell paddy in UP, read the 32 page government order, otherwise you may face problems.

The Chopal News : यूपी सरकार ने नई धान खरीद नीति के तहत किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ) व किसान उत्पादक कंपनी (एफपीसी)को भी धान क्रय करने की अनुमति दी है। यह खरीद मंडी परिषद के जरिए होगी। खाद्य एवं रसद विभाग के प्रमुख सचिव आलोक कुमार ने गुरुवार को नई धान खरीद नीति से संबंधित 32 पेज का शासनादेश जारी कर दिया है। तय किया गया है कि ब्लैक लिस्टेड एफपीओ को धान खरीद की अनुमति नहीं होगी। यही नहीं पिछली बार गड़बड़ी में दोषी पाए गए कर्मचारी किसी तरह की खरीद में शामिल नहीं किए जाएंगे। यह देखा जाएगा कि 60 कुंतल या उससे कम उपज वाले धान किसानों से खरीद जरूर हो जाए।

इसके लिए भी विशेष निगरानी होगी। जिस खरीद केंद्र पर अप्रत्याशित खरीद होगी, वहां उस केंद्र पर खरीद का पूरी तरह सत्यापन कराया जाएगा। शासनादेश में कहा गया है कि खरीद इलेक्ट्रानिक प्वांइट ऑफ परचेज मशीन से किसानों का बायोमैट्रिक प्रमाणीकरण कर धान खरीद होगी।

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अगर कोई किसान गीला या गंदा धान क्रय केंद्र पर लाता है तो उसे अस्वीकार नहीं किया जाएगा। क्रय केंद्र पर उसे सुखाने का पूरा मौका दिया जाएगा। उसके बाद तय मानकों पर उसे खरीदा जाएगा। चावल मिल को खरीद केंद्र से धान भेजा जाएगा। इसके लिए चावल मिलों को अपनी क्षमता के मुताबिक 9 लाख से 27 लाख रुपये तक की बैंक गारंटी देनी होगी।

धान खरीद के लिए तय की गई एजेंसियों में सबसे ज्यादा 1600 क्रय केंद्र सहकारी संघ खोलेगा। इसी तरह खाद्य विभाग 1350 क्रय केंद्र, पीसीयू 550 क्रय केंद्र, मंडी परिषद 100 केंद्र व भारतीय खाद्य निगम से 20 केंद्र खोलेगा। जो किसान पोर्टल पर पंजीकृत होंगे उन्हीं का धान खरीदा जाएगा। किराएदारी व लीज पर चल रही चावल मिलों को धान कुटाई के लिए संबद्ध नहीं किया जा सकता। सभी क्रय एजेंसियों से धान खरीद का मूल्य का भुगतान किसानों को 48 घंटों में कराया जाएगा। मंडी परिषद हर जिले या संभाग में कांटा मरम्मत करने वाले मैकेनिक को नामित करेगी।

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