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तगड़ा दिमाग़ : किसान पुरे साल कर पाएंगे सूरजमुखी की खेती, 4 गुना मिलेगी अधिक आमदनी

Agriclture : सूरजमुखी की खेती भी किसान के लिए लाभ का सौदा है. देश में इसकी खेती कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, तमिलनाडु, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश में बड़े पैमाने पर की जाती है. अब झारखंड में भी किसान इसकी खेती शुरू कर चुके हैं.
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तगड़ा दिमाग़ : किसान पुरे साल कर पाएंगे सूरजमुखी की खेती, 4 गुना मिलेगी अधिक आमदनी

The Chopal, Agriclture : सूरजमुखी की खेती भी किसान के लिए लाभ का सौदा है. देश में इसकी खेती कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, तमिलनाडु, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश में बड़े पैमाने पर की जाती है. अब झारखंड में भी किसान इसकी खेती शुरू कर चुके हैं. पलामू में किसान इसकी खेती ट्रायल के रूप में कर रहे हैं. अगर आप भी इसकी खेती से लाभ लेना चाहते हैं तो कृषि वैज्ञानिक की इस सलाह पर गौर कीजिए.

पलामू जिला मुख्यालय मेदिनीनगर के श्री रामपथ निवासी अनुराग तिवारी ने यूट्यूब से देखकर एक कट्ठे खेत में सूरजमुखी की खेती शुरू की. कुछ पौधों में से एक में 15 से 20 फूल खिले हैं. अनुराग ने बताया कि शुरुआत में कम जगह में ट्रायल के लिए सूरजमुखी के पौधे लगाए थे, जिसमें एक पौधे पर कई फूल लगे हैं. अब वो आगे बड़े पैमाने पर खेती करना चाहते हैं. बताया, इस खेती में लाभ ही लाभ है.

20 हेक्टेयर में हो रही खेती  

पलामू स्थित क्षेत्रीय अनुसंधान केंद्र के सीनियर वैज्ञानिक डॉ. सुधीर झा ने बताया कि सूरजमुखी की खेती पलामू में पहले नहीं होती थी. कुछ किसान ट्रायल के तौर पर इसकी खेती करना शुरू किए हैं, जिसके तहत जिले में करीब 20 हेक्टेयर में इसकी खेती की जा रही है. इसके सामान्य प्रभेद ओपन पोलिनेटेड केबीएसएच 44 बीज की खेती की जाती है. वहीं, इसकी हाइब्रिड प्रजाति में शंकर प्रभेद, सिजेंडा, सनग्रो की खेती से दोगुना मुनाफा होता है. इसमें एक पौधे में एक फूल खिलता है. इसका तेल सेहत के लिए कई रूप में फायदेमंद है. यह तेल बेहद उत्तम क्वालिटी का होता है.

हाइब्रिड बीज से किसान को होगा मुनाफा

आगे बताया कि सूरजमुखी ऐसी फसल है, जिसे साल भर किया जा सकता है. खरीफ, रबी और गरमा फसल भी कर सकते हैं. इसके फसल में कीट नहीं लगते और ज्यादा पानी की भी आवश्यकता नहीं होती. इसमें सबसे खास तौर पर किसान हाइब्रिड बीज का प्रयोग कर सकते हैं. इसके लिए किसान खेत की जुताई कर 2.5 किलो प्रति एकड़ के हिसाब से बीज लगा सकते हैं. किसानों को एक बीज से दूसरे बीज की दूर लगभग 30 सेंटीमीटर और एक लाइन से दूसरे लाइन की दूरी 75 सेंटीमीटर रखनी चाहिए. किसान प्राइवेट कम्पनी के शंकर प्रभेद के बीज का इस्तेमाल कर सकते हैं. इसमें एक ही पौधे में अनेकों फूल खिलते हैं, जिससे किसान को दोगुना मुनाफा होता है. किसानों एक एकड़ में 10 से 12 क्विंटल उत्पादन होगा.

मधुमक्खी पालन कर होगा चार गुना लाभ

कृषि वैज्ञानिक ने बताया कि अगर किसान इसमें थोड़ा दिमाग लगा ले तो वह लखपति भी बन सकता है, जहां सूरजमुखी की खेती कर रहे हैं, वहां अगर किसान मधुपालक बक्से को रख दे तो उन्हें दो तरफा लाभ मिलेगा. इससे सूरजमुखी का भी उत्पादन बढ़ेगा. सूरजमुखी के शहद की डिमांड मार्केट में ज्यादा होती है. वहीं, इसका स्वाद भी काफी अच्छा होता है. वहीं मधुमक्खी के आ जाने से पॉलिनेशन अच्छा हो जाता है, जिससे सूरजमुखी का उत्पादन भी बढ़ जाता है.

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