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टेलिकॉम कंपनियों को लौटाने होंगे ग्राहकों से लिए रिचार्ज के अधिक लिए पैसे, TRAI का यह नियम जान ले

टेलिकॉम कंपनियां अब नहीं कर पाएंगी ग्राहकों से मनमाने ढ़ंग से पैसे लेना, क्योंकि TRAI (टेलीकॉम अथॉरिटी ऑफ इंडिया) ने नए नियमों को लागू किया है। इसके अंतर्गत, ट्राई टेलिकॉम कंपनियों की मीटिंग और बिलिंग सिस्टम का ऑडिट कराएगा, जानिए विस्तार से.....
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The Chopal News : टेलिकॉम कंपनियों पर लगाम लागने के मकसद से ट्राई ने नए नियम लाए हैं, जिनका उद्देश्य है ग्राहकों को आधिकारिक रिचार्ज और डेटा चार्ज से बचाना। अगर इस नए नियम का पालन नहीं किया जाता है, तो टेलिकॉम कंपनियों को ग्राहकों से लिए गए पैसों को वापस करना होगा।

अधिक दायरता के साथ ग्राहकों के लिए बेहतर सेवाएं

टेलिकॉम कंपनियां अब नहीं कर पाएंगी ग्राहकों से मनमाने ढ़ंग से पैसे लेना, क्योंकि TRAI (टेलीकॉम अथॉरिटी ऑफ इंडिया) ने नए नियमों को लागू किया है। इसके अंतर्गत, ट्राई टेलिकॉम कंपनियों की मीटिंग और बिलिंग सिस्टम का ऑडिट कराएगा, जिसका मकसद है यह देखना कि क्या ग्राहकों से रिचार्ज और डेटा के नाम पर ज्यादा पैसे वसूले जा रहे हैं?

नए नियमों का परिणाम

अगर इस जांच में कोई धांधली पाई जाती है, तो टेलिकॉम कंपनियों को ग्राहकों से लिए गए पैसों को लौटाना होगा। यह अनिवार्य होगा कि टेलिकॉम कंपनियां ऑडिट के तीन महीने के भीतर ग्राहकों से वसूले गए अधिशेष पैसों को लौटा दें। ट्राई की ओर से 11 सितंबर को इस नए नियम का आदान-प्रदान किया गया है।

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बदलते ऑडिट प्रक्रिया

ट्राई की ओर से अब साल में एक बार ही टेलिकॉम कंपनियों का ऑडिट कराया जाएगा, जो पहले तक साल में 4 बार होता था। इसके साथ ही, नए नियमों के अनुसार ऑडिट में ज्यादा से ज्यादा टैरिफ प्लान को कवर किया जाएगा।

सालाना आधार पर एक्शन रिपोर्ट

ट्राई के नए नियमों के अनुसार, सभी टेलिकॉम कंपनियों को सालाना आधार पर एक्शन रिपोर्ट को ट्राई के सामने पेश करना होगा। अगर कोई कंपनी ऐसा नहीं करती है, तो उस पर 50 लाख रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा। सभी टेलिकॉम कंपनियों को सालाना 15 अप्रैल तक रिपोर्ट सबमिट करना होगा।

ग्राहकों की सुरक्षा

अगर ऐसा पाया जाता है कि टेलिकॉम कंपनियों ने ग्राहकों से ज्यादा पैसे लिए हैं, तो उसकी जानकारी ट्राई को 1 हफ्ते में देनी होगी। साथ ही, 3 महीने के अंदर ग्राहकों को पैसा लौटाना होगा।

सरकार की तरफ से कई संस्थाओं की सालाना ऑडिट यानी जांच की जाती है, जिससे वो पारदर्शी तरीके से कामकाज करें। उदाहरण के लिए, कैग भी एक संस्था है, जो सरकारी खर्चों के पैसे के इस्तेमाल की जांच करती है, जिसे ऑडिट बोला जाता है।

इन नए नियमों के पालन से, ग्राहकों को बेहतर सेवाएं मिलेंगी और वे सुरक्षित महसूस करेंगे, साथ ही टेलिकॉम कंपनियों को भी ग्राहकों के साथ एक पारदर्शी और निष्पक्ष दृष्टिकोण में काम करने का मौका मिलेगा।

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