केंद्र सरकार 10 राज्यों में शुरू करेगी पायलट प्रोजेक्ट, हर खेत तक पर्याप्त पानी पहुंचाने की योजना
Farm Irrigation India: सरकार की तरफ से आम जनता के लिए कई कल्याणकारी योजनाएं चलाई जा रही है. सरकार की इन योजनाओं से आम जनता का आर्थिक विकास तेजी से किया जा रहा है केंद्र सरकार की तरफ से अब हर घर पानी पहुंचाने के बाद बड़ी मुहीम योजना पर काम शुरू कर दिया गया है. इस योजना से आने वाले दिनों में लोगों का जीवन काफी ज्यादा सुधर जाएगा.

The Chopal : केंद्र सरकार ने हर घर को पीने का पानी देने की कोशिश के साथ ही हर खेत को पर्याप्त पानी देने की योजना बनाने का भी काम शुरू किया है। यह लगभग दस राज्यों में अगले डेढ़ से दो महीने के भीतर शुरू हो जाएगा। पाइप प्रोजेक्ट में पानी उन खेतों में जाएगा जहां कोई दूसरा रास्ता नहीं है।
केंद्र सरकार ने हर घर को पीने का पानी देने की कोशिश के साथ ही हर खेत को पर्याप्त पानी देने की योजना बनाने का भी काम शुरू किया है। यह लगभग दस राज्यों में अगले डेढ़ से दो महीने के भीतर शुरू हो जाएगा। योजना को पहले सूखे क्षेत्रों में शुरू किया जाएगा, जहां सिंचाई के पर्याप्त साधन नहीं हैं या मौजूदा समय में सूखे से जूझ रहे हैं। गुरुवार को पत्रकारों से चर्चा में केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल ने कहा कि इससे किसान हर सीजन में खेती कर सकेंगे और उनकी आय में भी इजाफा होगा। पानी की कमी के चलते किसानों को खेतों में हर समय खेती नहीं कर सकते हैं।
इससे जुड़े पायलट प्रोजेक्ट दस राज्यों में शुरू होंगे
पाइप प्रोजेक्ट में पानी उन खेतों में जाएगा जहां कोई दूसरा रास्ता नहीं है। केंद्र राज्यों को आर्थिक और तकनीकी मदद देगा, जबकि राज्य इसे लागू करेंगे। पानी का पूरा नियंत्रण भी देखेंगे। इस दौरान राज्य भी खेतों में पानी देने के लिए भुगतान करेगा। राज्यों की जिम्मेदारी होगी कि यह कितना होगा। वैसे भी, राज्य अभी भी किसानों से नहरों से खेतों में मिलने वाले पानी का भुगतान करता है। पाटिल ने कहा कि पायलट प्रोजेक्ट के लिए राज्यों से प्रस्ताव मांगे गए हैं।
प्रोजेक्ट की पहली चरण में 16 सौ करोड़ रुपये खर्च होंगे
इस पायलट परियोजना पर लगभग 16 सौ करोड़ रुपये खर्च होंगे। मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि इस पहल से पानी की बर्बादी भी कम होगी। वर्तमान में खेतों की सिंचाई के लिए पानी नहरों या नालियों के माध्यम से मिलता है, इसमें से बहुत सारा पानी खेतों तक पहुंचने के दौरान ही बर्बाद हो जाता है। जबकि इस परियोजना में खेतों तक पानी पाइल लाइनों के माध्यम से पहुंचाया जाएगा। साथ ही ड्रिप एरीगेशन खेतों को पानी देने में भी मदद करेगा।
यमुना नदी को अगले डेढ़ वर्ष में नहाने योग्य बनाने का लक्ष्य
गुरुवार को केंद्रीय जलशक्ति मंत्री पाटिल ने कहा कि अगले दो साल में यमुना के पानी को भी नहाने योग्य बनाने का लक्ष्य है। दिल्ली सरकार इस दिशा में तेजी से काम कर रही है। उन्हें उनका मंत्रालय भी पूरी तरह से मदद कर रहा है। यमुना की सफाई को लेकर बनाई गई व्यापक योजना में अगले दो दशकों में पानी को नहाने योग्य बनाने का लक्ष्य रखा गया है। उनका कहना था कि यमुना नदी के 48 किमी क्षेत्र को जलकुंभी से मुक्त करने का काम हाल ही में पूरा हुआ है। इस अभियान में यमुना से पूरी जलकुंभी निकाली गई है, जो लगभग चालीस पांच दिनों तक चली है। इससे बारिश के बाद बहाव तेज होगा और पानी भी शुद्ध दिखेगा।
अब इसके अगले चर गंगा के पानी से नहाया जा सकता है
यमुना में गिरने वाले नालों को बंद करने की कोशिश की जा रही है। पाटिल ने कहा कि पिछले कुछ सालों में गंगा का पानी नहाने योग्य हो गया है। वह भी इसे पीने योग्य बनाने की कोशिश कर रहे हैं।