MP के इन किसानों की हुई मौज, NAHI इन लोगों को देगा दुगुना मुनाफा
Madhya Pradesh News : मध्य प्रदेश में निर्माण हो रहे रजिस्टर बाईपास के लिए जमीन अधिग्रहण का कार्य जोरो शोरो पर चल रहा है। इस परियोजना के अंतर्गत जिन किसानों की जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा उन्हें दो गुना मुआवजा वितरित किया जाएगा। इसके लिए नेशनल हाईवे अथॉरिटी ने 600 करोड़ रुपए राशि मुआवजा के रूप में खर्च करने जा रहा है। 64 किलोमीटर लंबे इस बाईपास के लिए 600 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा।

Central Government Farmers News : मध्य प्रदेश के इंदौर में 6 लेन का इंदौर वेस्टर्न बाईपास बनाए जाने की योजना है। इस बाईपास को बनाने के लिए सरकार के पास सिर्फ 30 हेक्टेयर जमीन है। जबकि 64 किलोमीटर लंबे इस बाईपास को बनाने के लिए 600 हेक्टेयर जमीन की जरूरत है। इसके लिए जमीन चिह्नित कर ली गई है। इस जमीन के मालिक किसानों को राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण की तरफ से 600 करोड़ रुपए का मुआवजा दिया जाएगा। एनएचएआई की तरफ से इस बाईपास के लिए चिह्नित की गई जमीन की कीमत का दोगुना पैसा दिया जाएगा। आइये जानते हैं प्राधिकरण ने क्या बताया है।
NHAI का प्लान है कि इस बाईपास को उज्जैन सिंहस्थ-2028 से पहले पूरा कर लिया जाए। इसके लिए अधिग्रहण के लिए जमीन भी चिह्नित कर ली गई है। जल्द ही इस बाईपास के लिए जमीन का अधिग्रहण भी शुरू हो जाएगा। इस मामले की जानकारी देते हुए एनएचएआई इंदौर डिवीजन के निदेशक सुमेश बंजाल ने बताया कि वेस्टर्न बाईपास के लिए 600 हेक्टेयर जमीन की जरूरत थी। इसमें से सरकार के पास मात्र 30 हेक्टेयर जमीन है। बाकी की 570 हेक्टेयर जमीन किसानों से अधिग्रहित की जाएगी। इसके लिए किसानों को जमीन की कीमत का दोगुना मुआवजा दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि अनुमान लगाया गया है कि किसानों की जमीन को अधिग्रहित करने के लिए 600 करोड़ रुपए का मुआवजा बांटा जाएगा। उन्होंने बताया कि किसानों 1.05 करोड़ रुपए प्रति हेक्टेयर के हिसाब से पैसा दिया जाएगा।
किसानों का क्या कहना है
एनएचएआई की तरफ से दी जा रही जमीन की कीमत से किसान संतुष्ट नहीं हैं। किसानों का कहना है कि उनकी जमीन का बाजार मूल्य की कीमत से कम दाम दिया जा रहा है। उनका दावा है कि एनएचएआई द्वारा दी जा रही जमीन की कीमत बाजार का 10 प्रतिशत भी नहीं है। इस दौरान किसानों ने अपनी जमीन की सही कीमत देने की मांग की है। 'टाइम्स ऑफ इंडिया' की रिपोर्ट के अनुसार, जमीन अधिग्रहण के लिए केंद्र सरकार कलेक्टर के दिशा-निर्देश पर दोगुना या चार गुना जमीन की कीमत का भुगतान करने का विकल्प देती है। इसके बाद राज्य सरकार द्वारा इस मामले पर निर्णय लिया जाता है। इंदौर वेस्टर्न बाईपास मामले में मध्य प्रदेश सरकार ने किसानों को दोगुना कीमत पर मुआवजा देने का निर्णय लिया है। जिससे किसान संतुष्ट नहीं हैं।