यमुना एक्सप्रेसवे पर वाहन चालकों को चालान से ऐसे बचा रहा यह ऐप
यमुना एक्सप्रेसवे पर ओवर स्पीड से बचने के लिए वाहन चालकों ने एक अलग ही तरीका निकाल लिया है। इसके लिए वाहन चालक एक ऐप का प्रयोग कर रहे हैं, जो 100 मीटर पहले से ही बता देता है कि आगे कैमरा है।

The Chopal : यमुना एक्सप्रेसवे पर ओवर स्पीड से बचने के लिए वाहन चालकों ने अब नई जुगत निकाल ली है। इसके लिए वाहन चालक एक ऐप का इस्तेमाल कर रहे हैं, जो 100 मीटर पहले से ही बता देता है कि आगे कैमरा लगा है। इसके बाद वह अपने वाहन की स्पीड को कम लेते हैं और तय गति से चलने पर वह जुर्माना देने से बच जाते हैं।
एक्सप्रेसवे पर वाहनों की गति तय होती है। अगर उससे अधिक गति से वाहन चलाते हैं तो आपका चालान कटता है। हाईवे पर ओवर स्पीड के चालान की संख्या सबसे अधिक रहती है। हादसों का बड़ा कारण भी तेज गति माना जाता है। यमुना एक्सप्रेसवे पर भी वाहन चालक फर्राटा भरते हैं। यमुना एक्सप्रेसवे पर वाहनों की गति सीमा 100 किलोमीटर प्रति घंटा है, लेकिन कुछ वाहन चालक 200 किलोमीटर प्रति घंटे से अधिक रफ्तार से चलते हैं। रफ्तार के शौकीन वाहन चालकों ने चालान से बचने की जुगत निकाल ली है। वह तकनीक के सहारे चालान से बचा लेते हैं। कुछ ऐसे मोबाइल ऐप आ गए हैं, जो रफ्तार के शौकीन लोगों को चालान से बचा लेते हैं।
राडार बोट भी ऐसा ऐप है। अगर आप इस ऐप को अपने मोबाइल पर डाउनलोड कर लेते हैं और इसका उपयोग शुरू कर देते हैं तो वह स्पीड कैमरों की जानकारी आपको देगा। 100 मीटर पहले ही चालक को बता देगा कि आगे कैमरा लगा है। इसके बाद आप अपने वाहन को तय गति सीमा में कर लेते हैं। ऐसे में वह चालान से बच जाते हैं।
नियम तोड़ रहे
यमुना एक्सप्रेसवे पर नौ जनवरी 2019 को रात में घने कोहरे में एक बीएमडब्ल्यू कार की रफ्तार 203 किलोमीटर प्रतिघंटे रिकॉर्ड की गई थी। इसी दौरान दो अन्य वाहन 176 किलोमीटर प्रति घंटे और 185 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से निकले थे।
तेज वाहन चलाना खतरे से खाली नहीं
लखनऊ से नोएडा तक कार से सफर करने वाले अमित यादव ने बताया कि एक्सप्रेसवे पर सफर करने में गति सीमा तय होती है। एक्सप्रेसवे बेहतर है, इसलिए तय गति सीमा से अधिक पर चालक वाहन चलाते हैं। अधिक गति से वाहन चलाना खतरे से खाली नहीं है।
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