UP के इस जिले बनेगा 204 एकड़ जमीन पर इकोनॉमिक कॉरिडोर, रोजगार की आएगी बहार
UP News: यूपी सरकार की वन ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था की कोशिश को रफ्तार देने के लिए पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के किनारे एक इकोनामिक कॉरिडोर बनाना होगा। इस कॉरिडोर का निर्माण मुबारकपुर रेशमी साड़ियों और निजामाबाद ब्लैक पॉटी उद्योग को बढ़ावा देगा।

Uttar Pradesh News: उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को एक ट्रिलियन बनाने का लक्ष्य है। यूपी सरकार ने इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए रोड इन्फ्रास्ट्रक्चर को विकसित करने के लिए लगातार कई योजनाएं शुरू की हैं। इसमें एक्सप्रेस वे बनाने और सड़कों को चौड़ी करने की योजनाएं शामिल हैं। अब आजमगढ़ में भी औद्योगिक गलियारा या इकोनॉमिक कॉरिडोर बनाया जाना है, जिससे व्यापार को बढ़ावा मिलेगा और शहर की अर्थव्यवस्था मजबूत होगी। यह कॉरिडोर पूर्वांचल एक्सप्रेस वे के किनारे से गुजरेगा, इससे जिले की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा और रोजगार भी पैदा होगा।
204 एकड़ जमीन के लिए शासन की अनुमति की प्रतीक्षा
इकोनॉमिक कॉरिडोर को पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के किनारे बनाया जाना है, जो यूपी सरकार की एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था की कोशिश को तेज करेगा। इसके लिए भी यूपीडा (उत्तर प्रदेश औद्योगिक विकास प्राधिकरण) ने जिले की दो तहसील में लगभग 204.3 एकड़ कृषि भूमि की सूची बनाई है। शासन की मंजूरी अभी बाकी है, लेकिन मंजूरी मिलने के बाद इस पर काम शुरू किया जा सकेगा। इस इकोनामिक कॉरिडोर का उपयोग पूर्वांचल एक्सप्रेसवे से जुड़े गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे के निर्माण के बाद और भी बढ़ जाएगा।
शासन से अनुमति मिलने के बाद बुनियादी सुविधाओं का निर्माण चिन्हित भूमि पर किया जाएगा. इसके बाद निवेशकों को उद्योग स्थापित करने के लिए जगह दी जाएगी। उत्तर प्रदेश औद्योगिक विकास प्राधिकरण यूपीडा ने तहसील फूलपुर के कुरचंदा में लगभग 150 एकड़ जमीन और तहसील सदर के चकतगे में 54.3 एकड़ जमीन का प्रस्ताव भेजा है, लेकिन अभी शासन से मंजूरी नहीं मिली है।
स्थानीय उद्यमों और उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा
आपको बता दें कि पूर्वांचल एक्सप्रेस वे के किनारे औद्योगिक गलियारा बनाने से माल की आवाजाही तेज हो सकेगी। इससे जिले के विशिष्ट उत्पादों को भी प्रोत्साहित किया जाएगा। मुबारकपुर की रेशमी साड़ी व वस्त्र और निजामाबाद की ब्लैक पॉटरी के उत्पादों को राज्य के अन्य जिलों में निर्यात करना आसान होगा, क्योंकि वे एक जिला एक उत्पाद (ODIOP) में शामिल हैं। इससे बिक्री बढ़ेगी और व्यापारियों को सीधा लाभ होगा।