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UP से गुजरने वाला यह एक्सप्रेस वे बदल देगा 60 हजार लोगों की किस्मत, 4297.23 करोड़ रुपए की आएगी लागत

Greenfield Expressway: सिक्स लेन ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस वे से लाखों लोगों की किस्मत बदलेगी। यह एक्सप्रेस वे 3841 करोड़ रुपए की लागत से बनेगी। उत्तर प्रदेश व मध्य प्रदेश की जनता की बल्ले-बल्ले होने वाली हैं - 

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UP से गुजरने वाला यह एक्सप्रेस वे बदल देगा 60 हजार लोगों की किस्मत, 4297.23 करोड़ रुपए की आएगी लागत

Greenfield Expressway: ग्वालियर-आगरा राजमार्ग की मरम्मत की भी योजना बनाई जा रही है, जो ग्वालियर से आगरा तक 3841 करोड़ रुपए की लागत से बनाया जाएगा। ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस वे का निर्माण करने वाले टेंडर के अलावा वर्तमान राजमार्ग की मरम्मत भी शामिल है। इसके अतिरिक्त, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) ने एक स्वतंत्र इंजीनियरिंग सेवा सलाहकार पद के लिए एक निविदा भी जारी की है। वर्तमान राजमार्ग की मरम्मत से परियोजना की लागत 4297.23 करोड़ रुपए होगी। वर्तमान में, एक्सप्रेस वे निर्माण के टेंडर का खुलना आठ मार्च तक बढ़ा दिया गया है।

सितंबर 2022 में ग्वालियर में एक कार्यक्रम में, केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस वे के निर्माण और वर्तमान राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 44 की मरम्मत की घोषणा की। वर्तमान डामरीकृत राजमार्ग को सीमेंट कंक्रीट (सीसी) करने की बात उन्होंने कही थी, लेकिन शुरूआती सर्वे में इसकी संभावना कम थी। इसका कारण यह है कि सीसी करने के लिए वर्तमान सड़क को पूरी तरह से उखाड़ना होगा और पूरी तरह से नया बनाना होगा।

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ऐसे में यातायात कम होगा और बहुत पैसा खर्च होगा। इस प्रकार, ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस वे के निर्माण के साथ-साथ वर्तमान राष्ट्रीय राजमार्ग का काम भी पूरा होगा। टेंडर खुलने पर किसी भी ठेकेदार कंपनी को नए निर्माण और पुराने राजमार्ग की मरम्मत करनी होगी। व्यवसाय को तेज करने के लिए सलाहकार कंपनी चुनने की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है। NHAI के अधिकारियों की कोशिश है कि इस वर्ष की पहली छमाही में काम शुरू किया जाए।

50000 पीसीयू का होता है आवागमन

वर्तमान में, ग्वालियर-आगरा राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 44 पर प्रतिदिन 50 से 60 हजार पैसेंजर कार यूनिट (पीसीयू) चलते हैं। ये कार हैं, जो राजमार्ग के अधिकांश भाग पर चलते हैं। तीन वर्ष पहले, यह आंकड़ा 35 से 38 हजार पैसेंजर कार यूनिट था। इस हाइवे पर दोपहिया वाहन और ट्रैक्टर-ट्राली से आगरा के शहरी क्षेत्रों (रायरू, बानमोर, मुरैना, धौलपुर) से भी लोग चलते हैं। यही कारण है कि इस हाइवे को चौड़ा करने की योजना बनाई गई थी, लेकिन आसपास शहरी क्षेत्र होने के कारण ऐसा नहीं हुआ। यहीं से ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस वे की परियोजना शुरू हुई, जो वर्तमान हाइवे की मरम्मत भी करेगी।

456 करोड़ रुपए का किया अतिरिक्त प्रविधान

वर्तमान राष्ट्रीय राजमार्ग और ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस वे की मरम्मत के लिए टेंडर केवल 3841 करोड़ रुपए का था, लेकिन 456 करोड़ रुपए की अतिरिक्त धनराशि भी दी गई थी। इसमें भू-अर्जन और राजमार्गों की मरम्मत शामिल है। ऐसे में ऐसा लगता है कि ठेकेदार कंपनियां इस कार्य का टेंडर बिलो, यानी कम के बजाय टेंडर की राशि से अधिक में लेंगी। कंपनी को एक्सप्रेस वे 30 महीने में बनाना होगा। वहीं राजमार्ग को 15 महीने के अंदर मरम्मत करना होगा। निर्माण के बाद, कंपनी दो वर्ष तक एक्सप्रेस वे और 27 वर्ष तक वर्तमान राजमार्ग का संचालन और संधारण करेगी।

फैक्ट फाइल

सिक्स लेन ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस वे 88.400 किमी लंबा होगा 
ग्वालियर-आगरा राजमार्ग  121 किमी लंबा है 
राजमार्ग पर हर रोज 50 से 60 हजार पीसीयू आवागमन होता हैं 
4297.23 करोड़ रुपए दोनों परियोजनाओं पर खर्च का अनुमान
3841 करोड़ रुपए की राशि का एनएचएआइ ने किया है टेंडर
दोनों कार्य साथ में होंगे
वर्तमान राजमार्ग की मरम्मत के कार्य को भी ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस वे के निर्माण के साथ जोड़ा गया है। इसे टेंडर में शामिल किया गया है। जो भी कंपनी पात्र पाई जाएगी, उसे दोनों कार्य करने होंगे। साथ ही आगामी कुछ महीनों के लिए एक्सप्रेस वे व राजमार्ग का संचालन एवं संधारण भी कंपनी को करना होगा।

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