The Chopal

UP में बनने जा रही है अल्ट्रा मॉडल मत्स्य मंडी, करोड़ों रुपए की लागत से बनेगी 3 मंजिल इमारत

यहां एक विशेष मत्स्य रेस्टोरेंट, प्रशिक्षण के लिए कन्फ्रेंस हॉल, प्रोसेसिंग यूनिट जैसी कई सुविधाएं भी होंगी। जब हैदराबाद के राष्ट्रीय मत्स्य विकास बोर्ड से मंजूरी मिलेगी, तो पूर्वांचल की सबसे बड़ी एवं आधुनिक मत्स्य मंडी के भविष्य में निर्माण का काम शुरू हो जाएगा। इस मंडी का निर्माण लगभग 62 करोड़ रुपये में होगा और इसमें तीन मंजिलें होंगी। इस भवन में मछली पालन के तरीकों, विपणन, तकनीक, निर्यात सहित कई प्रकार की मछली व्यंजन बनाने और खाने तक की सुविधा होगी।

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UP में बनने जा रही है अल्ट्रा मॉडल मत्स्य मंडी, करोड़ों रुपए की लागत से बनेगी 3 मंजिल इमारत

The Chopal: मोदी सरकार द्वारा प्रतिनिधिमंडली क्षेत्र वाराणसी में स्थित जिला चंदौली के पड़ोस में एक धान का कटोरा कहलाने वाले क्षेत्र को अब मछली पालन के लिए उपयुक्त बनाने की योजना बनाई गई है। चंदौली जिले में दिल्ली-कोलकाता राष्ट्रीय राजमार्ग पर एक उन्नत मत्स्य मंडी बनाने की तैयारी शुरू हो गई है। इस मंडी के निर्माण से पूर्वांचल के मछली पालकों की आय की उम्मीद है कि यह दुगुनी होगी। इस मंडी में होलसेल, खुदरा और मछली पालन के संबंधित सभी सामग्री, बीज, दवाएं, चारा, आदि एक ही छत के नीचे उपलब्ध होंगी।

यहां एक विशेष मत्स्य रेस्टोरेंट, प्रशिक्षण के लिए कन्फ्रेंस हॉल, प्रोसेसिंग यूनिट जैसी कई सुविधाएं भी होंगी। जब हैदराबाद के राष्ट्रीय मत्स्य विकास बोर्ड से मंजूरी मिलेगी, तो पूर्वांचल की सबसे बड़ी एवं आधुनिक मत्स्य मंडी के भविष्य में निर्माण का काम शुरू हो जाएगा। इस मंडी का निर्माण लगभग 62 करोड़ रुपये में होगा और इसमें तीन मंजिलें होंगी। इस भवन में मछली पालन के तरीकों, विपणन, तकनीक, निर्यात सहित कई प्रकार की मछली व्यंजन बनाने और खाने तक की सुविधा होगी।

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वाराणसी मंडल में मछली के बिजनेस का कारोबार करीब 200 करोड़ रुपये का है। यहां प्रतिवर्ष करीब 5 सालों में दोगुना करने का लक्ष्य रखा गया है। बताया गया है कि यह देश की एक ऐसी आधुनिक मत्स्य मंडी होगी जहां एक छत के नीचे सभी सुविधाएं मौजूद होंगी।

यहां मछली के थोक और खुदरा बाजार भी रहेंगे। इसके साथ ही, मछली पालन के नवीनतम तकनीकों की प्रदर्शनी भी हाल ही में आयोजित की जाएगी, ताकि मछली पालक नवीनतम तकनीकों को देखकर सीख सकें। मंडी के तीसरे मंजिल पर एक विशेष फिश रेस्टोरेंट होगा, जहां किसी भी व्यंजन का स्वाद चखने का अवसर मिलेगा। आगामी काल में प्रोसेसिंग यूनिट भी स्थापित किया जाएगा।

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इसके साथ ही, बड़े पैमइस सम्बंध में एक अभियांत्रिकी मॉडल के अनुसार यह निर्माण कार्य लगभग 62 करोड़ रुपये में पूरा होगा और इसमें तीन मंजिलें शामिल होंगी। यह भवन सेंट्रली एयर कंडीशन के साथ सुसज्जित होगा। ऊर्जा बचाने के लिए, 400 किलोवाट का सौर पावर प्रणाली भी स्थापित की जाएगी। इसके अलावा, यहां आने जाने के लिए अलग-अलग मार्ग निर्धारित होंगे। मछली की दुर्गंध को रोकने के लिए भी विशेष प्रबंध होगा। वहां परिवहन, स्थूल और द्रव्य पदार्थ प्रबंधन को ध्यान में रखा जाएगा। व्यापारियों और ट्रक चालकों के लिए एक अतिथि भवन भी निर्मित किया जाएगा। वाराणसी, चंदौली, गाजीपुर और जौनपुर जिलों में पहले से ही करीब 1500 मछली पालक हैं, जो व्यापार कर रहे हैं।

यह व्यवसाय नेतृत्व के अनुसार, प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से 3,000 से अधिक परिवारों को रोजगार प्रदान करता है। मंडी में 100 दुकानें होंगी। इस उद्यान मॉडल भवन के निर्माण से पूर्वांचल में बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे। व्यापार के साथ-साथ, किसानों की आय को बढ़ाने के लिए किसान संगठन (फार्मर्स' प्रोड्यूसर कंपनीज) की स्थापना भी की जाएगी।

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