UP के इन 3 जिलों के 87 गांवों की 21000 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहण करके बसेगा नया शहर, मिलेगा नोएडा की तर्ज पर मुआवजा
UP News: उत्तर प्रदेश में इन्फ्रास्ट्रक्चर को लेकर पिछले कुछ सालों में बेहतरीन विकास योगी सरकार की राज में हुआ है। उत्तर प्रदेश में तीन जिलों की 87 गांव की लगभग 21000 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहण करके नया शहर बसाया जाएगा. किसानों से आपसी सहमति करके जमीन अधिग्रहण किया जाएगा।

Uttar Pradesh News : उत्तर प्रदेश में तेजी से इन्फ्रास्ट्रक्चर का विकास हो रहा है, और अब तीन जिलों में 87 गांवों की करीब 21,000 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहण कर नया शहर बसाने की योजना बनाई गई है। नया नोएडा बसाने के लिए 87 गांवों से लगभग 21000 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहण की जानी हैं। मुआवजा दर निर्धारित करने का प्रस्ताव नोएडा प्राधिकरण की बोर्ड बैठक में प्रस्तुत किया जाएगा। प्राधिकरण ने पहले ही एक हजार रुपये का बजट बोर्ड बैठक में मंजूर कर दिया था।
जमीन अधिग्रहण
नया नोएडा बसाने के लिए जमीन अधिग्रहण करने वाले अधिकारियों के सामने एक बड़ी चुनौती खड़ी हो गई है। भूमि अधिग्रहण को लेकर चल रहे विवादों को देखते हुए गौतमबुद्ध नगर, गाजियाबाद और बुलंदशहर के अधिकारी लगातार विचार कर रहे हैं। अधिकारियों ने ऐसा प्रस्ताव बनाने की कोशिश की है जिससे किसान जमीन देने के लिए सहमत हो जाएं। दादरी-नोएडा-गाजियाबाद निवेश क्षेत्र (DNR) नए नोएडा का नाम है।
87 गांवों से लगभग 21 हजार हेक्टेयर जमीन ली जानी है
नोएडा प्राधिकरण की बोर्ड बैठक में अधिग्रहण के लिए मुआवजे की दरों को निर्धारित करते हुए प्रस्ताव प्रस्तुत होने की उम्मीद है। यह निवेश क्षेत्र प्रदेश सरकार का सपना है, जिसमें कई औद्योगिक इकाइयां बनाई जाएंगी। यहां 87 गांवों से लगभग 21 हजार हेक्टेयर जमीन ली जानी है। अधिकारियों के लिए पहली बड़ी परीक्षा जमीन का अधिग्रहण है। इसके लिए सरकार कोशिश कर रही है कि बुलंदशहर, गाजियाबाद और गौतमबुद्ध नगर तीनों ही जिलों के किसानों को बिना किसी बहस के जमीन मिल सके। वर्तमान में अधिग्रहण को लेकर हजारों मामले विभिन्न न्यायालयों में लंबित हैं और किसान लगातार धरने पर हैं।
ऐसे में, अधिकारी नहीं चाहते कि किसानों को नया नोएडा बसाने के लिए भूमि अधिग्रहण में विवाद हो। किसानों के मुआवजे की दरों को निर्धारित करने के लिए बुलंदशहर विकास प्राधिकरण, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण, गौतमबुद्ध नगर और गाजियाबाद जिले के प्राधिकरणों और जिला प्रशासन के अधिकारियों के साथ नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों ने भी बैठकें की हैं। नोएडा प्राधिकरण की बोर्ड बैठक में प्रारंभिक दरों का निर्धारण किया जाएगा। किसानों से जमीन बोर्ड द्वारा निर्धारित दरों पर ली जाएगी। जमीन का अधिग्रहण सिकंदराबाद औद्योगिक क्षेत्र के पास जोखाबाद और सांवली गांव के सामने से शुरू होने की योजना है।
किसानों से समझौता करके ही जमीन लेने की कोशिश
अधिकारियों का प्रयास रहेगा कि किसानों से समझौता करके ही जमीन ली जाए। प्राधिकरण की कोशिश है कि किसानों को मुआवजे के साथ ही पांच प्रतिशत विकसित जमीन का आवंटन पत्र मिलेगा। गांव की आबादी और विकसित क्षेत्रों के बीच सीमा विवाद को स्थायी रूप से हल करने के लिए, पहले से 100 से 200 मीटर जमीन को गांव की पेरिफेरल रोड बनाने के लिए छोड़ दिया जाएगा।
किसानों की मांगों को पूरा करने के लिए नोएडा की तर्ज पर मुआवजा
प्राधिकरण के अधिकारियों के लिए भी महत्वपूर्ण चुनौती है मुआवजा राशि निर्धारित करना। सिकंदराबाद क्षेत्र के इन गांवों में मुआवजा 800 से 1700 रुपये प्रति वर्ग मीटर है, जबकि नोएडा में 5400 रुपये प्रति वर्ग मीटर है। यहां के किसान नोएडा की तरह मुआवजा देने की मांग कर रहे हैं, लेकिन प्रशासन इसे नहीं करना चाहता। नगरपालिका अधिकारियों का कहना है कि नोएडा शहर विकसित हो गया है। इसलिए यहां अधिक मुआवजा धन है। यहां समान मुआवजा राशि देना असंभव है। ऐसे में मुआवजा राशि पर समझौता करना मुश्किल होगा।
चार जोन में बसाया जाएगा
नए नोएडा का मूल योजना शहर को एक साथ बसाने के बजाय चार अलग-अलग क्षेत्रों में बसाया जाएगा। विशेष निवेश क्षेत्र लगभग 210 वर्ग किलोमीटर में बसाया जाएगा। नया नोएडा दादरी और बुलंदशहर के 87 गांवों पर बनाया जाएगा। प्रत्येक क्षेत्र में एक अलग उद्योग का हब होगा। 2041 तक पूरा नया नोएडा बनाया जाएगा। अधिकारियों ने कहा कि नए नोएडा में शिक्षा के लिए बहुत सारी जमीन दी जाएगी। ऐसे में यहां रहने वाले लोगों को दूर नहीं जाना पड़ेगा। 1 हजार 662 हेक्टेयर जमीन कॉलेजों को दी जाएगी।
तीन अलग-अलग तरह की सड़कें बनाई जाएंगी
शहर में कनेक्टिविटी को बढ़ाने के लिए तीन प्रकार का सड़क जाल बिछाया जाएगा। डीएनजीआईआर में कॉलेज को उद्योग से जोड़ने के लिए तीन मार्ग बनाए जाएंगे। 40.68 किलोमीटर लंबी पहली आर्टियल रोड बनाई जाएगी। तीसरी सेक्टर रोड 126.09 किमी की होगी और दूसरी सब आर्टियल रोड 98.34 किमी की होगी। यह सड़क नेटवर्क करीब 130 मीटर चौड़ी ग्रिड रोड से नए नोएडा के बीच से गुजरेगा। यह मार्ग दादरी से शुरू होकर खुर्जा की ओर जाता है।
जमीन अधिग्रहण का प्रस्ताव एक महत्वपूर्ण चुनौती है
तीन जिलों के 87 गांवों के किसानों को संतुष्ट करने के लिए 21 हजार हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया जाना है
नोएडा प्राधिकरण पर है नए निवेश क्षेत्र को विकसित करने की जिम्मेदारी
तीन जिलों के अधिकारी, जो अधिग्रहण की तैयारी कर रहे हैं, नोएडा प्राधिकरण की बोर्ड बैठक में पहला प्रस्ताव प्रस्तुत करेंगे।
21 हजार एकड़ जमीन पर बसाना है
नया नोएडा 2009.11 वर्ग किलोमीटर, या 200,911.29 हेक्टेयर क्षेत्र में बनाया जाएगा। इस गुरुयोजना को चार चरणों में पूरा किया जाएगा। 2023 से 27 तक 3165 हेक्टेयर का विकास करना लक्ष्य है। 2027 से 2032 तक 3798 एकड़ जमीन को इसी तरह विकसित किया जाएगा। प्राधिकरण ने फिर से 2032-37 तक 5908 हेक्टेयर और 2037-41 तक 8230 हेक्टेयर जमीन के विकास की योजना बनाई।
लाखों लोग भाग जाएंगे
व्यापार, पीएसपी संस्थान, फैसिलिटी/उद्योग, वाटरबॉडी, ट्रैफिक और ट्रांसपोटेशन भी यहां होंगे। इसकी कुल आबादी लगभग छह लाख है। इससे 3.5 लाख लोग स्थानांतरित होंगे। ईडब्ल्यूएस, एलआईजी, एमआईजी और एचआईजी यूनिट इनके लिए बनाई जाएंगी। इसके अलावा, 2 हजार हेक्टेयर से अधिक क्षेत्रफल में आवासीय क्षेत्र भी होगा।
नोएडा प्राधिकरण को बसाना
29 अगस्त 2017 को डीएनजीआईआर नामक विशेष निवेश क्षेत्र शासन द्वारा गठित किया गया था। शुरू में यूपीसीडा को इसकी जिम्मेदारी दी गई, लेकिन बाद में कुछ संशोधन किया गया। 29 जनवरी 2021 को सरकार ने इस क्षेत्र को बसाने का कार्य नोएडा प्राधिकरण को सौंप दिया।
शिकागो इंडस्ट्रियल हब की तरह पहचान बनाएगा
शिकागो इंडस्ट्रियल हब सड़क, रेलवे और हवाई मार्गो से संपर्कित है। यहां निवेशकों को अच्छे विकल्प मिलते हैं। डीएनजीआईआर भी सामरिक क्षमता है।
बुलंदशहर की ओर जाने वाले जीटी रोड व हावड़ा की ओर जाने वाली रेलवे लाइन के मध्य स्थित।
वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर दादरी से मुम्बई तक है।
ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर लुधियाना से कोलकाता तक वाया खुर्जा प्रस्तावित।
खुर्जा से एक एसपीयूआर दादरी तक निर्मित की जाएगी। ईस्टर्न और वेस्टर्न कारीडोर का कॉमन प्वाइंट होगा।
हवाई सेवा और कार्गो के लिए जेवर एयरपोर्ट है।