UP के किसानों की आमदनी होगी डबल, इन फसलों की बढ़ेगी मिठास
UP News :उत्तर प्रदेश में योगी सरकार ने किसानों की मौज कर दी है। सरकार ने योजना के तहत जिन अनाजों का चयन किया है, उनमें प्रोटीन और आयरन के साथ अन्य पोषक तत्वों की उपलब्धता का भी ध्यान रखा है. मसलन मूंगफली, चना, रामदाना में प्रचुर मात्रा में प्रोटीन उपलब्ध होता है. योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश के लगभग 1.57 लाख परिषदीय प्राथमिक विद्यालयों और प्राथमिक स्कूलों में पढ़ने वाले लगभग 1.48 करोड़ बच्चों के मध्याह्न भोजन के गुरुवार के मेन्यू में सुधार करने की योजना बनाई है।

Uttar Pradesh News : सरकार ने योजना में प्रोटीन और आयरन सहित अन्य पोषक तत्वों की उपलब्धता को भी ध्यान रखा है। चना, रामदाना और मूंगफली में प्रोटीन बहुत है। बाजरा को मोटे अनाजों में शामिल करने वाले किसानों को लाभ मिलेगा। चना बोने वाले किसानों को भी राहत मिलेगी। साथ ही गन्ना किसानों को गन्ने की मिठास मिलेगी। वहीं मूंगफली की मांग बढ़ने से उत्पादक क्षेत्र के किसान भी फायदा उठाएंगे।
उत्तर प्रदेश सरकार ने फैसला किया है कि प्रदेश के लगभग 1.57 लाख परिषदीय प्राथमिक विद्यालयों और प्राथमिक स्कूलों में पढ़ने वाले लगभग 1.48 करोड़ बच्चों के मध्यान्ह भोजन के गुरुवार के मेनू में पोषण के लिए सुधार करेंगे। अब बच्चों को हर गुरुवार को बाजरे या रामदाने का लड्डू मिलेगा। गुड़ और तिल (तिलवा), भुना चना, मूंगफली की चिक्की और गजक अन्य विकल्प हैं। सरकार इस पर फिलहाल 95 करोड़ रुपए खर्च करेगी। इसमें राज्य का योगदान 57 करोड़ रुपए और केंद्र का 38 करोड़ रुपए होगा।
बच्चों की सेहत बोनस में, किसानों की आय बढ़ेगी
योगी सरकार के इस निर्णय से संबंधित फसलों की मांग निश्चित रूप से बढ़ेगी। मांग बढ़ने पर वाजिब मूल्य मिलने से उत्पादक किसानों को भी उचित मूल्य मिलेगा। बतौर बोनस, बच्चों का स्वास्थ्य इसका सबसे बड़ा लाभ है। खाद्य सुरक्षा के बाद अब पोषण सुरक्षा महत्वपूर्ण है। विशेष रूप से महिलाओं और बच्चों में। प्रोटीन और आयरन पर भी अधिक ध्यान देना चाहिए। सरकार ने योजना में प्रोटीन और आयरन सहित अन्य पोषक तत्वों की उपलब्धता को भी ध्यान रखा है। चना, रामदाना और मूंगफली में प्रोटीन बहुत है। अन्य पोषक तत्वों के साथ, बाजार आयरन का एक अच्छा स्रोत है।
चयनित अनाजों के पोषक तत्वों पर एक नज़र
मकई: इसमें बहुत अधिक प्रोटीन और फैट है। इनकी उपलब्धता 25 प्रतिशत और 50 प्रतिशत है। दस प्रतिशत मैग्नीशियम, विटामिन ई और फाइबर भी हैं: मूंगफली में कॉपर, मैग्नीशियम, पोटैशियम, आयरन और जिंक भी होते हैं।
चीनी
चना, अन्य दलहनी फसलों की तरह, प्रोटीन का एक अच्छा स्रोत है। इसमें लगभग 19% प्रोटीन है। इसमें 10 प्रतिशत फाइबर, 2 प्रतिशत फैट, विटामिन बी 6 मैग्नीशियम, पोटैशियम, आयरन, जिंक और कॉपर हैं।
रामदाना में भी 20% प्रोटीन है
इसमें प्रोटीन के अलावा विटामिन बी6, मैग्नीशियम, पोटैशियम, जिंक, कॉपर, आयरन और फाइबर भी हैं।
बाजरा
इसमें भी लगभग 12 से 15 प्रतिशत प्रोटीन होता है। यह आयरन का एक अच्छा स्रोत है। हर व्यक्ति को उम्र, लिंग और स्वास्थ्य के अनुसार अलग-अलग मात्रा में आयरन की आवश्यकता होती है। पुरुषों की तुलना में गर्भवती महिलाओं और महिलाओं को अधिक आयरन की आवश्यकता होती है। बाजरे में प्रति 100 ग्राम लगभग 4 से 5 मिलीग्राम आयरन होता है। साथ ही बाजार में फाइबर: बाजार में मौजूद मैग्नीशियम, फाइबर, फैट और विटामिन बी6: बाजार में आयरन और मैग्नीशियम: बाजार में आयरन, जिंक और कॉपर भी उपलब्ध हैं।
क्या विशेषज्ञ कहते हैं?
आयरन की कमी से होने वाली एनीमिया आम है, अपोलो नवी मुंबई में कार्यरत वरिष्ठ स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टर तृप्ति दूबे ने बताया। विशेष रूप से किशोर लड़कियों और गर्भवती महिलाओं में आम बात हैं। इनको इस तरह के अनाज और सब्जियां खाने की सलाह दी जाती है। प्रोटीन भी मांसपेशियों के निर्माण में महत्वपूर्ण है। शरीर में होने वाली चोटों को भी ठीक करता है। यह हर उम्र के लोगों के लिए आवश्यक है। 2020 में हुए एक सर्वे के मुताबिक, बावजूद इसके करीब तीन चौथाई भारतीयों में प्रोटीन की कमी है। योगी सरकार के इस निर्णय से बच्चों और उनकी सेहत पर गंभीर प्रभाव पड़ेगा। विविधिकरण के जरिए खेतीबाड़ी भी बदल जाएगी।