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UP Bijli Bill: क्या आप भी अधिक बिजली बिल से है परेशान? यूपी सरकार ने निकाला गजब का तोड़

UP Bijli Billस्मार्ट प्रीपेड मीटर विद्युत उपभोक्ताओं को भ्रमित करेंगे। अब उपभोक्ताओं के सामान्य मीटर ही स्मार्ट प्रीपेड मीटर की तेज गति का भ्रम दूर करेंगे। प्रदेश में अब तक लगभग 12 लाख स्मार्ट मीटर लगाए गए हैं, लेकिन कई उपभोक्ताओं का कहना है कि स्मार्ट मीटर सामान्य मीटर से कहीं ज्यादा जल्दी काम करते हैं।

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UP Bijli Bill: क्या आप भी अधिक बिजली बिल से है परेशान? यूपी सरकार ने निकाला गजब का तोड़ 

UP News: स्मार्ट प्रीपेड मीटर से विद्युत उपभोक्ताओं की चिंता दूर होगी। अब उपभोक्ताओं के सामान्य मीटर ही स्मार्ट प्रीपेड मीटर की तेज गति का भ्रम दूर करेंगे।

केंद्रीय सरकार ने उपभोक्ताओं को संतुष्ट करने के लिए बिजली कंपनियों को तीन महीने तक दोनों मीटर की रिडिंग का मिलान करने का आदेश दिया है. इसमें स्मार्ट प्रीपेड मीटर और चेक मीटर को शामिल किया जाएगा। इस तरह चेक मीटर लगाने के लिए कंपनियां ग्राहकों से कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं ले सकतीं।

अब तक राज्य में 12 लाख स्मार्ट मीटल लगे हैं।

दरअसल, राज्य में अब तक लगभग 12 लाख स्मार्ट मीटर लगाए गए हैं, लेकिन बहुत से उपभोक्ता कहते हैं कि स्मार्ट मीटर सामान्य मीटर से कहीं ज्यादा जल्दी काम करते हैं।

उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने एनर्जी एफिशिएंसी सर्विसेज लिमिटेड द्वारा लगाए गए स्मार्ट मीटर से उपभोक्ताओं को आने वाली कई समस्याओं को उठाया था. पिछले दिनों, केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय की एक टीम ने प्रदेश में स्मार्ट मीटर से जुड़े विद्युत उपभोक्ताओं से उनकी समस्याओं की जानकारी ली।

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ऊर्जा मंत्रालय ने स्मार्ट मीटर से अधिकांश उपभोक्ता असंतुष्ट पाए जाने को गंभीरता से लेते हुए अब बिजली कंपनियों को स्मार्ट मीटर लगाने और उपभोक्ताओं को संतुष्ट करने की जिम्मेदारी दी है।

सरकार ने बिजली कंपनियों को कहा है कि स्मार्ट प्रीपेड मीटरों में से अनिवार्य रूप से पांच प्रतिशत उपभोक्ताओं के परिसर में पहले से लगे सामान्य मीटरों को चेक मीटर मानकर उसके समानांतर लगाए जाएंगे।

उपभोक्ताओं की संतुष्टि को तीन महीने तक मूल मीटर और स्मार्ट प्रीपेड मीटर से मिलान करके देखें। स्मार्ट प्रीपेड मीटर को लेकर, शिकायतों को सुनने वाले ग्राहकों के आसपास फ्री चेक मीटर लगाए जाएंगे।

साथ ही, मध्यम विद्युत वितरण निगम ने अपने मुख्य अभियंताओं को इस संबंध में आदेश दिया है। उल्लेखनीय है कि बिजली कंपनियां राज्य में तीन करोड़ से अधिक उपभोक्ताओं के लिए स्मार्ट मीटर लगाने के लिए 25 हजार करोड़ रुपये से तीन करोड़ रुपये के बीच नए मीटर खरीद रही हैं।

उपभोक्ता परिषद ने केंद्र सरकार से 25 प्रतिशत चेक मीटर लगाने की मांग की, क्योंकि पांच प्रतिशत चेक मीटर बहुत कम हैं। केंद्रीय ऊर्जा सचिव पंकज अग्रवाल को इस संबंध में परिषद अध्यक्ष अवधेश वर्मा ने प्रस्ताव भेजा है। वर्मा ने कहा कि उपभोक्ताओं की संतुष्टि का आकलन करने के लिए स्मार्ट प्री-पेड मीटर को कम से कम 25 प्रतिशत विद्युत उपभोक्ताओं के घरों में लगाया जाएगा।

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