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अब उत्तर प्रदेश की सड़कें बनेगी गड्ढा मुक्त, 275 करोड़ की लागत से होगा शहर का सुधार

उत्तर प्रदेश में बुनियादी सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए योगी सरकार निरंतर प्रयास कर रही है, जिससे राज्य का पूरा कायाकल्प होगा। इसका परिणाम यह है कि योगी सरकार की व्यापक कार्ययोजना सभी क्षेत्रों में दिखाई देने लगी है। 
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Now the roads of Uttar Pradesh will become pothole free, the city will be improved at a cost of Rs 275 crore.

The Chopal - उत्तर प्रदेश में बुनियादी सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए योगी सरकार निरंतर प्रयास कर रही है, जिससे राज्य का पूरा कायाकल्प होगा। इसका परिणाम यह है कि योगी सरकार की व्यापक कार्ययोजना सभी क्षेत्रों में दिखाई देने लगी है, चाहे वह औद्योगिक विकास हो या मूलभूत अवसंरचनाओं का निर्माण और पुनर्निर्माण हो। सड़कों का सौंदर्यीकरण, गड्ढामुक्ति और सड़कों का पुनर्निर्माण भी इसका उदाहरण हैं। 

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गड्ढा रहित सड़क 

लोकनिर्माण विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, साल 2022-23 के बीच प्रदेश में गड्ढा मुक्ति के लक्ष्यों को 100 प्रतिशत हासिल किया गया है और रीस्टोरेशन कार्यों को 93 प्रतिशत पूरा किया गया है। सात प्रतिशत अतिरिक्त कार्य भी तेजी से पूरे किए जा रहे हैं। CM योगी ने गड्ढा मुक्त उत्तर प्रदेश का लक्ष्य हमेशा से रखा है. इस वर्ष, लोकनिर्माण विभाग ने प्रदेश के सभी जिलों को मार्ग सुदृढ़ीकरण के लक्ष्यों को पूरा करने के लिए 275 रुपए दिए हैं। इन पर भी तेजी से काम किया जा रहा है और योगी सरकार इस पर लगातार निगरानी कर रही है।  

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लोकनिर्माण विभाग - 

लोकनिर्माण विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, राज्य में करीब 10 विभागों में 100867 मार्गों के गड्ढा मुक्ति लक्ष्य को पूरा किया गया था। 2022-23 के आंकड़ों के अनुसार, इस दिशा में पूरी सफलता मिली है। साथ ही, 98355 सड़क पुनर्निर्माण कार्यों को पूरा किया गया है। इस तरह, 2022–2023 के बीच कुल 93 प्रतिशत काम पूरा हो गया। लोकनिर्माण विभाग भी बाकी के सात प्रतिशत कार्यों को पूरा करने के लिए निरंतर प्रक्रिया जारी रखता है, जिसमें हर काम की नियमित समीक्षा और निगरानी की जाती है। लोकनिर्माण विभाग के अतिरिक्त नेशनल हाइवे (पीडब्ल्यूडी), नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया (एनएचएआई-वेस्ट यूपी), एनएचएआई (ईस्ट यूपी), मंडी परिषद, पंचायती राज, सिंचाई, ग्राम्य विकास (यूपीआरआरडीए), नगर विकास, गन्ना, आवास एवं शहरी नियोजन, अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास सहित अन्य विभागों के संयोजन से इन कार्यों को पूरा किया जाएगा। 

Regulatory Monitoring Framework तैयार

प्रदेश में सड़कों की मरम्मत के लिए आवश्यक समय सीमा निर्धारित की गई है। राज्य राजमार्गों के लिए चार वर्ष, प्रमुख जिला राजमार्गों के लिए चार वर्ष, अन्य जिला राजमार्गों के लिए पांच वर्ष और ग्रामीण राजमार्गों के नवीनीकरण के लिए आठ वर्ष की अवधि निर्धारित की गई है। इसमें टेंडरिंग और रेगुलर मॉनिटरिंग के व्यवस्थित फ्रेमवर्क को तैयार किया गया है, जिसमें सड़कों की मरम्मत, पैचवर्क और सौंदर्यीकरण योजनाओं से संबंधित समस्याओं का समाधान, बजट आवंटन और तकनीकी गुणवत्ता निर्धारण की समीक्षा शामिल हैं। विभागीय निदेशालय, जिले और जोन स्तर पर नियमित बैठकों में सभी संबंधित परियोजनाओं की वर्तमान स्थिति का मूल्यांकन किया जा रहा है।