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उत्तर प्रदेश अब इस तरीके से होगी डॉक्टरों की तैनाती, सॉफ्टवेयर हुआ तैयार

योगी सरकार ने मेडिकल कॉलेजों में डॉक्टरों की तैनाती को लेकर नया सॉफ्टवेयर तैयार किया है। मेडिकल कॉलेजों में सीनियर रेजीडेंटों की पोस्टिंग के लिए ये नया प्रयोग किया जा रहा। बताया जा रहा है कि डॉक्टरों की तैनाती में थोड़ा समय लग सकता है।  
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Uttar Pradesh will now deploy doctors in this manner, software ready

UP News : उत्तर प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों में पहली बार ऑनलाइन काउंसलिंग के जरिए डॉक्टरों की तैनाती की जाएगी। मेडिकल कॉलेजों में सीनियर रेजीडेंटों की पोस्टिंग के लिए ये नया प्रयोग किया जा रहा। यह व्यवस्था पीजी करने के बाद दो साल के लिए मेडिकल कॉलेज में तैनाती पाने वाले सीनियर रेजीडेंटों के लिए की जा रही है। 

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चिकित्सा शिक्षा विभाग इसके लिए नया सॉफ्टवेयर तैयार करा रहा है। इस तैयार होने वाले नए सॉफ्टवेयर की टेस्टिंग होते ही काउंसलिंग की तिथि घोषित की जाएगी। हालांकि इस प्रक्रिया के चलते इस बार डॉक्टरों की तैनाती में थोड़ा विलंब भी हुआ है। जल्द ही सॉफ्टवेयर तैयार होगा 

प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों से पीजी करने वाले छात्रों को दो साल सरकारी क्षेत्र में सेवा देनी होती है। इसके लिए बांड भरवाया जाता है। बांड की शर्त न मानने वालों से एक करोड़ रुपये वसूले जाने की व्यवस्था है। दरअसल, पीजी पूरी होने के तीन महीने के भीतर संबंधित डॉक्टर को सीनियर रेजीडेंट के रूप में मेडिकल कॉलेज में तैनाती देनी होती है। अभी तक मेरिट के अनुसार मेनुअल आधार पर ऐसा किया जाता था। मगर अब प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी बनाने की तैयारी है।

मेडिकल कॉलेजों को मिलेंगे 1000 डॉक्टर

प्रदेश के मेडिकल कॉलेज से पीजी करने वाले तकरीबन 1000 डॉक्टरों को जल्द ऑनलाइन काउंसलिंग के जरिए मेडिकल कॉलेजों में तैनाती दी जाएगी। इसके लिए मेरिट वही मानी जाएगी, जो उनके पीजी में प्रवेश के समय थी। उन्हें ऑनलाइन विकल्प भरने होंगे कि वे कहां तैनाती चाहते हैं। मेरिट के अनुसार उन्हें ऑनलाइन ही मेडिकल कॉलेज आवंटित कर दिया जाएगा।

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इस प्रक्रिया को अंजाम देने के लिए चिकित्सा शिक्षा विभाग एनआईसी की मदद से नया सॉफ्टवेयर तैयार करा रहा है। बताया जा रहा है कि यह लगभग बनकर तैयार है। जल्द ही इसकी टेस्टिंग शुरू होगी। इसके बाद डॉक्टरों की मेडिकल कॉलेज में तैनाती की जानी है।