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यूपी के इस शहर में अगले साल शुरू होगा वेस्ट मेट्रो का काम, यहां बनेंगे स्टेशन

UP Metro Stations : नोएडा में दर्जनों परियोजनाओं की शुरुआत लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लगते ही देरी होगी। इनमें से सबसे महत्वपूर्ण नोएडा-ग्रेनो वेस्ट मेट्रो है, जो सेक्टर-142 से बॉटेनिकल गार्डन तक जाती है।
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यूपी के इस शहर में अगले साल शुरू होगा वेस्ट मेट्रो का काम, यहां बनेंगे स्टेशन

The Chopal (UP West Metro) : 2024 के लोकसभा चुनावों की आचार संहिता लगते ही नोएडा में दर्जन भर से अधिक महत्वपूर्ण परियोजनाओं का काम शुरू होने में देरी होगी। इनमें सबसे महत्वपूर्ण दो मेट्रो लाइनें हैं: नोएडा-ग्रेनो वेस्ट मेट्रो और सेक्टर-142 से बॉटेनिकल गार्डन तक मेट्रो लाइन। यूपी सरकार अभी इन दोनों रूटों की डीपीआर की मंजूरी की फाइल रखती है। केंद्रीय सरकार इसके बाद इसे ले जाएगी। ऐसे में अगले वर्ष तक नोएडा-ग्रेनो वेस्ट मेट्रो का काम शुरू नहीं हो पाएगा। ग्रेटर नोएडा वेस्ट रूट पर मेट्रो सेवा शुरू होने में पहले से ही पांच वर्ष लग गए हैं।

नोएडा और ग्रेनो वेस्ट के बीच चलने वाली मेट्रो लाइन का रास्ता बदल गया। अब यह लाइन सेक्टर-61 और 71 तक जाएगी। यहां से गुजरने वाली दिल्ली की ब्लू लाइन को ग्रेनो वेस्ट रूट से जोड़ने के लिए सेक्टर-61 में कॉमन स्टेशन प्लैटफॉर्म बनाया जाएगा। पुराने रूट पर केंद्र सरकार ने आपत्ति जता दी थी। NMRC ने इस साल 5 फरवरी को बोर्ड बैठक में इस रूट की नई डीपीआर को मंजूरी दी। इसके बाद राज्य सरकार को मंजूरी के लिए भेजा गया। इसे राज्य सरकार ने मंजूरी नहीं दी है। आचार संहिता खत्म होने के बाद ही प्रक्रिया चल सकेगी। आचार संहिता समाप्त होने के बाद राज्य सरकार और केंद्र सरकार की मंजूरी के लिए चार से पांच महीने लगेंगे। इसके बाद निर्माण का टेंडर जारी किया जाएगा। इस प्रक्रिया में भी चार से पांच महीने लगते हैं जब कंपनी चुनी जाती है। इससे साफ है कि अगले साल काम शुरू होना चाहिए। इस साल 8 जनवरी को, सेक्टर-142 से बॉटनिकल गार्डन तक चलने वाली मेट्रो लाइन की डीपीआर भी मंजूर कर दी गई थी और यूपी सरकार को भेजी गई थी। इसलिए इस लाइन पर काम शुरू होने में भी समय लगेगा।

दो साल में भी अफसरों ने सेफ सिटी का टेंडर जारी नहीं किया

नोएडा में सेफ सिटी परियोजना को शुरू करने की तैयारी लगभग दो साल से चल रही है। प्राधिकरण के अधिकारी पिछले एक साल से निरंतर टेंडर जारी करने का दावा करते आ रहे हैं। पिछले महीने भी दावा किया गया था कि टेंडर जल्द जारी किया जाएगा, लेकिन प्राधिकरण के अधिकारी शनिवार तक ऐसा नहीं कर सके। इसलिए, कैमरे लगाने की योजना भी अटक गई है।

जब भी कंपनी पहली बार टेंडर प्रक्रिया में चुनी जाती है, तो अगले वर्ष जनवरी-फरवरी से पहले काम नहीं शुरू हो पाएगा। अभी तक की योजना के अनुसार शहर में करीब 2500 कैमरे 561 स्थानों पर लगाए जाएंगे।

चिल्ला एलिवेटेड रोड की स्थापना भी देरी से होगी

Film City Road पर जाम को दूर करने के लिए चिल्ला एलिवेटेड रोड बनाया जाना चाहिए। 2020 में शुरू हुआ था, लेकिन 2021 में पैसे के विवाद के कारण काम बंद हो गया। इसके बाद इस साल काम शुरू करने के लिए एक नया टेंडर जारी किया गया। पहली बार टेंडर प्रक्रिया में कंपनी चुनने में असफल रहा। पिछले महीने दूसरी बार टेंडर जारी किया गया था। 30 मार्च तक आवेदन करें। लेकिन अब आचार संहिता लागू होने से टेंडर नहीं खुलेगा।

बिजली सबस्टेशन भी देरी करेंगे

नोएडा-ग्रेनो एक्सप्रेसवे के निकट पांच स्थानों पर पांच बिजली सबस्टेशन बनाए जाएंगे। प्राधिकरण ने इनके लिए टेंडर जारी किए हैं, लेकिन अब यह काम पूरा होने में देरी होगी। इससे विद्युत सबस्टेशन का काम शुरू होने में समय लगेगा।

दो अंडरपास सहित अतिरिक्त कार्य भी अटक गए

नोएडा-ग्रेनो एक्सप्रेसवे पर झट्टा और सुल्तानपुर गांव के सामने एक अंडरपास बनाया जाएगा। आचार संहिता लागू होने से पहले प्राधिकरण ने टेंडर जारी करने की कोशिश की, लेकिन अब यह देरी होगी। पार्क भी कई थीमों पर बनाया जाएगा, जैसे राम वन गमन। डेकोरेटिव पोल और फव्वारे लगने में भी कुछ जगह देरी होगी।

नोएडा से साहिबाबाद मेट्रो रूट की प्रतीक्षा

गाजियाबाद, भारत लोगों को आचार संहिता लागू होने के बाद अब साहिबाबाद स्टेशन से नोएडा सेक्टर-62 तक मेट्रो फेज-3 प्रोजेक्ट का इंतजार करना पड़ेगा। डीएमआरसी और एनसीआरटीसी की संयुक्त सर्वे रिपोर्ट इस परियोजना पर शासन को भेजी गई है। शासन ही परियोजना को आगे बढ़ाने की अनुमति देगा, जब वह इस रिपोर्ट पर विचार करेगा। ऐसे में अब आचार संहिता लागू होने से इस काम पर भी असर होगा।

नई सरकार बनने तक इस परियोजना को शासन स्तर से मंजूरी नहीं मिल सकेगी। ऐसे में इस काम को जून महीने के बाद ही आगे बढ़ाया जा सकेगा। बता दें कि परियोजना की संशोधित डीपीआर में 26691.30 वर्ग मीटर जमीन की आवश्यकता है। 7690.10 वर्ग मीटर निजी जमीन और 19001.20 वर्ग मीटर सरकारी जमीन इसमें शामिल हैं। जीडीए अधिकारियों का कहना है कि सीआईएसएफ और आवास विकास निजी जमीन के मालिक हैं, जिनसे एनओसी लेना होगा। इस परियोजना का मूल्य 1873.31 करोड़ रुपये बताया गया है। जबकि मार्ग 5.017 किमी है। वैभव खंड इंदिरापुरम, डीपीएस इंदिरापुरम, शक्ति खंड इंदिरापुरम, वसुंधरा सेक्टर सात और साहिबाबाद मेट्रो इस मार्ग पर हैं।

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