The Chopal

Worst Traffic : राजधानी दिल्ली और मुंबई नहीं, भारत के इस शहर का है सबसे खराब ट्रैफिक

Worst Traffic : एक रिपोर्ट के मुताबिक ब्रिटेन की राजधानी लंदन को आधिकारिक तौर पर 2023 में गाड़ियों के लिए सबसे धीमा शहर बताया गया था। जहां व्यस्त समय के दौरान लंदन में गाड़ियों की औसत रफ्तार केवल 14 किमी. प्रति घंटा थी। रिपोर्ट के मुताबिक बताया जा रहा है कि दिल्ली मुंबई नहीं बल्कि भारत के इस शहर का टैफिक सबसे खराब है।
   Follow Us On   follow Us on
Worst Traffic : राजधानी दिल्ली और मुंबई नहीं, भारत के इस शहर का है सबसे खराब ट्रैफिक

The Chopal ( New Delhi ) देश के सभी बड़े शहरों में ट्रैफिक (Traffic) की रफ्तार लगातार सवालों के घरे में रही है. यह समस्या केवल भारत की नहीं है, पूरी दुनिया में बड़े शहरों में गाड़ियों की भीड़ और सड़कों के लिए सिमटती जगह ने ट्रैफिक की रफ्तार पर ब्रेक लगाने का काम किया है.

एक शोध रिपोर्ट (Global Traffic Report) के मुताबिक ब्रिटेन की राजधानी लंदन को आधिकारिक तौर पर 2023 में गाड़ियों के लिए सबसे धीमा शहर बताया गया था. जहां व्यस्त समय के दौरान लंदन में गाड़ियों की औसत रफ्तार केवल 14 किमी. प्रति घंटा थी. नीदरलैंड की जियोलोकेशन टेक्नोलॉजी कंपनी टॉमटॉम (TomTom) ने पिछले महीने अपनी नई रिपोर्ट में इसकी जानकारी दी है.

इसमें भारत के भी दो शहरों को सबसे धीमे शहरों की लिस्ट में शामिल किया गया है. सबसे खराब ट्रैफिक वाले शहरों में बेंगलुरु (Bengaluru) और पुणे (Pune) भी शामिल हैं. हर 10 किलोमीटर के लिए 28 मिनट और 10 सेकंड के औसत यात्रा समय के साथ बेंगलुरु ने सूची में छठा स्थान हासिल किया.

जबकि पुणे ने इसी दूरी के लिए 27 मिनट और 50 सेकंड के रिकॉर्ड यात्रा समय के साथ सातवां स्थान हासिल किया. रिपोर्ट में बताया गया है कि 27 सितंबर बेंगलुरु में यात्रा के लिए सबसे खराब दिन था. जब 10 किलोमीटर की यात्रा के लिए औसत यात्रा समय 32 मिनट था. पुणे को 8 सितंबर को अपनी चरम भीड़ का सामना करना पड़ा, जिससे समान दूरी तय करने में लगभग 34 मिनट की जरूरत हुई.

शहरों में ट्रैफिक की रफ्तार घट रही

टॉमटॉम ने 2023 के दौरान 55 देशों के 387 शहरों में ट्रैफिक के रुझान की जानकारी दी. यह टैफिक इंडेक्स 60 करोड़ से ज्यादा इन-कार नेविगेशन सिस्टम के डेटा और स्मार्टफोन्स पर आधारित है. हर शहर के लिए टॉमटॉम साल 2023 में पूरे नेटवर्क में लाखों किलोमीटर की दूरी तय करने में लगने वाले समय से प्रति किलोमीटर औसत यात्रा समय की गणना करता है. 2023 का रुझान अधिकांश शहरों में औसत गति में सामान्य गिरावट की पुष्टि करता है.

पेट्रोल और ईंधन की खपत की लागत

लंबी यात्रा के समय के कारण पेट्रोल और ईंधन की खपत दोनों में बढ़ोतरी का मोटर चालकों के बजट पर साफ असर पड़ता है. इसके कारण 60 फीसदी से अधिक शहरों में 2021 और 2023 के बीच ईंधन का औसत बजट 15 फीसदी या उससे अधिक बढ़ गया. खपत में यह वृद्धि स्वाभाविक रूप से प्रति वाहन औसत CO2 उत्सर्जन पर सीधा प्रभाव डालती है.

Also Read : UP Railway : उत्तर प्रदेश के 73 जंक्शन चमक जाएंगे, 1876.64 करोड़ की मिली मंजूरी, चेक करें लिस्ट