UP News : यूपी के बिजली विभाग का ताजा अपडेट, इन तहसीलों के गांवों की काटी जाएगी बिजली
The chopal : अप्रैल महीने की शुरुआत में ही गर्मी ने अपना रंग दिखाना शुरू कर दिया है. जिस तरह गर्मी ने लोगों को बहाल कर रखा है वहीं दूसरी ओर उत्तर प्रदेश बिजली विभाग एक बुरी खबर लेकर आया है. गर्मी में फाल्ट के चलते यूपी में बिजली कटौती (UP Me PowerCut) बढ़ती जा रही है. बिजली की बढ़ती मांग को देखते हुए पावर कॉरपोरेशन ने 19 जिलों में बिजली सप्लाई का नया आदेश जारी कर दिया है।
बिजली विभाग द्वारा जारी किए गए रोस्टर के मुताबिक (new powercut roaster) जरूरत पड़ने पर तहसील और नगर पंचायत के इलाकों में ढाई घंटे बिजली काटी जायेगी. मध्यांचल बिजली विभाग के तहत आने वाले 19 जिलों के तहसील और नगर पंचायत में ढाई घंटे बिजली की कटौती की जाएगी. इस कटौती को दो चरणों में किया जाएगा. तपती गर्मी के बीच लोगों को बिजली संकट का सामना करना पड़ेगा. इसी के चलते पानी की कमी को पूरा कर ले.
साथ ही, आपको बता दें कि बिजली विभाग (UP electricity department) ने एक बार में डेढ़ घंटे से अधिक समय तक बिजली की कटौती नहीं करने का आदेश जारी किया है। सुबह और शाम बिजली की कटौती हो सकती है। तहसील मुख्यालयों पर हर दिन सुबह 6:10 बजे से 7:10 बजे तक और शाम 4:30 बजे से शाम 6:00 बजे तक बिजली कटौती होगी, कुल 2.30 घंटे।
साथ ही, इन जिलों के नगर पंचायत क्षेत्रों में हर दिन सुबह 6 से 7:30 बजे तक और शाम को 4:15 से 5:15 बजे तक बिजली नहीं मिलेगी।
यूपी के इन जिलों में कटौती हो सकती है
बिजली विभाग ने हाल ही में रोस्टर जारी किया, जो कटौती वाले संभावित जिलों की सूची है। इसमें अंबेडकरनगर, बहराइच, बाराबंकी, बदायूं, गोंडा, लखीमपुर खीरी, पीलीभीत, शाहजहांपुर, सीतापुर, उन्नाव, अमेठी, बलरामपुर, बरेली, अयोध्या, हरदोई, लखनऊ, रायबरेली, श्रावस्ती और सुलतानपुर शामिल हो सकते हैं।
मार्च तक 24 घंटे बिजली सप्लाई
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि मार्च महीने तक गर्मी थोड़ी कम होने की वजह से राज्य के अधिकतर इलाकों में 24 घंटे बिजली सप्लाई की गई थी। हालाँकि, बढ़ती गर्मी में बिजली की मांग को देखते हुए रोस्टर व्यवस्था फिर से पूरे राज्य में लागू की जाएगी।
बिजली विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि ज्यादातर इलाकों में रोस्टर के अनुसार विद्युत सप्लाई की जा रही है। लेकिन स्थानीय स्तर पर जनता के दबाव से जो कटाव हो रहा है कॉरपोरेशन भी इसे कम करने की कोशिश कर रहा है।