The Chopal

Dearness : टमाटर-प्याज के बाद इस चीज ने बिगाड़ा रसोई का स्वाद, लोग करने लगे स्टॉक

Dearness : आम जनता को बढ़ती महंगाई का एक झटका लगा है। वास्तव में, आपको बता दें कि टमाटर-प्याज के बाद अब एक और उत्पाद का मूल्य सातवें आसमान पर पहुंच गया है। दाल-सब्जी की कीमतों में हुई बढ़ोत्तरी से आपको पहले से ही स्टॉक करना चाहिए। 

   Follow Us On   follow Us on
Dearness : टमाटर-प्याज के बाद इस चीज ने बिगाड़ा रसोई का स्वाद, लोग करने लगे स्टॉक 

The Chopal, Garlic Price today: टमाटर-प्याज की कीमतों में एक हफ्ते पहले हुई बढ़ोत्तरी के बाद अब लहसुन की कीमतों ने होश उड़ा दिया है। थोक मंडी से खुदरा बाजार में लहसुन की कीमत लगभग ढ़ाई से चार गुना बढ़ी है। थोक लहसुन 160 से 250 रुपये प्रति किलोग्राम में बेचा जाता है, लेकिन रिटेल बाजार में 400 से 600 रुपये प्रति किलोग्राम में बेचा जाता है। दामों में हुई बढ़ोत्तरी से दाल-सब्जी में बढ़ोत्तरी करना अब महंगा होने वाला है।

फरवरी में, टमाटर और प् याज की कीमतें बढ़ने लगीं। टमाटर की आवक कम होने और मांग कम होने के कारण देश भर में टमाटर की कीमतें बढ़ने लगीं। हालाँकि लहसुन की कीमतें अब बढ़ गई हैं।

लहसुन मंडी में काम करने वाले सुशील बताते हैं कि देश में प्रतिदिन लगभग 1 लाख कट्टा लहसुन खपत होता है, लेकिन पिछले कुछ दिनों से मंडियों में केवल 50 से 60 हजार कट्टा लहसुन आ पा रहा है. इससे देश भर में 40 से 50 हजार कट्टा लहसुन की मांग बनी हुई है, जिससे लहसुन की कीमतें भारी हो गई हैं। आजादपुर थोक मंडी में लहसुन की कीमत 160 से 250 रुपये प्रति किलो है।

थोक में महंगा हुआ लहसुन आज कई गुना महंगा है। दिल्ली-एनसीआर और अन्य राज्यों के खुदरा बाजार में लहसुन की कीमत 400 से 600 रुपये प्रति किलो है। जबकि इसी मंडी में पिछले साल फरवरी में लहसुन 50 से 100 रुपये प्रति किलोग्राम था।

सुशील ने बताया कि लहसुन की कीमतों में वृद्धि का कारण पिछले वर्ष लहसुन की फसल की कमी थी, जिससे फसल की आवक कम हुई। फरवरी के आखिर में देश भर में लहसुन की नई फसल आती है, लेकिन तब तक पुरानी फसल से आपूर्ति जारी रहती है। लहसुन की फसल पिछले वर्ष कम हुई, इसलिए पुरानी फसल आने तक पुरानी फसल की आपूर्ति ठप हो गई है। लिहाजा, अधिक मांग और कम पूर्ति से कीमतें बढ़ रही हैं।

अभी एमपी की फसल से देशभर में लहसुन भेजा जा रहा है, कृषक सुशील कुमार बताते हैं। जबकि उत्तर प्रदेश और राजस्थान से भी लहसुन की फसल फरवरी के अंत तक निकलनी चाहिए। ऐसे में लहसुन की कीमतें अभी कुछ और दिनों तक बढ़ सकती हैं। टमाटर 50 से 60 रुपये प्रति किलो रिटेल में मिल रहा है, जबकि प् याज पहले से महंगा हो गया है. फरवरी में दोनों सब्जियां सस्ती हो गईं।

तूर दाल में आया उछाल, आपूर्ति कमी से तेज हुई कीमतें, जानें कब तक मिलेगी राहत