EPFO के PF क्लेम नियम में हुआ ये खास बदलाव, अब इन डॉक्यूमेंट की पड़ेगी जरुरत
EPFO Rule Change : कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के तहत रजिस्टर्ड इंटरनेशनल कर्मचारी को इसके तहत छूट दी गई है। वह भी वे कर्मचारी जो भारत में काम करने के बाद अपने देश चले गए और आधार नहीं ले पाए। इसके अलावा, इसके तहत विदेशी नागरिकता प्राप्त भारतीय, जिन्हें आधार नहीं मिल सका है।
Exemption From Aadhaar Linking : कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने पीएफ क्लेम को लेकर नियम में बदलाव किया है। अब पीएफ क्लेम करने के लिए आधार (Aadhaar) अनिवार्य नहीं होगा, लेकिन यह सभी कर्मचारियों के लिए नहीं, बल्कि कुछ खास कैटेगरी के मेम्बर्स के लिए है। यह छूट कुछ कैटेगरी के कर्मचारियों के लिए यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (UAN) को आधार से लिंक करने की अनिवार्यता में छूट दी है। इस कदम से उन कर्मचारियों के लिए क्लेम करना आसान हो जाएगा, जिनके लिए आधार लेना मुश्किल काम है या यूं कहें उन्हें आधार जैसे डॉक्यूमेंट नहीं मिल सकते हैं।
किन कर्मचारियों को मिलेगी छूट?
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के तहत रजिस्टर्ड इंटरनेशनल कर्मचारी को इसके तहत छूट दी गई है। वह भी वे कर्मचारी जो भारत में काम करने के बाद अपने देश चले गए और आधार नहीं ले पाए। इसके अलावा, इसके तहत विदेशी नागरिकता प्राप्त भारतीय, जिन्हें आधार नहीं मिल सका है। स्थायी रूप से विदेश गए पूर्व भारतीय नागरिक और नेपाल और भूटान के नागरिकों को भी इसके तहत छूट दी गई है।
आधार के अलावा वैकल्पिक विकल्प
वहीं आधार की अनिवार्यता EPF&MP अधिनियम के तहत कवर किए गए उन कर्मचारियों के लिए भी नहीं रखी गई है, जो भारत के बाहर रहते हैं और आधार नहीं रखते हैं। इस बदलाव के लागू होने के साथ ही वे कर्मचारी भी EPFO के तहत क्लेम कर सकते हैं। इनके लिए एक अलग ऑप्शन रखा जाएगा।
इन डॉक्यूमेंट के तहत भी कर सकते हैं क्लेम
इन कैटेगरी के कर्मचारियों के लिए EPFO ने दूसरे डॉक्यूमेंट के जरिये पीएफ क्लेम निपटाने की अनुमति दी है। इसमें वैरिफिकेशन डॉक्यूमेंट - पासपोर्ट, नागरिकता प्रमाणपत्र या अन्य आधिकारिक आईडी प्रूफ शामिल हैं। पैन, बैंक खाता विवरण और अन्य पात्रता मानदंडों के जरिए वैरिफिकेशन की जाएगी। ₹5 लाख से अधिक के क्लेम के लिए नियोक्ता से सदस्य की प्रामाणिकता को वैरिफिकेशन किया जाएगा।
क्लेम के लिए क्या है नियम
ईपीएफओ की ओर से बनाए गए नियम में कहा गया है कि किसी भी क्लेम की अधिकारियों को सावधानीपूर्वक जांच करनी चाहिए। इसके बाद स्वीकृति अधिकारी-प्रभारी (OIC) के माध्यम से ई-ऑफिस फाइल के जरिए मंजूरी जरूरी है। वहीं कर्मचारियों को सलाह दी जाती है कि वे एक ही यूएएन नंबर बनाए रखें या पिछला सर्विस रिकॉर्ड एक ही यूएएन नंबर में ट्रांसफर कर दें। इससे क्लेम मिलने में आसानी होती है।