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Gold Price: सोने की कीमतों 3 महीने में सबसे बड़ी गिरावट, खरीदारी का सही मौका

Investment in gold: सोने की कीमत में इस हफ्ते 2.7 फीसदी की गिरावट वाकई में एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम है, और यह भी सच है कि गोल्ड का आउटलुक अभी भी सकारात्मक दिख रहा है। 

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Gold Price: सोने की कीमतों 3 महीने में सबसे बड़ी गिरावट, खरीदारी का सही मौका 

The Chopal : पिछले हफ्ते सोने की कीमत में 2.7% की गिरावट हुई। यह लगभग तीन महीने में हुई सबसे बड़ी साप्ताहिक गिरावट है। हालाँकि, विश्लेषकों का कहना है कि सोना अच्छी तरह से बना हुआ है और जल्दी ही 3,000 डॉलर प्रति औंस के पार हो जाएगा। विशेषज्ञों के मुताबिक, कई वैश्विक आर्थिक कारकों के चलते सोने की कीमतों में फिर से वृद्धि हो सकती है, जैसे कि मुद्रास्फीति, आर्थिक अनिश्चितता, और केंद्रीय बैंकों द्वारा अपनाए गए उपाय।

डॉलर इंडेक्स में लौटी मजबूती के बीच गोल्ड अंतरराष्ट्रीय बाजार में पिछले हफ्ते करीब 2.7 प्रतिशत टूटकर 2,858 डॉलर प्रति औंस पर आ गया। यह पिछले लगभग तीन महीने में हुई सबसे बड़ी साप्ताहिक गिरावट है। यह देसी बाजार में MCX पर 2% से अधिक की साप्ताहिक नरमी से 84,219 रुपये प्रति 10 ग्राम पर आ गया। हालाँकि, विशेषज्ञों का कहना है कि सोना शानदार हो गया है और जल्दी ही 3,000 डॉलर प्रति औंस के पार हो जाएगा।

कामा जूलरी के एमडी कोलिन शाह ने कहा, "ट्रेड वॉर और जियोपॉलिटिकल टेंशन से जुड़ी अनिश्चितता के चलते गोल्ड प्राइसेज को सपोर्ट बना हुआ है। हमारा अनुमान है कि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में गोल्ड जल्दी ही 3000 डॉलर प्रति औंस का स्तर छू लेगा और देसी बाजार में 88000 रुपये प्रति 10 ग्राम का स्तर छू लेगा।अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने चीन पर 10 के बजाय 20% इंपोर्ट ड्यूटी लगाने का ऐलान किया है, मेक्सिको और कनाडा के खिलाफ टैरिफ लगाने के साथ।

क्या कीमत होगी?

इधर, 27 फरवरी को आए सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, दिसंबर तिमाही में अमेरिका का जीडीपी सालभर पहले से 2.3% ही बढ़ा, जो सितंबर तिमाही में 3.1% बढ़ा था। वहीं, अमेरिका में पर्सनल कंस्यूमर एक्सपेंडिचर जनवरी में सालाना आधार पर 2.5% बढ़ा, जो दिसंबर के 2.6% से कम है। कोर पर्सनल कंजम्पशन एक्सपेंडिचर भी दिसंबर के 2.9% के बजाय जनवरी में 2.6% रहा। इन दोनों आंकड़ों से यह अनुमान मजबूत हुआ है कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व इंटरेस्ट रेट घटाएगा। रेट घटने से गोल्ड का आकर्षण बढ़ेगा।

“गोल्ड प्राइसेज के लिए अगला लॉजिकल लेवल 3,000 डॉलर बना हुआ है,” प्रभुदास लीलाधर (रिटेल ब्रोकिंग एंड डिस्ट्रिब्यूशन) के सीईओ संदीप रायचुरा ने कहा। थोड़ी गिरावट के बाद यह स्तर जल्द ही हासिल होना चाहिए।'

केंद्रीय बैंकों की भूमिका

वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के अनुसार, केंद्रीय बैंकों ने 2022 और 2023 के बाद 2024 में भी 1000 टन से अधिक सोना खरीदा है। 2024 में रिज़र्व बैंक ने लगभग 73 टन सोना खरीद लिया था। जनवरी में, चीन के केंद्रीय बैंक ने लगातार तीसरे महीने अपना गोल्ड स्टॉक बढ़ाकर 2285 टन पर पहुंच गया। केंद्रीय बैंकों की बढ़ती मांग को देखते हुए Goldman Sachs ने गोल्ड को 2025 के अंत तक 2890 डॉलर प्रति औंस से 3100 डॉलर करने का अनुमान लगाया है।

अपनी अल्फा स्ट्रैटेजिस्ट रिपोर्ट में मोतीलाल ओसवाल ने गोल्ड पर शॉर्ट टर्म में "न्यूट्रल" और लॉन्ग टर्म में "पॉजिटिव" दृष्टिकोण दिया है। उन्होंने कहा कि वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं की गोल्ड की कीमतों में बड़ी भूमिका होगी। केंद्रीय बैंक लगातार अपनी सोने की संपत्ति बढ़ा रहे हैं। गोल्ड प्राइसेज को सुस्त होने की कोई भी आशंका गोल्ड प्राइसेज को और अधिक समर्थन देगी।