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Home Loan EMI Calculator : 50 से 70 हजार कमाई वालों के लिए होम लोन लेने का तगड़ा तरीका, लोन लेने से पहले जान ले फॉर्मूला

Home Loan EMI : हर व्यक्ति अपने घर का सपना देखता है। जब कोई पढ़ लिखकर नौकरी करने लगता है, उसके पहले विचार में घर बनाना आता है। जिन लोगों के पास पहले से घर है, वे भी बड़े शहर या गांव में स्थानांतरित होने का सपना देखते हैं। लोग इन सपनों को पूरा करने के लिए होम लोन लेते हैं। लेकिन, यह निर्णय सही है या गलत? जानते हैं। 

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50 से 70 हजार कमाई वालों के लिए होम लोन लेने का तगड़ा तरीका, लोन लेने से पहले जान ले फॉर्मूला

The Chopal, Home Loan EMI : प्रापर्टी महंगी होती है। व्यापक धन खर्च करके संपत्ति मिलती है। वैसे भी आज प्रोपर्टी की कीमतें बहुत अधिक हैं। रोजाना प्रोपर्टी खरीदने के दाम बढ़ते जा रहे हैं। वहीं, दूसरी वस्तुओं की कीमतें भी बढ़ती जा रही हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि कितनी सैलरी बढ़ी वालों को होम लोन EMI लेकर घर खरीदना चाहिए? किसके लिए यह सौदा लाभदायक होगा और किसके लिए नुकसानदायक होगा? जानते हैं। 

घर लेना आसान था, लेकिन..

लोग अपने घर का सपना देखते हैं, लेकिन बाकी बातों से पहले अपना घर होना चाहिए। नौकरी पकड़ते ही लोग घर खरीदने लगते हैं। घर भी भावनात्मक है। मैट्रो शहर में ये रुझान बढ़ता ही जा रहा है। Home Loan EMI Calculator ने घर खरीदना आसान बना दिया है, लेकिन होम लोन की किस्तों को नियंत्रित करना मुश्किल है. इसलिए, होम लोन लेते समय बहुत सोच समझकर करना चाहिए। इसके लिए कुछ मूल कैलकुलेशन का ज्ञान होना चाहिए।  

फैसला आय पर निर्भर करता है

किराए पर रहना या अपना घर खरीदकर रहना फायदेमंद होगा, इस बारे में अक्सर लोगों के अलग अलग तर्क होते हैं। ये दोनों ही आपकी आय पर निर्भर करते हैं। ये निर्णय आय के आधार पर ही किए जा सकते हैं। 

घरेलू ऋण EMI और सैलरी समायोजन

कितनी सैलरी का घर खरीदना सबसे पहले आता है। तो घर खरीदने के लिए होम लोन लेना पड़ रहा है तो अपनी सैलरी और ईएमआई कैलकुलेटर में तालमेल बिठाइए। होम लोन की EMI केवल 20 से 25 प्रतिशत होनी चाहिए। एक लाख रुपये की सैलरी ले रहे हैं तो 25 हजार रुपये से अधिक की ईएमआई नहीं मिलेगी।  

50 से 70 हजार रुपये मिलते हैं तो क्या करें?

वहीं, जरूरी नहीं कि हर व्यक्ति का वेतन एक लाख हो। होम लोन EMI की किस्त भी कम रखें अगर सैलरी 50 से 70 हजार रुपये है। 25 हजार ईएमआई (EMI) इस सैलरी पर भारी हो सकता है। यह निर्णय गलत होगा। इसलिए, ऐसे परिस्थितियों में किराए पर रहना उचित होगा।

25 प्रतिशत होम लोन EMI मात्र

होम लोन की EMI (EMI) 25 प्रतिशत से अधिक नहीं जानी चाहिए, चाहे आपकी सैलरी कितनी भी हो। यदि आपकी सैलरी पच्चीस से सत्तर हजार रुपये के बीच है, तो आप सिर्फ बीस लाख रुपये का घर खरीद सकते हैं। क्योंकि इसकी मासिक ईएमआई 20 हजार रुपये के आसपास रहेगी जो दो दशक तक चलेगा। इसका अर्थ है कि इतनी सैलरी में किसी भी मूल्य पर ईएमआई 20 हजार तक होना चाहिए। 

कितनी सैलरी पर होम लोन लें

जैसा की ऊपर बताया गया है, 50 से 70 हजार रुपये की सैलरी वाले 25 लाख रुपये का होम लोन EMI Calculator ही लें। अगर आप 30 लाख का होम लोन लेना चाहते हैं, तो कुछ समय पहले पैसे बचाएँ ताकि आप अधिक से अधिक डाउन पेमेंट करके होम लोन की किस्तों को कम कर सकें। जबकि सैलरी लगभग एक लाख रुपये है, तो आप 30 से 35 लाख रुपये तक का घर खरीद सकते हैं (घर खरीदने के टिप्स)। 50 लाख रुपये का घर खरीदने का निर्णय डेढ़ लाख रुपये की सैलरी वाले व्यक्ति ले सकते हैं।  

अपनी जॉब प्रोफाइल का ध्यान रखें

आप होम लोन लेकर घर खरीद रहे हैं तो अपनी जॉब प्रोफाइल जरूर देखें। यदि आपकी जॉब और सैलरी सुरक्षित हैं तो ही ऐसा निर्णय लें; अगर नहीं, तो भूल कर भी ऐसा निर्णय न लें, जिससे आपके घर को जॉब छोड़ने के बाद बेचना पड़े। 

करियर ग्रॉथ पर ध्यान दें

अगर आप घर ले रहे हैं तो अपनी करियर ग्रोथ भी देखें। यदि किसी व्यक्ति को नौकरी में वृद्धि के साथ स्थानांतरित किया जा सकता है, तो उसे घर लेने से पहले इस बात का जरूर विचार करें। क्योंकि माल बार-बार नहीं लिया जाता 

जब आप अपनी संपत्ति खरीदकर ट्रांसफर करते हैं, आपको फैसला लेना होगा कि अपनी संपत्ति को किराए पर देकर दूसरे शहर में किराए पर रहेंगे या अपने परिवार को घर पर छोड़कर खुद किराए पर रहेंगे। इसलिए, काम करते समय इन बातों का ध्यान रखें। 

घर खरीदते समय प्रापर्टी की लागत कम हो

यदि आप महंगी किस्तों पर होम लोन लेकर घर खरीद रहे हैं, तो आप किस स्थान पर घर खरीद रहे हैं? ऐसी जगह चुनें जहां घर की कीमतों में हर साल आठ से दस प्रतिशत की वृद्धि होती है। किराया भी उचित होता है। जब तक आप होम लोन नहीं चुकाते, घर की कीमत तीगुना होनी चाहिए। 

घर खरीदना एक बड़ा निर्णय है। कभी भी जल्दबाजी में यह निर्णय नहीं लेना चाहिए। पहली नौकरी मिलते ही घर खरीदने का निर्णय बिल्कुल नहीं लेना चाहिए। पहले जॉब को स्टेबल होने दें। कुछ धन बचाएं। ईएमआई (EMI) को तुरंत नहीं मानें। यह निर्णय भविष्य में घातक हो सकता है।