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Income Tax Rules: अब 3 साल बाद नहीं खुलेंगे पुराने टैक्स केस, टैक्सपेयर्स को बड़ी राहत

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Income Tax Rules: अब 3 साल बाद नहीं खुलेंगे पुराने टैक्स केस, टैक्सपेयर्स को बड़ी राहत

income tax new rules: टैक्स भरने वालों को अपनी सालभर की कमाई के हिसाब से टैक्स जमा करना होता है। इसके लिए उन्हें कई तरह की प्रक्रियाओं से गुजरना पड़ता है। इतना सब कुछ करने के बाद भी अगर उनका पुराना टैक्स मामला फिर से खोला जाए, तो यह काफी परेशान करने वाला होता है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए सरकार ने आयकर से जुड़े नियमों में बदलाव किए हैं। अब नए टैक्स नियमों के तहत आयकर विभाग बहुत पुराने मामलों को नहीं खोल पाएगा। इस बदलाव से टैक्सपेयर्स को बड़ी राहत मिली है। साथ ही इससे आयकर विभाग की मनमानी पर भी रोक लगाई जा सकेगी।

जानिए क्या कहते हैं नए टैक्स नियम

अब आयकर विभाग (Income Tax Department) किसी भी टैक्सपेयर्स के तीन साल से पुराने टैक्स मामलों की दोबारा जांच नहीं कर सकेगा। हालांकि, अगर किसी ने 50 लाख रुपये से ज्यादा की आय छिपाई है या कोई गंभीर धोखाधड़ी हुई है, तो ऐसी स्थिति में विभाग 10 साल तक पुराने मामलों की भी जांच कर सकता है।

दिल्ली हाईकोर्ट का बड़ा फैसला

दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) ने एक अहम केस में यह साफ कर दिया है कि आयकर विभाग अब जब चाहे तब टैक्स नोटिस नहीं भेज सकता। कोर्ट ने कहा कि टैक्स विभाग को धारा 148 के तहत तय समयसीमा के भीतर ही कार्रवाई करनी होगी।

कोर्ट के अनुसार, अगर मामला 50 लाख से कम की छिपी आय का है, तो 3 साल के बाद दोबारा जांच नहीं की जा सकती। लेकिन अगर छिपी हुई आय 50 लाख से ज्यादा है, तो मामला 10 साल तक खोला जा सकता है।

कोर्ट की टिप्पणी से टैक्सपेयर्स को राहत

हाईकोर्ट ने अपने फैसले में यह भी कहा कि टैक्स विभाग सीबीडीटी के पुराने दिशा-निर्देशों के बहाने अतीत में नहीं जा सकता। इससे टैक्सपेयर्स को बड़ी राहत मिली है क्योंकि अब उन्हें कभी भी पुराने टैक्स मामलों के नोटिस नहीं मिलेंगे।

री-असेसमेंट के नियम पहले कैसे थे?

साल 2021-22 से पहले, टैक्स विभाग 6 साल तक पुराने मामलों की दोबारा जांच कर सकता था। लेकिन नए कानून के तहत अब यह समयसीमा 3 साल कर दी गई है। पहले अकसर ऐसा होता था कि विभाग के अधिकारी सालों पुराने मामले खोलकर लोगों को नोटिस भेज देते थे। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। अब विभाग को नए नियमों का पालन करना जरूरी होगा।