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Income tax new slab : टैक्सपेयर्स की बन गई मौज, इनकम टैक्स स्लैब में सरकार ने किया बड़ा फेरबदल

Budget 2025 : अपने कार्यकाल का आठवां बजट वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पेश किया है। इसमें कई टैक्स प्रावधानों सहित टैक्स स्लैब में भी बदलाव किया गया है। टैक्सपेयर्स के अलावा अन्य लोगों को भी इससे लाभ होगा। अब चार लाख रुपये सालाना कमाने वालों को कोई टैक्स नहीं देना पड़ेगा। टैक्सपेयर्स कई छूटों का लाभ भी उठा सकते हैं। क्या है नया टैक्स स्लैब?

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Income tax new slab : टैक्सपेयर्स की बन गई मौज, इनकम टैक्स स्लैब में सरकार ने किया बड़ा फेरबदल 

The Chopal, Budget 2025 : बजट की घोषणा को देश भर के लोगों ने पिछले कई दिनों से इंतजार किया है। टैक्सपेयर्स ने भी अन्य वर्गों की तरह इससे बहुत उम्मीदें की थीं। बजट जारी होने पर पूरी स्थिति स्पष्ट हो गई है। टैक्स को बजट में कई बदलाव किए गए हैं। अब करदाताओं को नए टैक्स स्लैब के अनुसार कर देना होगा। 

इस बजट ने टैक्सपेयर्स को कई महत्वपूर्ण राहत दी हैं। अब चार लाख रुपये तक की आय वालों को कोई टैक्स नहीं देना पड़ेगा, जबकि पहले ये सीमा ३ लाख रुपये तक थी। इस बार 25 प्रतिशत टैक्स स्लैब भी जोड़ा गया है। 

मोदी 3.0 का पहला विस्तृत बजट—

प्रधानमंत्री मोदी के शासन में पेश किए गए पहले पूर्ण बजट में मध्यम वर्ग को बहुत राहत मिली है। 12 लाख रुपये तक की आय पर अब कोई टैक्स नहीं लगेगा, अर्थशास्त्री ने अपने बजट भाषण में कहा

12 लाख रुपये की आय वालों को टैक्स पर 75,000 रुपये की स्टैंडर्ड डिडक्शन छूट भी मिलेगी। मिडिल क्लास की बचत में बढ़ौतरी होगी और आयकर में राहत मिलेगी। लोगों की वित्तीय स्थिति मजबूत होगी और उन्हें अधिक लाभ मिलेगा टैक्स स्लैब में किए गए बदलाव से।

बजट में वित्त मंत्री ने घोषणा की:

बजट में आयकर स्लैब में बदलाव की घोषणा हाल ही में वित्त मंत्री निर्मला सितारमण ने की है। 12.75 लाख रुपये तक की सालाना कमाई पर अब सामान्य टैक्स छूट मिलेगी। इस फैसले से मध्यम वर्ग को राहत मिलेगी और उनकी आय बढ़ेगी। 

नए नियमों के अनुसार, 0 से 12 लाख रुपये तक की आय वाले व्यक्ति को स्टैंडर्ड डिडक्शन छूट के चलते कोई टैक्स नहीं देना होगा। इसके अलावा, 13 लाख रुपये से 16 लाख रुपये तक की आय पर 15 प्रतिशत आयकर लगेगा। यह बदलाव अधिक लोगों को टैक्स से बाहर लाएगा और उन्हें आर्थिक सहायता देगा। इस कदम का लक्ष्य आम जनता को लाभ देना और उनकी आय में वृद्धि करना है, जिससे वे अपने खर्चों को बेहतर ढंग से नियंत्रित कर सकें।

16, 20 और 24 लाख रुपये की आय पर अब इतना टैक्स लगेगा

अब अधिक आय वाले लोगों पर अलग-अलग दर से टैक्स लगेगा, क्योंकि सरकार ने हाल ही में टैक्स पर कुछ महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। 16 से 20 लाख रुपये तक की आय पर 20 प्रतिशत का टैक्स लागू होगा, नए नियमों के अनुसार। 20 लाख से 24 लाख रुपये तक की आय पर 25 प्रतिशत का टैक्स लगाया जाएगा, और 25 लाख रुपये से अधिक की आय पर 30 प्रतिशत का टैक्स लगाया जाएगा। इस बदलाव के तहत अधिक दर से टैक्स देना होगा। 
नए टैक्स नियमों से आय और कमाई पर असर पड़ेगा। इस बदलाव से कुछ लोगों को राहत मिलेगी, जबकि कुछ लोगों को अधिक टैक्स देना होगा। सरकार का यह कदम आय पर अधिक ध्यान देने और बदलाव करने का एक भाग है।

इस प्रकार आय पर टैक्स बचत होगी—

हाल ही में किए गए बदलावों के बाद, अब कमाई पहले से अधिक है। 12 लाख रुपये की आय पर पहले 80,000 रुपये तक टैक्स लगता था, जो अब खत्म हो गया है। साथ ही, नवीनतम टैक्स स्कीम में 16 लाख रुपये की आय पर 50,000 रुपये की बचत होगी, जबकि 18 लाख रुपये की आय पर बचत काफी बढ़ी है और इस पर 70,000 रुपये की बचत हो सकती है। नई टैक्स व्यवस्था (2025 तक) अधिक आय वालों को भी राहत देगी। 

20 और 25 लाख रुपये की आय पर इतनी बचत होगी -

इस बदलाव से अधिक आय वाले लोगों को टैक्स में भारी छूट मिलेगी। 20 लाख रुपये की कमाई पर भी काफी राहत मिलेगी, जिसमें उन्हें 90000 रुपये की टैक्स राशि की बचत (नए टैक्स स्लैब 2025) मिलेगी, और 25 लाख रुपये से अधिक की आय पर भी बचत में वृद्धि हुई है, जिसमें 1.10 लाख रुपये की बचत (नए आयकर नियम) मिल सकती है। यह नए नियम वित्तीय स्थिति को मजबूत करते हैं, छोटे और बड़े दोनों स्तरों पर।

नए और पुराने टैक्स स्लैबों में अंतर-

टैक्स स्लैब में इस बार फिर से बड़ा बदलाव किया गया है, जो पिछले साल नवीन टैक्स रेगुलेशन के तहत किया गया था। सरकार का बजट टैक्स स्लैब (टैक्स स्लैब in budget 2025) देखते हुए बेहतर लगता है।

यह था पुराना टैक्स स्लैब -

0 से 3 लाख रुपये तक- कोई टैक्स नहीं
3 से 7 लाख रुपये तक- 5 प्रतिशत
7 से 10 लाख रुपये तक- 10 प्रतिशत
10 से 12 लाख रुपये तक- 15 प्रतिशत
15 लाख से अधिक तक- 30 प्रतिशत 

अब जानिये नया टैक्स स्लैब- 

0 से 4 लाख रुपये तक- कोई टैक्स नहीं 
4 से 8 लाख रुपये तक-  5 प्रतिशत
8 से 10 लाख रुपये तक- 10 प्रतिशत
12 से 16 लाख रुपये तक- 15 प्रतिशत
16 से 20 लाख रुपये तक- 20 प्रतिशत
20 से 24 लाख रुपये तक- 25 प्रतिशत
24 लाख से अधिक कमाई पर- 30 प्रतिशत