Onion Price: टमाटर के बाद आम आदमी को महंगाई के आसुँ रूलाएगा प्याज, इस कारण महँगे होंगे भाव

The Chopal, नई दिल्ली: देश में टमाटर की कीमतों में रिकॉर्ड बढ़ोतरी के बाद अब एक और सब्जी लोगों के जेब ढीली कर सकती है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, देश के अधिकांश शहरों में प्याज की कीमत बढ़ सकती है। कुछ व्यापारियों का कहना है कि प्याज की आपूर्ति मानसून के कारण प्रभावित हुई है, जिस कारण इस साल दिसंबर तक प्याज की आपूर्ति में कमी आ सकती है।
सरकारी आंकड़ों से पता चलता है कि महाराष्ट्र के पांच क्षेत्रों में पिछले महीने प्याज की खुदरा कीमतों में उल्लेखनीय बढ़ोतरी हुई है। हालांकि ये कीमत पिछले साल की तुलना में कम है। सरकारी डाटा के मुताबिक, भारत में साल 2020 में प्याज की एवरेज रिटेल प्राइस 35.88 रुपये, 2021 में औसत रिटेल प्राइस 32.52 और 2022 में 28.00 रुपये प्रति किलो थीं. वहीं अभी तक साल 2023 में प्याज की कीमतें स्थिर बनी हुई हैं. हालांकि आने वाले महीने में इसकी कीमत बढ़ सकती है.
सरकार के पास अभी का स्टॉक
सरकार ने करीब दो महीने पहले किसानों से लगभग 0.14 मिलियन टन प्याज का स्टॉक खरीदा है। केंद्रीय मंत्री पीयुष गोयल ने अप्रैल में बताया था कि केंद्र सरकार 2023-24 सीजन के लिए 3 लाख टन प्याज को बफर स्टॉक में रखेगी। पिछले सीजन 2022-23 के लिए 2.51 लाख टन प्याज बफर स्टॉक में रखा गया था। दूसरी ओर, भारत सरकार ने इस महीने की शुरुआत में बताया था कि 2021-22 में प्याज का उत्पादन 31.69 मिलियन टन से घटकर 31.01 मिलियन टन की आंकड़ानिकी की उम्मीद है।
यह भी पढ़ें: UP में 32 गावों की जमीन होगी अधिग्रहण, इस जिले में बनने जा रहा है रिंग रोड़
बफर स्टॉक को आमतौर पर किसी विशेष सामग्री या उत्पाद की कमी के समय रखा जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य यह होता है कि अगर किसी उत्पाद की आपूर्ति कम हो जाती है या उपभोक्ताओं की मांग बढ़ जाती है, तो उस सामग्री की कीमतें ना बढ़े और स्थिर रहें। इसके द्वारा सरकार प्रभावी मूल्य नियंत्रण की नीतियों को लागू कर सकती है और उत्पाद की सप्लाई को सुनिश्चित कर सकती है। बफर स्टॉक उपभोक्ताओं की आपूर्ति को सुनिश्चित करता है और बाजार में मूल्यों की तेजी से बढ़ोतरी को रोकता है।
80 रुपये तक टमाटर के दाम भी बढ़े
उपभोक्ताओं के मांग के अनुसार, बफर स्टॉक में प्याज रबी फसल के दौरान काटे जाने के बाद रखा जाता है और यह स्टॉक अक्टूबर-नवंबर महीने तक की खरीफ फसल की कटाई तक उपभोक्ताओं की मांग को पूरा करने के लिए उपयोगी होता है। इससे प्याज की आपूर्ति बनी रहती है और कीमतों को स्थिर रखने में मदद मिलती है। ऐसे में टमाटर की कीमतें 10 से 20 रुपये से बढ़कर 80 से 100 रुपये प्रति किलोग्राम हो चुके हैं. यानी कि प्रति किलो पर 70 से 80 तक
यह भी पढ़ें: UP : गावों में अब घर बनाना है तो पास कराना होगा नक्शा, एरिया होना चाहिए 300 वर्ग मीटर