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Saving account: बैंक खाते में रखा अगर इससे अधिक पैसा, तो परेशानी उठाने के लिए रहे तैयार

Saving Bank account :यह आम है कि लोग अपने पैसे को अधिक बचत करने के लिए सेविंग अकाउंट बनाते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि सेविंग अकाउंट नियम में पैसे कैसे जमा कर सकते हैं? यदि आपके सेविंग अकाउंट में पांच लाख रुपये से अधिक धन है, तो ये आपके लिए मुश्किलों को बढ़ा सकता है। आइए नियमों को विस्तार से जानें।

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Saving account : बैंक खाते में रखा अगर इससे अधिक पैसा, तो परेशानी उठाने के लिए रहे तैयार 

The Chopal, Saving Bank account : केंद्र सरकार समय-समय पर ट्रांजेक्शन के कुछ नियम बनाती है। वित्त मंत्रालय ने पिछले कुछ दिनों में सेविंग अकाउंट में कैश जमा करने का नियम बनाया है। यदि आप अपने सेविंग अकाउंट में इससे अधिक धन रखते हैं, तो आपके पास अधिक समस्याएं हो सकती हैं। साथ ही आपकी जमा रशि, या नकद जमा सीमा, भी खतरा हो सकता है। जानकारी के लिए बता दें कि बैंक के पास 5 लाख रुपये की धनराशि सुरक्षित रखने की सीमा है। 5 लाख रुपये से अधिक का निवेश करने पर आपको मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। 

बजट में घोषणा की गई:

2020 में, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट (बजट 2025) में कहा था कि आपका 5 लाख रुपये तक का पैसा बैंक में सुरक्षित रहेगा। वहीं पांच लाख रुपये से अधिक की रकम आपके बैंक खाते में सुरक्षित नहीं है। संकट की स्थिति में, Nirmala Sitharaman Budget के बाद यह अतिरिक्त राशि ग्राहकों को मिल सकती है या नहीं, यह बैंक की स्थिति और अन्य कारकों पर निर्भर करेगा। 

ग्राहकों की सुरक्षा के लिए नियम बनाए गए हैं—

यही कारण है कि आपको बैंक खाते में पांच लाख रुपये से अधिक की रकम जमा करने से बचने की सलाह दी जाती है, खासकर अगर यह रकम आपकी पूरी जमा (Bank Deposit Insurance) पूंजी है. ऐसा इसलिए किया जाता है ताकि आपका पैसा किसी अप्रिय परिस्थिति में सुरक्षित रहे। यह नियम ग्राहकों को बचाने के लिए बनाया गया था, ताकि वे बैंक संकट की स्थिति में भी कम से कम एक निश्चित राशि वापस पा सकें।

डिपॉजिट इंश्योरेंस कम सीमा

हाल ही में सरकार ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है जो बैंकों के संकटग्रस्त ग्राहकों को राहत देगा। ग्राहकों को डिपॉजिट इंश् योरेंस (Deposit Insurance) का क्लेम सिर्फ 90 दिनों या 3 महीने में मिल सकेगा अगर किसी बैंक पर संकट आता है और उस पर मॉरेटोरियम लगा दिया गया है। 

अब 90 दिन में पैसे मिलेंगे-

ग्राहकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए यह कदम उठाया गया है। इसके परिणामस्वरूप डिपॉजिट इंश् योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन (DICGC) कानून में संशोधन किया गया है, जिससे ग्राहक को 90 दिनों के भीतर 5 लाख रुपये तक का क्लेम (bank collapses hone par claim) मिल सकेगा अगर बैंक में उनकी जमा रकम संकट में फंसी हुई है।

2020 बजट में घोषणा की गई:

सरकार ने बजट 2020 में एक बड़ा बदलाव किया, जो बैंक निवेश गारंटी को 5 लाख रुपये कर दिया। यह पहले केवल एक लाख रुपये था। नया नियम 4 फरवरी 2020 से लागू हो गया है, जिसका अर्थ है कि ग्राहक के खाते में जमा 5 लाख रुपये तक की रकम सुरक्षित रहेगी अगर बैंक किसी भी कारण से डूब जाता है। अगर ऐसा होता है, बैंक आपको पांच लाख रुपये तक लौटा देगा।

इतनी रकम FD को वापस मिलेगी-

डिपॉजिट इंश्योरेंस नियम के तहत आपके पास 5 लाख रुपये की गारंटी मिलेगी अगर आपके पास किसी भी बैंक में एक से अधिक खाते हैं या फिर आपके पास बचत खाता और एफडी (Fixed Deposit) खाता दोनों में धन जमा है। इसका अर्थ है कि चाहे आपके खाते में कितनी भी रकम हो, आपको FD नियम के अनुसार 5 लाख रुपये तक की राशि वापस मिलेगी अगर बैंक डूबता है या दिवालिया होता है। यदि किसी व्यक्ति के खाते में 10 लाख रुपये हैं और अलग से एफडी कराई गई है, तो सिर्फ 5 लाख रुपये तक इंश्योर्ड होगा।

आप धन को सुरक्षित रख सकते हैं:

पिछले पचास वर्षों में भारत में किसी भी बैंक का दिवालिया होना दुर्लभ रहा है, लेकिन जानकारों का सुझाव है कि एक से अधिक बैंकों में अपने जमा पैसे रखना एक अच्छा उपाय हो सकता है ताकि जोखिम को कम किया जा सके। 1993 से पहले, सरकार ने जमा बीमा कवर को 1 लाख रुपये से 5 लाख रुपये कर दिया था। ग्राहकों को इस बदलाव से अपनी जमा राशि पर अधिक सुरक्षा मिल रही है।

सीमा बढ़ाने की संभावनाएं—

आने वाले समय में इस सीमा को और बढ़ाना भी संभव है। ताकि बैंक डुबने पर ग्राहकों को अधिक से अधिक धन मिल सके। इसके अलावा, बैंक अब हर 100 रुपये के जमा पर 12 पैसे (पहले 10 पैसे) का प्रीमियम देगा। यह प्रीमियम डिपॉजिट इंश्योरेंस कवर के लिए बनाया गया है, जिसका उद्देश्य ग्राहकों को अधिक सुरक्षित रखना है।