Taxpayers : मोदी सरकार ने टैक्सपेयर्स को दी अच्छी खबर, 1 लाख रुपये तक Tax डिमांड होगा माफ

The Chopal, Income Tax Demand Waived : मोदी सरकार ने देश के करोड़ों टैक्सपेयर्स का ध्यान रखते हुए उन्हें बड़ी राहत दी है. उन एक करोड़ से ज्यादा टैक्सपेयर्स के लिए बड़ी राहत की खबर है जिनके ऊपर इनकम टैक्स विभाग ने एक लाख रुपये तक के टैक्स डिमांड को नोटिस भेजा हुआ है. इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने स्मॉल टैक्स डिमांड को वापस लेने के लिए प्रति टैक्सपेयर 1 लाख रुपये की सीमा निर्धारित की है. यह निर्णय अंतरिम बजट में डायरेक्ट टैक्स डिमांड को वापस लेने के संबंध में की गई घोषणा के बाद लिया गया है.
1 लाख रुपये तक टैक्स डिमांड माफ
सीबीडीटी ने अपने आदेश में कहा कि 31 जनवरी 2024 तक एसेसमेंट ईयर 2020-11 तक के लिए हर एसेसमेंट ईयर में 25,000 रुपये तक के टैक्स डिमांड पर छूट देकर उसे खत्म किया जाएगा. वहीं एसेसमेंट ईयर 2011-12 से लेकर एसेसमेंट ईयर 2015-16 तक 10,000 रुपये प्रत्येक वर्ष के हिसाब से टैक्स डिमांड पर छूट देकर उसे खत्म किया जाएगा. लेकिन ये सब रकम मिलाकर 1 लाख रुपये से ज्यादा नहीं होना चाहिए. आईसीएआई के पूर्व प्रेसीडेंट वेद जैन ने पुराने टैक्स डिमांड को खत्म किए जाने के सरकार के कवायद पर कहा, इसे एक प्रकार से पुराने टैक्स डिमांड को राइटऑफ के दौर पर देखा जा सकता है जिससे बुक्स को क्लीन किया जा सके. दो महीने के के भीतर सेंट्रल प्रोसेसिंग सेंटर, बेंगलुरु को ये आदेश लागू करना होगा.
वित्त मंत्री ने टैक्सपेयर्स के लिए किया ये बड़ा ऐलान
इससे पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने टैक्सपेयर्स का ध्यान रखते हुए 2024-25 के अंतरिम बजट में घोषणा की थी कि सरकार ने डायरेक्ट टैक्स मामले में पुराने विवादित टैक्स डिमांड से लोगों को राहत देने का प्रस्ताव किया है. इसके तहत वित्त वर्ष 2009-10 तक 25,000 रुपये और 2010-11 तक 10,000 रुपये तक के विवादित इनकम टैक्स डिमांड वापस लिए जाएंगे. वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार का ध्यान टैक्सपेयर्स के लिए सर्विस में सुधार पर है.
टैक्सपेयर्स को मिली बड़ी राहत
वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा, इज ऑफ लिविंग और इज ऑफ डूइंग बिजनेस में सुधार लाने के सरकार के विजन को ध्यान में रखते हुए सरकार ने टैक्सपेयर सर्विसेज के मद्देनजर ये बड़ा फैसला लिया है. उन्होंने कहा कि बड़ी संख्या में छोटी मोटी, गैर-सत्यापित गैर-समाधान या विवादित इनकम टैक्स डिमांड हैं जिसमें से कई 1962 से बकाया है जो अभी तक इनकम टैक्स विभाग के बुक्स यानि खाते में मौजूद है. इससे ईमानदार टैक्सपेयर्स को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है तो टैक्स रिफंड जारी करने में रुकावटें पैदा हो रही है. जिसके चलते सरकार ने ये बड़ा फैसला लिया है.
ये पढ़ें - UP के इन 45 हजार मकानों पर होगी कड़ी कार्रवाई, नोटिस के बाद प्रॉपर्टी होगी कुर्क