UGC Guidelines: अब यूजीसी बदलेगी देश मे उच्च शिक्षा की तस्वीर, नई गाइडलाइन का पूरा मसौदा तैयार

नई दिल्ली : विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) की ओर से देश में उच्च शिक्षा के मौजूदा ढांचे में बडे़ बदलाव के लिए नई गाइडलाइन का मसौदा तैयार कर लिया है. इस मसौदे को जल्द से जल्द अंतिम रूप दे दिया जाएगा. आपको बता दे कि इसके लागू होने के बाद देश में उच्च शिक्षा के ढांचे मे पूरी तरह से बदलाव आ जाएगा.इस नए मसौदे के अनुसार, अब देश में यूजीसी की ओर से ड्यूल डिग्री प्रोग्राम, क्रेडिट स्कोर सिस्टम और मल्टी-डिसिप्लिनरी एजुकेशन सिस्टम (बहु-विषयक शिक्षा प्रणाली) को लागू कर दिया जाएगा. इस मसौदे को अप्रैल-मई 2022 तक अंतिम मंजूरी मिल सकती है. हालांकि, इसे लागू करने के लिए 2035 तक की समय-सीमा तय की गई है.
यूजीसी के मौजूदा चेयरमैन एम जगदीश कुमार ने बताया कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने उच्च शिक्षा संस्थानों में मल्टी डिसिप्लिनरी सिस्टम को प्रोत्साहित करने के लिए अपनी योजनाओं के लिए ड्राफ्ट गाइडलाइन यानी मसौदा दिशा-निर्देश तैयार किए हैं. ये बदलाव, सरकार की नई शिक्षा नीति 2020 की घोषणाओं के अनुरूप हैं.और इन दिशा-निर्देशों को जल्द ही अंतिम रूप दिया जाएगा. आपको बता दे कि जब इन्हें मंजूरी दे दी जाएगी तो एक ही समय में दोहरी डिग्री पाने की संभावना बन जाएगी.देश की सरकार भविष्य की जरूरतों के अनुसार, उच्च शिक्षा में बड़े बदलाव करने की ओर अग्रसर है.
मल्टी डिसिप्लिनरी शिक्षा पद्धति में कॉलेज भी होंगे स्वायत्त
यूजीसी की इस नई ड्राफ्ट गाइडलाइन के अनुसार, उच्च शिक्षा संस्थानों के पास मल्टी डिसिप्लिनरी प्रणाली को अपनाने के प्रकार के अलग अलग तरीके होंगे.और इससे विश्वविद्यालयों से संबद्ध कॉलेज भी मल्टी डिसिप्लिनरी शिक्षा प्रदान करके डिग्री देने वाले स्वायत्त यानी ऑटोनॉमस कॉलेज बन सकते हैं. दूसरी और कॉलेजों या विश्वविद्यालयों के पास भी दोहरी डिग्री प्रदान करने के लिए कोलेब्रेशन करने का विकल्प भी होगा. इस ड्राफ्ट गाइडलाइंस में कहा गया है कि एक बार दाखिला लेने के बाद छात्र पहली डिग्री उसी संस्थान में प्राप्त करेंगे जबकि दूसरीअन्य डिग्री उस संस्थान के सहयोगी या पार्टनर संस्थान से दूसरी डिग्री बिना किसी अलग प्रकार की प्रवेश प्रक्रिया के कर सकेंगे.
कैसे काम करेगी दोहरी डिग्री प्रक्रिया
अगर हम उदाहरण के तौर पर देखें तो कोई छात्र आईआईटी से बीटेक कर रहा है और उस आईआईटी का दिल्ली विश्वविद्यालय से सहयोग समझौता है तो वह छात्र बिना किसी प्रवेश-प्रक्रिया के दिल्ली विश्वविद्यालय से किसी अन्य पाठ्यक्रम में भी डिग्री प्राप्त कर सकता है. एनईपी इस बात पर भी ध्यान देता है कि सभी संबद्ध कॉलेज 2035 तक डिग्री प्रदान करने वाले बहु-विषयक स्वायत्त संस्थान बन जाएंगे. और इसके प्रभाव से सरकार छात्रों के लिए ऑनलाइन दूरस्थ शिक्षा को लागू करने में सक्षम होगी. यह नया ड्राफ्ट कॉलेजों को अधिक विविध विषय बनाएगा और ऑनलाइन शिक्षा की दिशा में अधिक अवसर और खंड प्रदान करेगा.
क्या है यूजीसी की मुख्य योजना?
- 2035 तक सभी संबद्ध कॉलेजों को डिग्री प्रदान करने वाले मल्टी डिसिप्लिनरी स्वायत्त संस्थानों में बदलना.
- मल्टी डिसिप्लिनरी रिसर्च इंटेंसिव यूनिवर्सिटीज (आरयू) तैयार करना.
- मल्टी डिसिप्लिनरी टीचिंग इंटेंसिव यूनिवर्सिटीज (टीयू) तैयार करना.
- विश्वविद्यालयों में आपसी सहयोग और समझौतों के तहत दोहरी डिग्री कार्यक्रम की पेशकश करने की छूट.
- समान क्षेत्र के कॉलेजों के समूहों को आपसी समझौते के तहत डीम्ड विश्वविद्यालय में बदलने की अनुमति.
- विभागों और विषयों को आपस में जोड़कर संस्थाओं को अकादमिक तौर पर मजबूती देना.