गर्मियों में मटके का पानी सेहत को फायदे की जगह पहुंचा सकता है नुकसान, ये 5 गलतियां पड़ेगी भारी
Water Cooling: मिट्टी के मटके का पानी गर्मियों में सच में वरदान जैसा होता है. ये नेचुरल तरीके से ठंडा होता है और सेहत के लिए भी काफी फायदेमंद होता है। लेकिन हां, मटके में पानी भरते वक्त कुछ ज़रूरी बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है, वरना इसका फायदा उल्टा नुकसान भी कर सकता है।

The Chopal : गर्मियों में अधिकांश लोग मटके का पानी पीना चाहते हैं। कारण इसका स्वाद और सेहत के लाभ हैं। हालाँकि, कुछ छोटी-छोटी बातों का ध्यान न रखना भी सेहत को खराब कर सकता है। जब गला गर्मियों में धूप से सूखने लगता है, तो ठंडा पानी अमृत से कम नहीं लगता। वहीं क्या होगा अगर ये ठंडा पानी मिट्टी के मटके से आता है? गर्मियों में मटके का ठंडा पानी बहुत उपयोगी है। मिट्टी के मटके से निकला ठंडा पानी न केवल शरीर को ठंडक देता है, बल्कि फ्रिज के पानी की तुलना में भी बहुत अच्छा है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि मटके में पानी भरते समय कुछ विशिष्ट बातों का ध्यान रखना बहुत महत्वपूर्ण है? अगर नहीं, तो परिणाम उल्टा भी हो सकता है! तो चलो जानते हैं कुछ महत्वपूर्ण युक्तियाँ जिससे मटके का पानी और भी ताजगीभरा, शुद्ध और सेहतमंद हो जाएगा।
नया मटका इस्तेमाल करते समय इस बात को ध्यान में रखें
नए मटके में मिट्टी और धूल के छोटे-छोटे कण होते हैं, इसलिए उन्हें तुरंत पानी भरना सुरक्षित नहीं है। यही कारण है कि जब भी आप नया मटका खरीदते हैं, उसे पहले धोकर पानी से भरकर 12 से 24 घंटे तक छोड़ दें। फिर इस पानी को फेंक दें। नए मटके में धूल-मिट्टी और केमिकल दूर हो जाते हैं। अब आप इसमें पानी भर सकते हैं।
मिट्टी का मटका हमेशा छांव में रखें
अगर आप ठंडे पानी के लिए मिट्टी के मटके का उपयोग कर रहे हैं, तो उसे हमेशा छाव वाली जगह पर रखें। दरअसल, मिट्टी के मटके को धूप में या गर्म स्थान पर रखा जाएगा, तो उसका पानी नहीं ठंडा होगा, और मटकी की मिट्टी भी खराब होने की संभावना बढ़ जाएगी, जो मटके को जल्दी फूटने का कारण बन सकता है। इसलिए मिट्टी के मटके को हमेशा छांव वाली ठंडी जगह पर रखें।
पुराने मटके का उपयोग नहीं करें
साल में एक बार नया मटका नहीं खरीदने वाले लोग सिर्फ पुराने मटके को धोकर फिर से इस्तेमाल करते हैं। अगर आप भी ऐसा करते हैं, तो सावधान हो जाएं। दरअसल, मिट्टी के बर्तन में समय के साथ दरारें आ जाती हैं, जो नजर नहीं आतीं। इनमें फंगस या बैक्टीरिया छिपा सकते हैं। ऐसे में इस मटके में रखा पानी आपकी सेहत को खराब कर सकता है। इसलिए हर साल एक नया मटका खरीदना बेहतर होगा।
मटके की साफ-सफाई पर खास ध्यान दें
पानी रखने के लिए मिट्टी के मटके का उपयोग करते समय उसे साफ करना बहुत महत्वपूर्ण है। दरअसल, अगर मटके को लंबे समय तक नहीं धोया जाता, तो उसमें काई या फंगस लग सकता है, जो पानी को खराब कर सकता है। यही कारण है कि मटके को हर चार से पांच दिन में खाली करके ब्रश या साफ कपड़े से अंदर से धोना चाहिए। मटके को साफ करने के लिए किसी भी केमिकल या डिटर्जेंट का इस्तेमाल करने से बचें। पानी और नींबू के साथ बेकिंग सोडा से इसे धो सकते हैं।
गंदा या अनफिल्टर्ड पानी को मटके में नहीं डालें
कभी-कभी लोग नल का पानी सीधे मटके में भरते हैं, जो सही नहीं है। नल का पानी अक्सर साफ नहीं होता और बैक्टीरिया पाए जा सकते हैं। इसलिए मटके को भरने से पहले पानी को छान लें या फिल्टर वाले पानी का इस्तेमाल करें। इससे मटके का पानी ना सिर्फ स्वादिष्ट होगा, बल्कि आपकी सेहत भी सुधरेगी।