राजस्थान का एकमात्र हिल स्टेशन, यहां की खूबसूरती हर किसी का मन मोह ले
Rajasthan Hill Station : राजस्थान के बारे में आपने खूब सुना होगा। देश विदेश से राजस्थान की खूबसूरती को निहारने लाखों लोग यहां पर आते हैं। प्रदेश की संस्कृति रहन-सहन पारंपरिक धरोहर यहां पर आने वाले के मन में समा जाती है। राजस्थान का एकमात्र हिल स्टेशन हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड को भी टक्कर देता है। इस बार आपका घूमने का प्लान है तो आप राजस्थान के इस हिल स्टेशन जरूर घूमने जाएं।

Rajasthan Tourist Destination : राजस्थान अपनी खूबसूरती के लिए देश-विदेश में जाना पहचाना जाता है। राजस्थान की संस्कृति, यहां का रहन-सहन और पारंपरिक धरोहर विदेश के लोगों को यहां आने पर मजबूर करती है। राजस्थान का एकमात्र हिल स्टेशन माउंट आबू ऊंची पहाड़ियों में स्थित है। राजस्थान का माउंट आबू की खूबसूरती है कि लोग देश-विदेश से यहां घूमने आते हैं। आबू में ऐसी कई जगह है जो पर्यटकों के आरक्षण का केंद्र बनती है।
राजस्थान का मसूरी
जब बात हिल स्टेशनों की आती है तो अधिकांश लोग उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश की ओर जाते हैं. लेकिन राजस्थान के सिरोही जिले में स्थित माउंट आबू, दिल्ली से 760 किमी दूर है और अरावली की पहाड़ियों से घिरा हुआ है. आप नैनीताल की तरह यहाँ बोटिंग कर सकते हैं। यह हिल स्टेशन अरावली की पहाड़ियों से घिरा है और चारों ओर हरियाली है। नैनीताल की तरह, आप इस हिल स्टेशन पर बोटिंग कर सकते हैं। इस हिल स्टेशन को खूबसूरती के कारण राजस्थान का मसूरी कहा जाता है।
नक्की झील
नक्की झील की एक कहानी है। कहा जाता है कि देवताओं ने इस झील को अपने हाथों से खोदा था। नक्की झील का पानी सर्दियों में जम जाता है, जिससे यह झील बर्फ की चादर की तरह दिखती है। यह झील, जो एक ऊंची पहाड़ी पर स्थित है, खूबसूरती का एक अनोखा नमूना है जिसे देखने के लिए कोई नहीं जाता। इस झील की सुंदरता को माउंट आबू जाने वाले हर व्यक्ति को देखना चाहिए।
सनसेट पॉइंट और सनराइज पॉइंट
सूर्योदय और सूर्यास्त का चित्रण माउंट आबू का सबसे सुंदर दृश्य है। माउंट आबू पहाड़ी पर स्थित है, इसलिए लाखों लोग सूर्योदय और सूर्यास्त को देखने आते हैं। इस स्थान को सनसेट पॉइंट और सनराइज पॉइंट कहा जाता है। यह सुबह और शाम का दृश्य हर किसी को मोह लेता है। आप भी इस खूबसूरत दृश्य को देखेंगे तो आपको नजारे आयेगें। इसलिए माउंट आबू जाकर इसे देखें।
गुरु की चोटी
माउंट आबू हिल स्टेशन 1220 मीटर की ऊंचाई पर बसा हुआ है। बहुत से पर्यटक दूर-दूर से आते हैं। यह हिल स्टेशन पर्यटकों के बीच हनीमून शहर के रूप में भी जाना जाता है। यहाँ पर्यटक प्रकृति की असली खूबसूरती देख सकते हैं। इस हिल स्टेशन से करीब 2 किलोमीटर दूर सनसेट प्वॉइंट और नक्की झील की सैर कर सकते हैं। यात्रियों को इस जगह से सांझ ढलते हुए सुंदर दृश्य देखने का मौका मिलता है। यात्रियों को माउंट आबू में गुरु शिखर हिल स्टेशन तक पहुँचना पड़ता है। इसे भी गुरु की चोटी कहते हैं। यात्रियों को इस चोटी से यहाँ के सुंदर दृश्य देखने का मौका मिलता है। माउंट आबू हिल स्टेशन के करीब यह शिखर है।
टॉड रॉक
माउंट आबू में बहुत कुछ है जो आपको हैरान कर देंगे. एक ऐसा ही विशाल पत्थर है जिसे टॉड रॉक कहा जाता है; इसका आकार एक मेंढ़क की तरह लगता है और आपको लगता है कि एक मेंढ़क नदी में कूदने के लिए तैयार है। मेंढ़क का आकार लिए हुए पत्थर देखकर आपको प्रकृति की खूबसूरती पर गर्व होगा और हैरानी होगी। माउंट आबू की सुंदरता की प्रशंसा यहीं खत्म नहीं होती। यहां एक नन रॉक भी है। यह नन रॉक घूंघट किसी महिला की तरह लगता है।अब आप सोचिए कि किसी पत्थर पर एक स्त्री का रूप देखकर आपको क्या लगेगा। इसलिए मांउट आबू पर्यटकों को आकर्षित करता है।
अचलगढ़ किला
माउंट आबू में अचलगढ़ किला यंहा आने वाले हर किसी का आकर्षण का केंद्र बनता है। यहां के सुंदर नजारें इस किले की खूबसूरती को चार चांद लगाते हैं। मवाद के राजा राणा कुम्भा ने यह किला बनाया था। यह किला एक पहाड़ी पर है। भक्तों की आस्था इस किले में स्थित अचलेश्वर महादेव मंदिर में है। शिव भगवान को यह मंदिर समर्पित है। यह कहा जाता है कि मंदिर में भगवान शिव के पैरों के निशाने हैं। इस किले में भगवान शिव के पैरों के निशान देखने के लिए भक्तों की भीड़ लगी रहती है। अब आपको इस किले में जाकर भगवान शिव को देखना कितना सुखद होगा।
गोमुख मंदिर
माउंट आबू में गोमुख मंदिर है। यहाँ हर साल हजारों पर्यटक आते हैं क्योंकि इस मंदिर में कुछ खास है। मंदिर में पानी निकलने वाली एक गाय की प्रतिमा है। अब तक कोई नहीं जानता कि यह पानी आखिरकार कहां से आता है। इसलिए इसे गोमुख मंदिर कहा जाता है। मंदिर में भी संगमरमर की एक नंदी की प्रतिमा और एक विशाल सर्प की प्रतिमा हैं जो भक्तों को आकर्षित करती हैं।