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राजस्थान की इस मंडी में आवक कमजोर, सौंफ और ग्वार के भाव हुए तेज, जानिए क्यों आया उछाल

Mandi Bhav Today : राजस्थान प्रदेश में बीते वर्ष रबी सीजन 2023-24 के दौरान 9 हजार हैक्टेयर के लक्ष्य के मुकाबले मेड़ता कृषि कलस्टर में 25 हजार हैक्टेयर में सौंफ की बुवाई हुई थी। जिस वजह से उत्पादन में बढ़ोतरी के कारण सौंफ के भाव कम हुए है। मंडी में भाव का कम होना किसानों के लिए चिंता बना हुआ है। 

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राजस्थान की इस मंडी में आवक कमजोर, सौंफ और ग्वार के भाव हुए तेज, जानिए क्यों आया उछाल

Merta Mandi News Today : राजस्थान प्रदेश में इस साल रबी सीजन की मसाला फसल सौंफ की बुवाई पिछले वर्ष की बजाए करीब 68 फीसदी तक कम हुई है। पिछले साल ज्यादा बुवाई व आवक अधिक होने के बाद कम मिले भावों के बाद किसानों का रुझान घट गया। वहीं, इसके उलट कम बुवाई की वजह से उत्पादन घटने के आसार से मंडी में अब सौंफ के भावों में इन दो दिनों में 1500 रुपए तक का उछाल आया है। वहीं, मूंग, ग्वार सहित कृषि जिंसों के भावों में भी बढ़ोत्तरी हुई है। सहायक निदेशक कृषि कार्यालय के आंकड़ों के अनुसार पिछले साल रबी सीजन 2023-24 के दौरान 9 हजार हैक्टेयर के लक्ष्य के मुकाबले मेड़ता कृषि कलस्टर (डेगाना शामिल) में 25 हजार हैक्टेयर में सौंफ की बुवाई हुई थी। नतीजन, उत्पादन बढ़ने की वजह से सौंफ के भाव कम हो गए थे।

पिछली साल 2023 में अधिकतम 28 हजार रुपए प्रति क्विंटल तक बिकी सौंफ 14 से 15 हजार रुपए प्रति क्विंटल तक पहुंच गई। डाउनफॉल यहीं नहीं रुका, 2024 में अगस्त माह के दौरान सौंफ के भाव 6 हजार तक पहुंच गए। अधिक बुवाई और पैदावार के बाद कम मिले भावों के कारण इस बार किसानों का रुझान सौंफ की बुवाई की ओर नहीं दिखा। परिणाम स्वरूप इस बार पिछली बार की एवज में केवल सौंफ की 32 फीसदी बुवाई हुई है।

रबी सीजन 2024-25 के आंकड़ों के अनुसार 8400 हेक्टेयर के लक्ष्य के मुकाबले केवल 5500 हैक्टेयर में सौंफ की बुवाई हुई है। मेड़ता से अलग हुए डेगाना कृषि कलस्टर क्षेत्र की बुवाई माने तो उस एरिया में 2500 हैक्टेयर में सौंफ की बुवाई हुई है। मेड़ता व डेगाना कलस्टर की बुवाई को मिलाए तो 8 हजार हैक्टेयर होती है। जो गत साल से तीन गुना कम है।

इस तरह आया भावों में उतार-चढ़ाव (साल 2024 में)

माह भाव
अप्रेल 11400
मई 11000
जून 8700
जुलाई 7000
अगस्त 6000
सितंबर 6800
अक्टूबर 6700
नवंबर 7300
दिसंबर 8800

मंडी में आवक पर नजर डाले तो नवंबर महीने के 16 दिनों में जितनी आवक हुई, उतनी दिसंबर माह के दौरान 23 दिन खुली मंडी में भी नहीं हुई। दिसंबर के 31 में से 23 दिनों के दौरान मंडी में 1 लाख 80 हजार 266 क्विंटल कृषि जिंसों की आवक हुई। मंडी व्यापार एवं उद्योग संघ अध्यक्ष हस्तीमल डोसी ने बताया कि नवंबर माह के 16 दिनों में 3 लाख 4 हजार क्विंटल कृषि जिंसों की आवक हुई।

आवक कम हो रही तो बढ़ रहे इन जिंसों के भाव

वहीं, दूसरी तरफ मंडी में दिनों-दिन कम होती आवक के बीच मूंग, ग्वार सहित कृषि जिंसों के भावों में उछाल देखने को मिल रहा है। ताजा बात करें तो बुधवार को मंडी में मूंग के भाव 400 रुपए प्रति क्विंटल तक तेज रहे। जहां 7700 रुपए प्रति क्विंटल बिकने वाला मूंग 8100 रुपए प्रति क्विंटल तक बका। मूंग की उच्च क्वालिटी की कई ढेरियां 8300 रुपए तक भी बिकी।