IAS Success Story: बचपन चाय बेचते बीता, फिर मेहनत कर बने IAS अधिकारी, देखें सफलता की कहानी

Success Story of Himanshu : अपनी मेहनत और लगन बलबूते पर अपने पिता के साथ चाय बेचने वाले हिमांशु गुप्ता यूपीएससी की परीक्षा देकर आईएएस अधिकारी बन गए. बहुत गरीब परिवार से आने वाले हिमांशु का बचपन आम बच्चों की तरह बिल्कुल भी नहीं था. अपने पिता का हाथ बंटाते हुए हिमांशु ने जब अनपढ़ लोगों को उंगली पर पैसा ना गिन पाते देखा तब उन्होंने निर्णय लिया कि वह पढ़ाई से ही अपनी जिंदगी बदलेंगे.
हिमांशु के पिता एक दिहाड़ी मजदूर थे, और बाद में वह चाय बेचने का काम करने लगे. हिमांशु स्कूल की छुट्टी के बाद अपने पिता का चाय ठेला चलाया करते थे. जब उन्होंने देखा की लोग अपनी उंगली पर पैसा भी नहीं गिन पाते तो उन्हे शिक्षा का महत्व और अधिक समझ या गया और उन्होंने निश्च कर लिया कि वे पढ़ाई से अपनी जिंदगी और तकदीर को बदलेंगे. हिमांशु का बचपन कठिनाइयों भरा रहा था. उनके घर से स्कूल की दूरी लगभग 35 किलोमीटर थी. वह अपनी शुरुआती पढ़ाई के लिए 70 किलोमीटर की दूरी रोजाना तय करते थे. उसके बाद वह अपने पिता का उनके चाय बेचने के काम में हाथ भी बँटवाते थे.
कक्षा 12वीं की पढ़ाई खत्म करने के बाद हिमांशु दिल्ली के हिंदू कॉलेज पढ़ाई करने पहुंचे थे. यह पहला बार था जब वह किसी मेट्रो सिटी में पहुंचे थे. उन्होंने अपने पिता के मोबाइल फोन पर देश के अच्छे इंस्टिट्यूट के बारे मे पता किया तब उन्हें दिल्ली यूनिवर्सिटी के बारे में जानकारी मिली. उनके अच्छे अंक होने के कारण वहां उन्हें एडमिशन भी मिल गया. पैसे की कमी के चलते उन्होंने कभी कोचिंग भी नहीं ली. उन्होंने बिना कोचिंग के यूपीएससी की तैयारी शुरू की और इसमें वह सफल भी हुए.हांलाकि पहले प्रयास में वह फेल हो गए थे. क्योंकि उन्हें अपने और परिवार के लिए पैसों की बहुत जरूरत थी. और वे एमफिल करने लग गए. इस फैसले से पैसे तो आ गए पर सिविल सर्विस और रिसर्च के बीच पढ़ाई के लिए समय निकाल पाना बहुत मुश्किल था. हिमांशु ने वर्ष 2019 मार्च में अपनी थीसेस पूरी की.
सपने देखें, मेहनत और खुद पर विश्वास रखें
शुरुआत में मिली निराशा के बाद भी हिमांशु गुप्ता ने अपने इरादों पर कायम रहे और उन्होंने सिविल सेवा परीक्षा (UPSC CSE) पास की कर ली. पहली बार में इन्हें भारतीय रेलवे यातायात सेवा (IRTS) कैडर मिला। दूसरे प्रयास में ये आईपीएस बने और आखिर में आईएएस बनकर ही सांस ली. हिमांशु बताते हैं कि यदि आपके सपने बड़े हैं तो आप जिंदगी में किसी भी मुकाम पर पहुंच सकते है इसलिए आपकी छोटी जगह से हो ना छोटे स्कूल में पढ़ना तथा आर्थिक स्थिति कोई मायने नहीं रखते है. उनका कहना है सपने देखें, मेहनत करें और खुद पर विश्वास रखें क्योंकि सपने बिल्कुल सच होते हैं. आपकी जॉब आपको एक से दूसरे कैरियर में ले जाएगी पर आपके सपने आपको कहीं भी लेकर जा सकते हैं.