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Aalu Ki MSP: किसानों को बड़ी राहत! न्यूनतम समर्थन मूल्य पर सरकार खरीदेगी आलू, इतना मिलेगा भाव

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आलू का भाव आलू किसान

The Chopal ( ब्यूरो) : देश के उत्तर प्रदेश राज्य के गाजीपुर जिले के ग्रामीण इलाकों में सभी किसान इन दिनों अपने खेतों के आलू निकालकर मंडियों में बेच रहे हैं। वहीं, कई किसान कम कीमत होने की चलते आलू को कोल्ड स्टोर में भी रख रहे हैं। इन किसानों का कहना है कि जब कीमत ऊपर उठेगी तभी आलू को कोल्ड स्टोर से निकाल कर मंडी में बेचेंगे। हालांकि, कम कीमत को देखते हुए उत्तर प्रदेश सरकार ने आलू की मिनिमम सपोर्ट प्राइस (MSP) भी तय कर दी है। सरकार ने 650 रुपये प्रति क्विंटल की दर से आलू की खरीदारी करने की घोषणा की है। इसके बावजूद भी किसान भी खुश नजर नहीं आ रहे हैं।

किसानों का कहना है कि आलू को बोने से लेकर खेते से निकालने तक करीब 800 रुपये प्रति क्विंटल तक की लागत आ रही है, जिसमें किसानों और मजदूरों की मजदूरी भी शामिल है। ऐसे में जब लागत 800 रुपये प्रति क्विंटल तक है और सरकार 650 रुपये प्रति क्विंटल की दर से खरीदारी करने की बात कह रही है तो यह बात किसानों के हित में कहीं से भी नहीं दिख रही है।

800 रुपये प्रति क्विंटल के आसपास तक लागत 

आपको बताते चलें कि आलू की खेती करने वाले किसान ठंड के मौसम में आलू की क्यारियों में पानी देने के लिए रात- रात भर जागते हैं। और बहुत मेहनत करते है।  इसके अलावा आलू को कई तरह के रोगों से बचाने के लिए उन्हें कीटनाशकों का छिड़काव भी फसल में करना पड़ता है। ऐसे में किसानों की खेती पर लागत और बढ़ जाती है। लेकिन मौजूदा समय में बाजार में इसका कोई रेट न होने के कारण किसान परेशान नजर आ रहे हैं। ऐसे में शासन के द्वारा आलू का msp रेट घोषित किए जाने के बाद किसान कही से भी खुश नजर नहीं आ रहे हैं। इसकी असली वजह यह है कि आलू का लागत मूल्य करीब 800 रुपये प्रति क्विंटल के आसपास तक आ रही है।

किसानों ने 25 क्विंटल आलू सड़कों पर फेंका 

दरअसल, इस साल उत्तर प्रदेश के साथ- साथ अन्य राज्यों में भी आलू की बंपर पैदावार हासिल हुई है। इससे आलू का रेट मार्केट में काफी गिर गया है। आलम यह है कि कई किसान सड़कों पर आलू को फेंक रहे हैं। शुक्रवार को ही बिहार के बेगूसराय में खबर सामने आई थी कि किसानों ने उचित कीमत नहीं मिलने से 25 क्विंटल आलू सड़कों पर ही फेंक दिया। इसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुआ था। हालांकि, अधिकारियों की तरफ से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया था।

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