किसानों के लिए बड़ी खुशखबरी, मिलेगी डीजल से 10 गुना सस्ती बिजली, खास प्लान तैयार
Agriculture News: किसानों की सिंचाई आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए सौर ऊर्जा आधारित पहलें शुरू की हैं, जिससे किसानों के चेहरे पर खुशी लौट आई है। इन पहलों के तहत, राज्य सरकार किसानों को सोलर पंप सेट लगाने में सहायता प्रदान कर रही है, जिससे वे अपने खेतों की सिंचाई के लिए निर्बाध बिजली प्राप्त कर सकें।

The Chopal : बिहार सरकार ने खेतों की सिंचाई के लिए बिजली उपलब्ध कराने में महत्वपूर्ण कदम उठाया है। सोलर एनर्जी (Solar Energy) से बिजली मुहैया कराने की राज्य सरकार की पहल से खेतों की सिंचाई के बारे में चिंतित किसानों में उत्साह लौट आया है। सरकार का पहला लक्ष्य किसानों को सस्ती बिजली देना है। सारकार की कड़ी मेहनत का परिणाम भी स्पष्ट होने लगा है। हालाँकि, राज्य सरकार सभी किसानों को डेडिकेटेड फीडर से खेती करने के लिए बिजली देती है। सोलर एनर्जी अब किसानों को बिजली देगी।
योजना के तीसरे चरण में सोलर प्लांट्स से 1200 मेगावाट बिजली कृषि फीडरों को दी जाएगी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कई बार रिन्युएबल एनर्जी की आवश्यकता बताई है। कहा जाता है कि कोयले का भंडाल भी कम हो रहा है। यद्यपि कोयला आधारित बिजली महंगी होगी, रिन्युएबल एनर्जी ही असली बिजली है; यह कभी खत्म नहीं होने वाला है। इससे मिलने वाली एनर्जी टिकाऊ और सस्ती होगी। रिन्युएबल एनर्जी को सरकार ने किसानों को सस्ती बिजली देने के लिए चुना है।
5.5 लाख कृषक ने कनेक्शन प्राप्त किया
मुख्यमंत्री कृषि पम्प विद्युत कनेक्शन योजना के तहत राज्य के कृषि फीडरों से अब तक पांच लाख पच्चीस हजार किसानों को बिजली दी गई है। इस वर्ष के अंत तक बाकी किसानों को सूचना दी जाएगी।
1235 फीडर पहले स्थापित किए गए
राज्य में कृषि कार्यों के लिए किसानों को बिजली उपलब्ध कराने की पहली चरण में 1235 डेडिकेटेड फीडर बनाए गए हैं। 800 मेगावाट क्षमता वाले निर्माणकर्ता का चयन करने के लिए निविदा आमंत्रित की गई है। विनिमयक आयोग से अनुमोदित तीन एजेंसियों ने पांच पावर सब स्टेशनों के आठ फीडरों से 17.85 मेगावाट विद्युत उत्पादन करने का अनुबंध किया है। योजना के दूसरे चरण के लिए बोली लगाई गई है। 1600 मेगावाट की सोलर एनर्जी प्लांट 1121 सब स्टेशन के 3681 कृषि फीडरों को ऊर्जा देगा।
बिजली की लागत डीजल की तुलना में दस गुना कम है
राज्य सरकार किसानों को बिजली बिल पर 92 प्रतिशत से अधिक सब्सिडी देती है। डीजल की तुलना में यह दस गुना सस्ता है। राज्य के किसानों को सिंचाई के लिए मुफ्त बिजली कनेक्शन मिलेंगे।