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Business Idea: मात्र 5 हजार लागत वाली ये खेती कराएगी आपको लाखों का फायदा

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THE CHOPAL - कृषि संस्थान किसानों को मशरूम की खेती का प्रशिक्षण देने के लिए कार्य करने में जुटे भी हुए हैं। बता दे की इसी कड़ी में MP केशाजापुर स्थित कृषि विज्ञान केंद्र में मशरूम की खेती का व्यवसायिक प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है। एमपी के किसान के मुताबिक वह मशरूम की खेती करता हैं। उसने कहा की वो मशरूम की खेती करते हुए उसे 2 साल हो भी चुके हैं। मशरूम की खेती करने के लिए खेत की जरूरत नहीं होती है. जहां एक बंद कमरे में मशरूम की खेती कर सकते हैं या फिर घास फूस की झोपड़ी में भी मशरूम की खेती आसानी से हो जाती है.

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कैसें करें मशरूम की खेती -

इस दौरान किसान राधेश्याम ने बताया कि मशरूम की खेती एक नार्मल टेंपरेचर में भी हो सकती है, जिसका लगभग तापमान 20 से 25 डिग्री होता है. यदि हम तापमान को मेंटेन कर लेते हैं तो मशरूम की खेती में कोई परेशानी नहीं होगी. एक कमरे के अंदर 200 मशरूम के बैग आसानी से लगाया जा सकते हैं, जिसमें 5000 रुपए तक का खर्चा आता है और हमको 15 हजार से 20000 हजार का मुनाफा आसानी से मिल जाता है.

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कृषि वैज्ञानिक बोलीं- मशूरम से किसान कमा सकतें है मुनाफा -

इस दौरान कृषि विज्ञान केंद्र शाजापुर में कृषि वैज्ञानिक केंद्र की वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ गायत्री रावल वर्मा ने बताया कि शाजापुर जिले में मशरूम की खेती को बढ़ावा दिए जाने के लिए हमारे द्वारा प्रशिक्षण कार्यक्रम का भी आयोजन किया जा रहा है. मशरूम की खेती से अधिक मुनाफा कमा सकते हैं. उन्होंने आगे कहा कि यह प्रशिक्षण ग्रामीण बेरोजगार युवाओं को रोजगार से जोड़ने के लिए आयोजित किया जाता है.

मशरूम प्रोटीन का मुख्य स्रोत

इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में मशरूम खेती की संपूर्ण जानकारी प्रदान की जाती है. वहीं, वैज्ञानिक डॉ गायत्री रावल वर्मा ने कहा कि मशरूम की खेती का प्रशिक्षण एक्सपर्ट की तरफ से किसानों को दिया जाता है . इसी कड़ी में एक्सपर्ट को भी किसानों को कृषि विज्ञान केंद्र में बुलाया जाता है. उन्होंने बताया कि मशरूम की खेती लाभ का धंधा है. इसको हर किसान को करना चाहिए. चूंकि, मशरूम प्रोटीन का एक मुख्य स्रोत होता है.