भारतीय धान तोड़ेगा सारे रिकॉर्ड, अमेरिकी एग्रीकल्चर ने कही ये बात
Record rice production in india 2024 : भारत में बड़े स्तर पर कृषि की जाती है। भारत में गेहूं, चावल और कपास मुख्य फसलों में आते हैं। इस बार भारत में चावल उत्पादन में रिकॉर्ड तोड़ने वाला है। कई कृषि विभाग के अधिकारियों ने इस बारे में जानकारी दी है।

The Chopal : भारत में बड़े स्तर पर चावल की खेती की जाती है। भारत की बड़ी आबादी खेती बाड़ी से अपना गुजारा करती है। अमेरिका के कृषि विभाग ने बताया कि इस साल भारत में 142.0 मिलियन टन रिकॉर्ड चावल उत्पादन होगा। पिछले अनुमान से यह आंकड़ा 3% अधिक है। अमेरिका में इस बार 49.0 मिलियन हेक्टेयर जमीन पर धान की खेती की गई है। अमेरिका के कृषि विभाग ने इस पूर्वानुमान के साथ भारत के किसानों को बड़ा बयान दिया है। जानें विस्तार से
2024 से 2025 तक भारत में 142.0 मिलियन टन रिकॉर्ड चावल उत्पादन की उम्मीद है। अमेरिकी कृषि विभाग ने यह घोषणा की है। अमेरिकी कृषि विभाग के पिछले महीने के अनुमान से 2 प्रतिशत और पिछले वर्ष के अनुमान से 3 प्रतिशत अधिक धान उत्पादन का यह आंकड़ा है।
धान का रिकॉर्ड उत्पादन
49.0 मिलियन हेक्टेयर में चावल की लगी फसल ने धान का रिकॉर्ड उत्पादन किया है, अमेरिकी कृषि विभाग ने बताया। इस बार धान की बुवाई पांच साल की औसत से छह प्रतिशत अधिक है और 2023 से दो प्रतिशत अधिक है। अमेरिकी विभाग का अनुमान है कि इस बार प्रति हेक्टेयर 4.35 टन धान का उत्पादन होगा। चावल का उत्पादन प्रति हेक्टेयर 1 प्रतिशत कम है और पिछले वर्ष की औसत से 4 प्रतिशत अधिक है।
अमेरिकी विभाग के अनुसार, धान कपास (Cotton) की तुलना में कम जोखिम और अधिक पैदावार देता है। इसलिए बहुत से किसान कपास को छोड़कर धान की खेती कर रहे हैं। 20 सितंबर, 2024 तक देश के कृषि मंत्रालय ने 41.35 मिलियन हेक्टेयर में धान की बुवाई की घोषणा की, जो पिछले वर्ष से 2 प्रतिशत अधिक और पिछले पांच वर्षों के औसत से लगभग 3 प्रतिशत अधिक है।
जुलाई के बाद धान की बुवाई
सैटेलाइट डाटा के अनुसार, देश के उत्तरी-गंगीय क्षेत्रों (उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल और ओडिशा) में अच्छी फसल की उम्मीद है, जहां करीब 30% खरीफ फसल होती है। ज्यादातर किसानों ने इस बार जुलाई के बाद धान की बुवाई की है। विश्व कृषि उत्पादन रिपोर्ट के अनुसार, अगस्त-सितंबर में हुई अधिक बारिश और दक्षिण-पश्चिम मानसून की देर से विदाई ने देरी से बोई गई धान की फसल को लाभ दिया है। अमेरिकी कृषि विभाग का यह अनुमान किसानों में धान की लोकप्रियता को व्यक्त करता है। देश के किसान धान की फसल पर भरोसा करते हैं। वहीं, इस फसल की अच्छी उपज क्षमता के कारण किसान इसे चुन रहे हैं।