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किसानों के लिए बड़ी मुस्किल, आढ़ती व प्राइवेट एजेंसियों कर रही हैं लूट, अभी MSP पर सरसों नही खरीद रही सरकार

 

THE CHOPAL (चंडीगढ़) - हरियाणा में सरसों फसल की कटाई का अभी सीजन चल भी रहा है और अधिकतर जिलों में अब सरसों मंडियों में पहुंचना भी शुरू हो गई है लेकिन अभी तक सरकारी खरीद शुरू नहीं होने से किसानों को मंडियों में सरसों औने- पौने मूल्यों पर बेचने पर मजबूर भी होना पड़ रहा है।  सरकार की तरफ से सरसों की सरकारी खरीद में अब देरी करने से किसानों के चेहरे अब फसल की तरफ मुरझाए भी हुए हैं.

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एक अनुमान के अनुसार , सरसों की लगभग 50 % फसल मंडियों में अभी पहुंच भी चुकी है लेकिन अभी तक सरसों की सरकारी खरीद शुरू भी नहीं होने से प्राइवेट एजेंसियां कम रेटों पर किसानों से अब सरसों खरीद भी रही है. किसानों का यह कहना है कि प्राइवेट एजेंसियां और आढ़ती आपस में मिलकर उनकी फसल को MSP से कम रेट पर खरीद भी रहे हैं। आपको बता दे की किसानों को  प्रति क्विंटल उन्हें 700 रुपए तक नुकसान भी उठाना पड़ रहा है. एक तरफ सरकार यह दावा कर रही है कि 15 MARCH से सरसों की सरकारी खरीद शुरू कर दी जाएगी और 5,450 रुपए न्यूनतम समर्थन मूल्य पर सरसों खरीद करेगी। आपको बात दे की दूसरी तरफ  किसान फिलहाल 4,800 से 5,000 रुपए प्रति क्विंटल सरसों बेचने को काफी मजबूर भी हैं। 

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प्राइवेट एजेंसियां -

किसानों का अब यह कहना है कि वो घर से सरसों की फसल सुखा कर भी ला रहे हैं लेकिन फिर भी मंडी में फसल पहुंचने पर एजेंसियां फसल को सुखाने के लिए डाल भी रही है। आढ़ती नमी अधिक होने का बहाना बनाकर कम रेट पर किसानों से सरसों खरीद भी रहे हैं। आपको बता दे की किसानों के अनुसार सरकार थोड़ा पहले अगर सरकारी खरीद शुरू भी कर देती तो इस लूट से किसान अब बच सकते थे। आपको बता दे की सरसों की फसल अब प्रति एकड़ एवरेज भी 6-8 क्विंटल ही निकल भी रही है और उपर से रेट भी कम मिल रहा है, ऐसे में किसानों की लागत भी अभी  पूरी नहीं हो रही है।