Mustard MSP: किसानों के लिए अब नया संकट, MSP से नीचे गिरे सरसों के दाम, जाने अपडेट
THE CHOPAL (Mustard MSP) - आपको बता दे की सरसों के दाम मिनिमम सपोर्ट प्राइस (MSP) से नीचे गिरने पर अब खाद्य तेल संगठनों के प्रमुख निकाय साल्वेंट एक्स्ट्रैक्टर्स एसोसिएशन (SEA) ऑफ इंडिया ने सरकार से हस्तक्षेप करने की मांग की है। बता दे की इसके साथ ही साल्वेंट एक्स्ट्रैक्टर्स एसोसिएशन ने कीमतों में गिरावट को रोकने के उपायों के माध्यम से रिफाइंड पाम तेल के आयात रोकने के लिए और सरकार के द्वारा सरसों की खरीद शुरू करने को लेकर भी कहा गया हैं। आपको जानकारी के लिए बता दे की साल्वेंट एक्स्ट्रैक्टर्स एसोसिएशन ने खाद्य और वाणिज्य दोनों सचिवों के लिए एक मांगपत्र में कहा है कि थोक बाजार में अब सरसों की कीमतें 5,450 रुपये प्रति क्विंटल के भाव अब MSP से नीचे भी गिर गए हैं और आवक दैनिक आधार पर भी ज्यादा बढ़ भी रही है।
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बेलगाम रिफाइंड पाम ऑयल के मूल्य -
आपको बता दे की SEA के कार्यकारी निदेशक बी वी मेहता ने कहा, आगे मूल्यों में और गिरावट से इनकार भी नहीं किया जा सकता है। बता दे की उन्होंने यह भी कहा कि रिफाइंड पाम ऑयल के आयात से घरेलू खाद्य तेल की कीमतों में भारी गिरावट भी आई है, जो कटाई के चरम वक्त में सरसों के बीज के बिक्री को काफी प्रभावित भी कर रही है और यह किसानों को संकट में भी डाल दिया हैं। आपको बता दे कीं उन्होंने कहा, हमें यह लगता है कि रिफाइंड पामोलिन के भारी आयात से भी न तो हमारे सरसों किसान को मदद भी मिल रही।
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कीमतों में गिरावट -
आपको बता दे की कीमतों में और गिरावट को रोकने के लिए साल्वेंट एक्स्ट्रैक्टर्स एसोसिएशन ने सुझाव भी दिया है कि सरकार रिफाइंड पाम तेल के आयात को प्रतिबंधित श्रेणी में रखकर या फिर कच्चे पाम तेल (CPO) और पामोलिन के बीच इम्पोर्ट ड्यूटी के अंतर को कम से कम 20 फीसदी तक बढ़ाकर इस गिरावट को रोका भी जा सकता हैं। इसके अलावा सरकार नेफेड जैसी एजेंसियों के माध्यम से MSP पर सरसों की खरीद शुरू भी करा सकती है।