बड़ी खबर! राजस्थान विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस को लग सकता बड़ा झटका, 11 तारीख को सचिन पायलट की नई पार्टी का ऐलान
The Chopal, जयपुर: राजस्थान विधानसभा चुनाव से पहले सचिन पायलट के नाम के साथ राजस्थान में राजनीतिक संकट की चर्चाएं हो रही हैं। पायलट ने कांग्रेस पार्टी से अलग होकर अपनी अलग पार्टी की स्थापना करने का अभियान शुरू कर दिया है। इससे पहले उन्होंने कांग्रेस नेताओं के साथ विवादों को लेकर खुलकर बातचीत की कोशिश की थी, लेकिन वे अपने निर्णयों से संतुष्ट नहीं रहे और कांग्रेस से अलग होने का फैसला लिया है। इससे राजस्थान की राजनीतिक सीने में उन्हें अग्रणी भूमिका मिली है और चुनावी दंगल में उनका योगदान महत्वपूर्ण हो सकता है।
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मीडिया रिपोर्ट्स की मानें, तो इस प्रक्रिया में प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) की राजनीतिक सलाहकार फर्म I-PAC पायलट की मदद कर रही है। माना जाता है कि I-PAC के वॉलंटियर्स ने 11 अप्रैल को उनकी एक दिन की भूख हड़ताल की योजना बनाने में पायलट की मदद की थी। उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के कार्यकाल में हुए कथित भ्रष्टाचार पर कोई कार्रवाई न होने के खिलाफ ये हड़ताल की थी।
प्रशांत किशोर की राजनीतिक सलाहकार फर्म I-PAC ने सचिन पायलट की पांच दिन की पदयात्रा के आयोजन में भी सहायता की थी। इस पदयात्रा में पायलट ने अजमेर से जयपुर तक पैदल यात्रा की थी और यह यात्रा 15 मई को समाप्त हुई थी। यात्रा के समापन पर जयपुर के बाहरी इलाके में रैली में पायलट ने भाषण दिया था, जहां उन्होंने गहलोत सरकार से तीन मांगें रखी थीं। ये तीन मांगें थीं:
1. राजे सरकार के दौरान कथित भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई की मांग।
2. राजस्थान लोक सेवा आयोग का पुनर्गठन।
3. परीक्षा पेपर लीक से प्रभावित युवाओं को मुआवजा देने की मांग।
पायलट ने इन मांगों को पूरा करने के लिए 31 मई को समय सीमा निर्धारित की थी और अगर मांगें पूरी नहीं हुईं तो उन्होंने राज्यव्यापी आंदोलन शुरू करने की धमकी दी थी।
हां, वास्तविकता में ऐसी रिपोर्ट्स सामाग्री हैं कि सचिन पायलट 11 जून को अपने पिता राजेश पायलट की पुण्यतिथि पर एक बड़ी घोषणा करने की तैयारी में हैं। इस अवसर पर उन्हें एक रैली करने की योजना है और यह संभावित है कि वे अपनी पार्टी के लॉन्च की घोषणा कर सकते हैं।
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इसके साथ ही, रिपोर्ट्स के अनुसार, नई पार्टी का नाम 'प्रगतिशील कांग्रेस' (Pragatisheel Congress) हो सकता है। 29 मई को पार्टी के प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे और पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ बैठक के बाद, केंद्रीय नेतृत्व की ओर से गहलोत और पायलट का एक फोटो सेशन कराया गया है, लेकिन राज्य कांग्रेस में आंतरिक विवाद देखने को मिल रहा है।
पायलट ने 31 मई को अपने निर्वाचन क्षेत्र टोंक के दौरे के बीच मीडिया को बताया था कि उन्हें गहलोत सरकार द्वारा रखी गई तीन मांगों से कोई समझौता करने की संभावना नहीं है। यह स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि उन्हें अपनी मांगों को पूरा करने के लिए अपनी नई पार्टी की स्थापना की योजना है।